धनबाद: हर्ल सिंदरी खाद में बॉयलर का ट्रायल शुरु, खाद कारखाना में 20 साल बाद उठा धुआं,लोगों में खुशी की लहर
हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (हर्ल ) के सिंदरी यूनिट हर्ल सिंदरी के पहले बॉयलर का सोमवार से ट्रायल शुरू हो गया है। यहां दो बॉयलर हैं। अभी एक को ही ट्रायल के तौर पर शुरु किया गया है। एफसीआईएल बंद होने के 20 वर्षों बाद पहली बार धुंआ देख कर सिंदरी के लोग काफी खुश है।
धनबाद। हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (हर्ल ) के सिंदरी यूनिट हर्ल सिंदरी के पहले बॉयलर का सोमवार से ट्रायल शुरू हो गया है। यहां दो बॉयलर हैं। अभी एक को ही ट्रायल के तौर पर शुरु किया गया है। एफसीआईएल बंद होने के 20 वर्षों बाद पहली बार धुंआ देख कर सिंदरी के लोग काफी खुश है।
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हर्ल जीएम कामेश्वर झा ने बताया कि गेल के द्वारा बिछाई गई गैस पाइप लाईन की मदद से हर्ल ने बॉयलर का ट्रायल शुरू कर दिया है। मैनेजमेंट ने पूजा-पाठ कर पहले बॉयलर का ट्रायल शुरू कर दिया है। यह ट्रायल एक सप्ताह तक चलेगा। इसके बाद दूसरे बॉयलर का भी एक सप्ताह के लिए ट्रायल चालू किया जायेगा।फिर दोनों बॉयलर नियमित रूप से चालू हो जायेंगे।
2022 मार्च के अंतिम सप्ताह तक चालू होगा यूरिया का प्रोडक्शन
जीएम कामेश्वर झा ने बताया कि सभी कार्य पूरे होने के साथ ही मार्च 2022 के अंतिम सप्ताह तक सिंदरी खाद कारखाना में प्रोडक्शन चालू कर दिया जायेगा। डीएम वाटर, एचआरएसजी (हीट रिजर्व सिस्टम जनरेटर), यूरिया सब स्टेशन को चार्ज कर लिया गया है। इस माह के अंत तक इमरजेंसी डीजल जनरेटर का काम पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर्ल की सालाना उत्पादन क्षमता 11.75 लाख टन प्रति वर्ष (प्रति दिन 3850 टन) होगी। निर्माणाधीन हर्ल प्रोजेक्ट का काम लगभग 96 परसेंट पूरा कर लिया गया है।मार्च 2022 के अंत तक इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया जायेगा। इसमें 350 अस्थायी सहित 1000 कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर रखा जायेगा। जरूरत के हिसाब से समय अनुकूल होने पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई भी जायेगी।
उल्लेखनीय है कि 2016 में हर्ल का गठन किया गया था, जिसमे कोल् इंडिया, एनटीपीसी, इंडियन आयल, एफसीआईएल आदि शामिल है। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 12000 करोड़ ख़र्च आयें है।सिंदरी में पहले एफसीआई (फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेट) द्वारा उर्वरक कारखाना चलाया जा रहा था।इसके बंद हो जाने के बाद हर्ल ने इसका पुनर्निर्माण शुरू किया है। बंद होने से पहले इस कारखाने में यूरिया का अधिकतम उत्पादन 1050 टन प्रति दिन होता था। हर्ल की सिंदरी इकाई का शिलान्यास पीएओम नरेंद्र मोदी ने 25 मई, 2018 को किया था।
मार्च, 2022 से प्लांट में यूरिया का व्यवसायिक प्रोडक्शन का टारगेट रखा गया है।प्लांट का उद्घाटन करने पीएम नरेंद्र मोदी सिंदरी आ सकते हैं। इस प्लांट में उत्पादन शुरू होने के बाद झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में बहुत हद कर यूरिया का संकट दूर हो जायेगा।
2002 में बंद हुआ था एफसीआइएल
सिंदरी स्थित खाद कारखाना एफसीआइएल वर्ष 2002 में बंद हो गया था। उस समय कंपनी में लगभग पांच हजार कर्मचारी काम करते थे। कारखाने के बंद होने से बड़ी संख्या में लोग प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से बेरोजगार हो गये थे। वर्ष 2018 में पीएम मोदी ने हर्ल का शिलान्यास किया था।