धनबाद: सिंफर की डायमंड जुबली समारोह आज, लांच होंगी तीन प्रोजेक्टस
सिंफर (केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान) की डायमंड जुबली समारोह में मंगलवार को मनाया जायेगा। कोविड-19 के कारण डायमंड जुबली समारोह वेब प्लेटफ़ॉर्म (फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब) पर प्रसारित होगा।
- सेंट्रल साइंस व टेक्नलॉजी मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन समारोह का ऑनलाइन करेंगे उद्घाटन
धनबाद। सिंफर (केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान) की डायमंड जुबली स्थापना समारोह में मंगलवार को मनाया जायेगा। कोविड-19 के कारण डायमंड जुबली समारोह वेब प्लेटफ़ॉर्म (फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब) पर प्रसारित होगा। चीफ गेस्ट सेंट्रल साइंस एंड टेक्नलॉजी मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। डायमंड जुबली समारोह के दौरान मेसर्स नॉलेज लेंस प्राइवेट, बेंगलुरु, मेसर्स कोर्सोनेंट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एलकॉम टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम के साथ 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स का उपयोग करते हुए डिजिटल माइन' की विकसित प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के अंतर्गत महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जायेंगे।
सिम्फर डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि यह सेंट्रल गवर्नमेंट के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अनुरूप आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए कुशल और डिजिटलीकृत सुरक्षित खनन की दिशा में एक मुख्य कदम है।मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन नेशनल लेवल की तीन सुविधाओं सामरिक एवं आधारिक क्षेत्रों के लिए उत्कृष्टता केंद्र, हॉट स्टैंपिंग की सुविधा सहित नॉन रिकवरी कोक संयंत्र, प्रेशराइज्ड फ्लूडिज्ड बेड गैसीफिकेशन प्रायोगिक संयंत्र का लोकापर्ण करेंगे। डॉ विजय कुमार सारस्वत “स्थिरता के लिए प्रौद्योगिकी परिवर्तन, हम कहां हैं… हम कहां जा रहे हैं…” विषय पर व्याख्यान के साथ सभा को संबोधित करेंगे। सिंफर के कई पूर्व निदेशक, अनुसंधान परिषद के सदस्य, सीएसआइआर के सभी 37 प्रयोगशालाओं के निदेशक सहित कई गणमान्य व्यक्ति वेब के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। पिछले 75 वर्षों के दौरान खनन एवं ऊर्जा क्षेत्रों में संस्थान द्वारा विकसित की गई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों सहित प्रमुख शोध कार्यों एवं उपलब्धियों पर चर्चा की जायेगी।
कई कंपनियों के साथ होगा एमओयू
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सिंफर तथा मेसर्स नॉलेज लेंस प्राइवेट, बेंगलुरु, मेसर्स कोर्सोनेंट सिस्टेम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एलकॉम टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम के साथ ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स का उपयोग करते हुए डिजिटल माइन’ की विकसित प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के अंतर्गत महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे. आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए कुशल और डिजिटलीकृत सुरक्षित खनन की दिशा में एक मुख्य कदम है।
वर्ष 1946 की 17 नवंबर को रखी गयी थी आधारशिला
इंस्टीच्युट का शिलान्यास अंतरिम राष्ट्रीय सरकार के तत्कालीन माननीय मंत्री सीएच भाभा द्वारा वर्ष 1946 की 17 नवंबरको रखी गयी थी। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने डिगवाडीह में वर्ष 1950 की 22 अप्रैल को संस्थान के भवन का उद्घाटन किया था। राष्ट्रपति के साथ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन, डॉ. मेघनाद साहा, सीएसआइआर के प्रथम निदेशक डॉ शांति स्वरूप भटनागर भी मौजूद थे।