Dhanbad: बिक गया गोविंदपुर का खालसा होटल, शेरा सिंह ने छोड़ा धनबाद

कोयला राजधानी धनबाद के गोविंदपुर जीटी रोड पर स्थित खालसा होटल बिक गया। शेरा सिंह उर्फ गुरुचरण सिंह ने रतनपुर स्थित अपने प्रसिद्ध न्यू खालसा होटल व खालसा वेजिस को धनबाद के जोड़ा फाटक रोड स्थित संधू कॉलोनी निवासी इकबाल सिंह उर्फ राजू सरदार को शुक्रवार को बेच दिया।

Dhanbad: बिक गया गोविंदपुर का खालसा होटल, शेरा सिंह ने छोड़ा धनबाद
खालसा होटल।

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के गोविंदपुर जीटी रोड पर स्थित खालसा होटल बिक गया। शेरा सिंह उर्फ गुरुचरण सिंह ने रतनपुर स्थित अपने प्रसिद्ध न्यू खालसा होटल व खालसा वेजिस को धनबाद के जोड़ा फाटक रोड स्थित संधू कॉलोनी निवासी इकबाल सिंह उर्फ राजू सरदार को शुक्रवार को बेच दिया।

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शेरा सिंह ने होटल के साथ-साथ अपना मकान भी बेच दिया। खरीद-बिक्री की प्रक्रिया पूरी होने के साथ शुक्रवार को ही नये मालिक इकबाल सिंह ने होटल व घर का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया। वहीं शेरा सिंह अपने पूरे परिवार के साथ रात की ट्रेन से (लुधियाना) पंजाब रवाना हो गये। शेरा सिंह के होटल व मकान के बिकने की खबर को लेकर तरह-तरह की चर्चा होती रही। कोई इसे रंगदारी से जोड़ कर देख रहा हैं, तो कुछ लोग इसे पारिवारिक विवाद का हिस्सा बता रहे हैं।
भावुक हुए शेरा सिंह, तो लोगों की आंखें थीं नम

ट्रेन से हुए लुधियाना रवाना
होटल व घर की रजिस्ट्री करने के बाद होटल मालिक गुरुचरण सिंह उर्फ शेरा सिंह अपनी वाइफ बलवंत कौर, दो बेटों रणजीत सिंह व तरणजीत सिंह समेत पूरे परिवार के साथ शुक्रवार की रात लुधियाना के लिए रवाना भी हो गये। शेरा सिंह अपने दो पुत्रों के साथ के इस होटल का संचालन कर रहे थे। वर्ष 1983 में उन्होंने पंजाब के रहने वाले काका सिंह से दो लाख 65 हजार में इस होटल को खरीदा था। लगभग 41 वर्षों तक इस होटल का उन्होंने बेहतर संचालन किया। खालसा होटल के कारण ही रतनपुर में कई अन्य होटल भी खुले और रतनपुर इलाके की पहचान अलग बनी।
जीटी रोड से गुजरने वाले हर व्यक्ति की पसंद था होटल
खालसा होटल की खासियत है कि यहां रात में भी महिलाएं बेधड़क आती थीं। उनके फ्रेश होने व सुरक्षा की व्यवस्था होने के कारण यह उनकी पहली पसंद है। कोलकाता से लेकर दिल्ली तक से आने-जानेवाली गाड़ियां यहां रुकती थीं। लोग खाना खाते थे। जीटी रोड पर स्थित इस होटल में सुप्रीम कोर्ट के जज, फिल्म जगत की कई हस्तियों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का भी आगमन हुआ है। इसके पीछे गुरुचरण सिंह उर्फ शेरा सिंह की मेहनत थी।
हादसे में अपने दो युवा पुत्रों को खोया
शेरा सिंह के जीवन में खुशी के पल के साथ 24 फरवरी 2004 में गम का पहाड़ टूटा था। कश्मीर में एक सड़क दुर्घटना हुई. इस हादसे में अपने दो युवा पुत्रों गुरमीत सिंह और हरमीत सिंह को शेरा सिंह ने गंवा दिया। इस घटना में वो टूट चुके थे। इस बीच उनके मंझले और छोटे पुत्र रणजीत सिंह और तरनजीत सिंह ने धनबाद आकर होटल कारोबार संभाला। इस दौरान भी उन्होंने धनबाद छोड़ने का मन बनाया था, पर धनबाद का प्यार उन्हें रोक लिया था। अब यह परिवार चंडीगढ़ व लुधियाना में अलग-अलग स्थान पर बसेगा। वहीं बिजनस करेगा। होटल कैंपस की बिक्री शेरा सिंह की वाइफ बलवंत कौर ने, जबकि मकान की बिक्री उनके बेटे तरनजीत सिंह ने की है।

समाजसेवा में सबसे आगे रहा शेरा सिंह का नाम
गुरुचरण सिंह उर्फ शेरा सिंह का का नाम समाजसेवा के क्षेत्र में सबसे चर्चित नाम रहा है। एक समय जीटी रोड पर कोई भी सड़क दुर्घटना होने पर शेरा सिंह का काम घायलों को अस्पताल पहुंचाना और उनकी मदद करना होता था। उस दौर में 108 एंबुलेंस या अन्य सरकारी एंबुलेंस नहीं होते थे। घायलों को प्राइवेट गाड़ी से हॉस्पिटल पहुंचाना पड़ता था। शेरा सिंह अपनी गाड़ी से घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाते थे, फिर उन्होंने लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया था। गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया में मिलने वाले अननोन बॉडी का अंतिम संस्कार वह अपने खर्च पर करते थे। गोविंदपुर में शेरा सिंह ने स्वच्छ एवं सुंदर मोक्ष धाम बनाया। यहां ना केवल गोविंदपुर बल्कि धनबाद के भी लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने आते हैं। हाल के दिनों में इस घाट में और पक्की छावनी का निर्माण कराया है, ताकि घाट आने वाले लोगों को बैठने में कोई परेशानी नहीं हो। अपनी ओर से लाइट भी लगवाये हैं। अब यहां रात में भी अंतिम संस्कार में कोई परेशानी नहीं होती है। उन्होंने रतनपुर में दो मंदिर और करमाटांड़ कब्रिस्तान में भी छावनी का निर्माण अपने खर्च पर कराया। उन्होंने झारखंड,बिहार और बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में बॉडी रखने के लिए फ्रीजर उपलब्ध कराना है।
रंगदारी के लिए प्रिंस खान के गुर्गों ने की थी फायरिंग
गैंगस्टर प्रिंस खान के कारण वर्ष 2023 में खालसा होटल चर्चा में रहा। प्रिंस के गुर्गों ने 10 सितंबर को न्यू खालसा होटल पर रंगदारी के लिए फायरिंग की थी। रंगदारी के लिए पर्चा भी छोड़ था। फिर कुछ ही दिनों बाद भयभीत करने के लिए बम भी फेंका था। बम व गोलीबारी की घटना के बाद उनका परिवार काफी भयभीत हो गया था। कई माह तक पुलिस की सुरक्षा में न्यू खालसा होटल व खालसा वेजिस का संचालन किया गया था।