धनबाद: चर्चित गाड़ी रिकवरी एजेंट उपेन्द्र सिंह के घर पर NIA रेड, तरह-तरह की चर्चा

एनआइए दिल्ली और रांची की टीम ने बुधवार सुबह धनबाद के चर्चित वाहन रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह धनबाद टाउन के बिनोद बिहारी चौक के समीप पाल नगर स्थित आवास व मटकुरिया रेलवे कॉलोनी में रेड की है। लोकल पुलिस के सहयोग से एनआइए सुबह छह बजे से घर की घेराबंदी कर दिन के दो बजे तक जांच की। हालांकि एनआइए की तरफ से अभी रेड के बारे में कोई ऑफिसियल जानकारी नहीं दी गई है।

धनबाद: चर्चित गाड़ी रिकवरी एजेंट उपेन्द्र सिंह के घर पर NIA रेड, तरह-तरह की चर्चा

धनबाद। एनआइए दिल्ली और रांची की टीम ने बुधवार सुबह धनबाद के चर्चित वाहन रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह धनबाद टाउन के बिनोद बिहारी चौक के समीप पाल नगर स्थित आवास व मटकुरिया रेलवे कॉलोनी में रेड की है। लोकल पुलिस के सहयोग से एनआइए सुबह छह बजे से घर की घेराबंदी कर दिन के दो बजे तक जांच की। हालांकि एनआइए की तरफ से अभी रेड के बारे में कोई ऑफिसियल जानकारी नहीं दी गई है।

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एनआइए की इस कार्रवाई से कोयलांचल में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।एनआइए की छह सदस्यीय टीम बुधवार की धनबाद पहुंची। पाल नगर स्थित रिकवरी एजेंट के उपेंद्र के रेड की। लोकल पुलिस लगातार मौके पर मोर्चा संभालेरही। वहीं रिकवरी एजेंट के बाउंसर भी घर के बाहर मौजूद है। किसी भी बाहरी आदमी को वहां भटकने नही दे रहे थे।

उपेंद्र सिंह के घर पर सुबह छह बजे एनआइए की टीम ने धावा बोल दिया। घर के अंदर प्रवेश करने के लिए एनआइए का कोफी देर तक इंतजार करना पड़ा। छापेमारी दो बजे तक चली। इसके साथ एनआइए ने उपेंद्र सिंह के मटकुरिया स्थित आवास में भी रेड की गई। उपेंद्र हमेशा चर्चा में रहता है। वह हाल ही में जेल से छूटा है। अपने रिश्तेदार को गोली मारने के आरोप में जेल गया था।

चार स्टेट के 12 ठिकानों पर एक साथरेड

माओवादियों, कुख्यात अपराधियों को हथियार-कारतूस सप्लाई करने के मामले का इन्विस्टिगेशन कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बुधवार को चार स्टेट में 12 ठिकानों पर एक साथ रेड की।  झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश व बंगाल में रेड की गई है। रेड में एनआइए को एक लाख 46 हजार रुपये कैश,लैपटॉप, सेलफोन, कंप्यूटर व डिजिटल स्टोरेज उपकरण तथा संदिगध दस्तावेज व कारतूस रखने के बॉक्स बरामद किये गये हैं। एनआइए की टीम सभी जब्त सामान की जांच कर रही है। एनआइए की रांची ब्रांच दर्ज एफआइआर की इन्विस्टिगेशन के सिलसिले में यह रेड हुई है। सभी 12 ठिकाने इस केस में शामिल आरोपितों, संदिग्धों के हैं। ये ठिकाने झारखंड के धनबाद, सरायकेला-खरसांवा व रांची जिला, बिहार के पटना, छपरा व गया जिला , उत्तर प्रदेश के चंदौली तथा पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान जिले में हैं। पूरा केस केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के आर्म्स व कारतूस की झारखंड के माओवादियों व आपराधिक गिरोह तक सप्लाई का है।

झारखंड पुलिस ने 14 नवंबर को दर्ज की  थी एफआइअर

झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) में 14 नवंबर को इस मामले में एफआइआर दर्ज हुई थी। आर्म्स व कारतूस की सप्लाई में सीआरपीएफ व बीएसएफ के जवानों की संलिप्तता मामले में झारखंड पुलिस की एटीएस में दर्ज आर्म्स तस्करी के केस को टेकओवर करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की रांची ब्रांच पिछले नौ दिसंबर को मामला दर्ज किया था। पूरा मामला माओवादियों-अपराधियों को अवैध तरीके से आर्म्स व सुरक्षा बलों के कारतूस की सप्लाई से संबंधित है। इन आर्म्स व कारतूसों का इस्तेमाल माओवादी व क्रिमिनल लेवी वसूलने तथा सुरक्षा बलों पर हमले के रूप में करते रहे हैं। आर्म्स सप्लाई के इस प्रकरण में सीआरपीएफ व बीएसएफ से जुड़े तीन जवानों की भी झारखंड एटीएस ने अरेस्ट किया था, जिनके खिलाफ अब एनआइए जांच कर रही है।

सोनपुर में बीएसएफ के रिटायर्ड जवान के घर एनआइए व झारखंड एटीएस की रेड
सारण जिले के सोनपुर के शाहपुर गांव में बीएसएफ के रिटायर्ड जवान अरुण सिंह के आवास पर एनआइए की टीम रेडकर रही है। एनआइए की टीम घर का कोना-कोना खंगाल रही है। नक्स लियों से साठगांठ और कारतूस सप्लाई के मामले में अरुण सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। एनआइए के साथ झारखंड एटीएस भी रेड में शामिल थी। 

उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले नक्सिलियों को आर्म्स सप्लाीई करने की सूचना जांच एजेंसी को मिली थी। झारखंड पुलिस ने जांच की तो वैशाली जिले के रसुलपुर पुलिस स्टेशन के रहने वाले अरुण सिंह की संलिप्तीता उजागर हुई। अरुण सिंह को 18 नवंबर को शाहपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। एटीएस की टीम ने घर पर छापेामरी कर करीब एक हजार कारतूस बरामद किए थे। तब पता चला कि वह नक्स्लियों को आर्म्स व गोली सप्लाई करते थे। इसके एवज में बड़ी रकम मिलती थी। कहा जा रहा है कि पुलवामा में सीआरपीएफ जवान की गिरफ्तारी के बाद अरुण सिंह का नाम सामने आया था। इसके बाद झारखंड एटीएस ने अरुण सिंह को पकड़ा था।  उक्त जवान झारखंड में ही पोस्टेड था। उसने सेना की नौकरी से दो वर्ष पहले वीआरएस ले लिया था। वह घर पर ही रह रहा था। आर्म्स और गोलियां बरामद होने के बाद एसआइटी उसे अरेस्ट कर ले गयी थी।