Dhanbad:सुप्रीम कोर्ट से रामधीर सिंह को लगा बड़ा झटका, विनोद सिंह मर्डर केस में नहीं मिली राहत
कोयला राजधानी धनबाद में बहुचर्चित घराना सिंह मेंशन के चाणक्य कहे जाने वाले बलिया के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रामधीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। विनोद सिह मर्डर केस में उम्र कैद की सजा काट रहे है रामधीर सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब वे अंतिम सांस तक सलाखों के पीछे ही रहेंगे।
- उम्र कैद की मिली है सजा
- होटवार बिरसा मुंडा सेट्रल जेल मे हैं बंद
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में बहुचर्चित घराना सिंह मेंशन के चाणक्य कहे जाने वाले बलिया के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रामधीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। विनोद सिह मर्डर केस में उम्र कैद की सजा काट रहे है रामधीर सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब वे अंतिम सांस तक सलाखों के पीछे ही रहेंगे।
विनोद सिंह मर्डर केस में रामधीर सिंह सात साल से भी अधिक समय से रांची की होटवार जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। 15 जुलाई 1998 की में विनोद सिंह अपनी एंबेसडर कार से कोल डंप जा रहे थे। कतरास भगत सिंह चौक के पास एक मारुति कार ने विनोद सिंह की एबेंसडर कार को रोक दिया। कार से तीन लोग उतरे और विनोद सिंह व उनके ड्राइवर मन्नू अंसारी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दोनों को मौत के घाट उतार दिया गया।रामधीर की गैर मौजूदगी में 18 अप्रैल 2015 को धनबाद के सत्र न्यायालय ने विनोद सिंह और उनके चालक की हत्या में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि इसी मामले में आरोपी बच्चा सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस मामले में कई माहों तक फरार रहने के बाद रामधीर सिंह ने धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया था। तब से वे जेल में ही है।
विनोद सिंह के भाई दून बहादुर सिंह ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि विनोद सिंह उस दिन कोल् डंप जाने के लिए अपनी नई एंबेसडर कार से निकले थे। ड्राइवर मन्नू अंसारी कार चला रहा था। पीछे-पीछे उनकी कार भी चल रही थी। सुबह 8:40 बजे वह लोग भगत सिंह चौक पर जैसे ही पहुंचे, एक सफेद रंग की मारुति कार ने दोनों गाड़ियों को ओवरटेक कर रोक दिया। मारुति से तीन लोग उतरे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के बाद तीनों मारुति में बैठे और राजगंज की ओर भाग गये। दून बहादुर सिंह ने बताया था कि उन्होंने गोली चलाने वालों को अच्छे से देखा था। उसमें एक रामधीर सिंह और दूसरा राजीव रंजन सिंह थे। इस केस में पहले धनबाद के सत्र न्यायाधीश की कोर्ट से रामधीर सिंह को आजीवन कारावास की सजा हुई। हाईकोर्ट में भी सजा को बरकरार रखा और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दी है।
विनोद सिंह मर्डर केस में रामधीर सिंह को सजा दिलाने में धनबाद के बड़े कोल बिजनसमैन और विनोद सिंह के बहनोई सुरेश सिंह (अब स्वर्गीय) ने बड़ी भूमिका निभाई थी। एक-एक गवाह को कोर्ट तक पहुंचाने से लेकर उनकी गवाही कराने में सुरेश सिंह की भूमिका रही। कोर्ट में गवाही करा कर लौटने के दौरान 2004 में धनबाद के बरटांड़ में सुरेश सिंह की कार पर बम और गोली से हमला हुआ था। गाड़ी बुलेटप्रूफ रहने के कारण उनकी जान बच गई थी। हालांकि रामधीर सिंह को सजा सुनाये जाने से पहले सुरेश सिंह की भी मर्डर कर दी गयी। धनबाद क्लब में कि सात दिसंबर 2011 की रात नूनू सिंह के बेटे रोहित सिंह के रिसेप्शन पार्टी में सुरेश सिंह को गोलियों से भून दिया गया था। सुरेश सिंह मर्डर केस में रामधीर सिंह के बेटे शशि सिंह फरार चल रहे हैं।
विनोद सिंह की मर्डर के कुछ ही दिनों बाद उनके बड़े भाई सकलदेव सिंह की 25 जनवरी 1999 को हीरक रोड में गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी। शार्प शूटर ने चलती गाड़ी में सकलदेव सिंह को गोली मारी थी। सकलदेव सिंह की गाड़ी के पीछे चलने वाले बॉडीगार्ड की गाड़ियों को हमलावरों ने फायरिंग कर पीछे ही रोक दिया था। इसके बाद चलती गाड़ी में शूटर ने गोली मारी। घायल सकलदेव सिंह को तत्काल सेंट्रल हॉस्पिटल जगजीवन नगर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।