धनबाद:जिले में नहीं है ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की कमी, प्राइवेट हॉस्पीटल को भी जिला प्रशासन मुहैया करा रहा है ऑक्सीजन: डीसी

डीसी उमाशंकर सिंह ने कहा है कि जिले के लोगों को वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में मेडिकल सुविधा के लिए घबराना नहीं है। जिले में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और ऑक्सीजन सप्लाई की कमी नहीं है। जिला प्रशासन ने प्राइवेट को भी ऑक्सीजन मुहैया कराया है।

धनबाद:जिले में नहीं है ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की कमी, प्राइवेट हॉस्पीटल को भी जिला प्रशासन मुहैया करा रहा है ऑक्सीजन: डीसी
  • संजीवनी वाहन रहेंगे 24 घंटे तैनात*
  • 36000 लीटर प्रतिदिन ऑक्सीजन का होगा प्रोडक्शन
  • गवर्नमेंट के प्राइवेट हॉस्पीटल के पेसेंट को नहीं होगी ऑक्सीजन की कमी
  • बोकारो, धनबाद, गिरिडीह के बीच बनेगा कोविड सर्किट
  • शीघ्र आयेंगे 70 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
  • पेसेंट के डेथ की की जा रही है मैपिंग

धनबाद। डीसी उमाशंकर सिंह ने कहा है कि जिले के लोगों को वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में मेडिकल सुविधा के लिए घबराना नहीं है। जिले में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और ऑक्सीजन सप्लाई की कमी नहीं है। जिला प्रशासन ने प्राइवेट को भी ऑक्सीजन मुहैया कराया है। शीघ्र ही 24 घंटे के लिए दो संजीवनी वाहन भी तैनात रहेंगे। लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने बहुत मेहनत की है। लोगों को किसी प्रकार का डर और भय अपने मन में नहीं रखना चाहिए। डीसी सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद उमा शंकर सिंह ने शुक्रवार की संध्या सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेस में कहीं। 


डीसी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को ऑक्सिजन की सबसे अधिक आवश्यकता है। इसके लिए कंट्रोल रूम से 24 घंटे सातों दिन डीसी स्वयं एवं मजिस्ट्रेट ऑक्सीजन मैनीफोल्ड एवं आईसीयू पाइपलाइन की निगरानी करते हैं। रीफिलिंग स्टेशन में मजिस्ट्रेट तैनात हैं। लगातार ऑक्सीजन सप्लाई चैन पर निगरानी रखते हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर का ट्रांसपोर्टेशन करने वाले वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग की जाती है। यहां तक कि विगत दिनों जिला प्रशासन ने एशियन द्वारकादास जालान सुपर स्पेशलिटी हॉस्पीटल, जसलोक व अशर्फी हॉस्पीटलल सहित अन्य प्राइवेट हॉस्पीटल को ऑक्सीजन की सप्लाई कर मदद पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि शनिवार से ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए दो संजीवनी वाहन तैयार रहेंगे। जो चौबीसों घंटे किसी भी कोविड फैसिलिटी में जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन मुहैया करायेगी।

जिले में है 271 आईसीयू बेड

डीसी ने कहा कि आईसीयू बेड को लेकर प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में जिले में 271 आईसीयू बेड है। अगले 10 दिन में और 50 बेड उपलब्ध कराये जायेंगे। आईसीयू बेड की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाती है।आईसीयू बेड हमेशा भरे रहने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां धनबाद के अलावा संथाल परगना, गिरिडीह, कोडरमा से भी पेसेंट आते हैं। रांची के बाद केवल धनबाद में ही इतनी बड़ी संख्या में आईसीयू बेड उपलब्ध है।डीसी ने बताया कि जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 65-70 के नीचे चला जाता है उनका ऑक्सिजन लेवल सामान्य पर लाने के लिए दो से तीन दिन लग जाते हैं। सामान्य होने के बाद पेसेंट को आईसीयू बेड से दूसरे बेड में शिफ्ट किया जाता है। इसमें समय लग जाता है और यह एक चुनौती है। जैसे बेड की संख्या बढ़ेगी, यह समस्या दूर हो जायेगी।डीसी ने लोगों से अपील की कि वे पैनिक न हो। जिले में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की कमी नहीं होगी।शीघ्र जिला प्रशासन आईसीयू बेड की संख्या को बढ़ाने जा रहा है।

बोकारो धनबाद गिरिडीह का बनेगा कोविड सर्किट

डीसी ने बताया कि सीएम के निर्देश पर शीघ्र ही बोकारो धनबाद एवं गिरिडीह के बीच कोविड सर्किट बनेगा। इससे इन जिलों के पेसेंट को समय रहते बेड दिलाने का प्रयास किया जाएगा। कोविड सर्किट बन जाने से पेसेंट को बड़ी राहत मिलेगी।
शीघ्र आयेंगे 70 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

डीसी ने बताया कि शीघ्र जिले को 70 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त होंगे। फिलिप्स कंपनी के 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का आर्डर दिया जा चुका है। शुक्रवार की रात तक राज्य से पीजी ब्लॉक के लिए 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंच रहे हैं।

36000 लीटर प्रतिदिन ऑक्सीजन का होगा प्रोडक्शन

डीसी ने मीडिया को बताया कि धनबाद में प्रतिदिन 36000 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करने के लिए प्लांट का निर्माण चल रहा है। इसका निर्माण 20 से 25 दिनों के अंदर हो जाने की संभावना है। ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण से बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की निर्भरता लगभग समाप्त हो जायेगी। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के सहयोग से सदर अस्पताल तथा पीएमसीएच में प्लांट बन रहा है।

पेसेंट के मृत्यु की मैपिंग 

डीसी ने बताया कि विगत दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु की जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार मैपिंग कर रहा है। जहां सर्वाधिक पेसेंट की मृत्यु हुई है वहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर और रणनीति के तहत जांच कराकर मृत्यु अंक को कम करने का प्रयास किया जायेगा।डीसी ने अपील करते हुए कहा कि जिले के लोगों को आपदा की इस घड़ी में पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। जिला प्रशासन लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। शीघ्र ही आईसीयू बेड व अन्य समस्याओं का समाधान हो जायेगा। उन्होंने लोगों से धैर्य रखने, अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलने, बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करने, सब्जी मंडी, हाट, बाजार में शारीरिक दूरी का पालन करने, हाथों को बारंबार साफ करने, सुरक्षित रहने, कोविड 19 गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की।प्रेस कांफ्रेस में एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) चंदन कुमार, डीपीआरओ ईशा खंडेलवाल, डीएमएफटी के शुभम सिंघल, नितिन कुमार पाठक भी उपस्थित थे।

प्रवासी मजदूरों के लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज में बनेगा जिला स्तरीय क्वॉरेंटाइन सेंटर

हर ब्लॉक में बनेंगे दो क्वॉरेंटाइन सेंटर, प्रत्येक प्रवासी मजदूर की होगी आरएटी से जांच

अन्य राज्यों से ट्रेन या बस द्वारा धनबाद आने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज में जिला स्तरीय तथा हर प्रखंड में दो-दो संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर्स 24 घंटे के अंदर तैयार किए जायेंगे। इस संबंध में आज डीसी सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद उमा शंकर सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एसएसपी, डीटीओ, एनडीसी, सभी बीडीओ, सभी सीओ, आइडीएसपी तथा डीपीएम के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।बैठक के दौरान डीसी ने कहा कि अन्य राज्यों से धनबाद लौटने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से आरएटी टेस्ट किया जायेगा। उन्हें संबंधित क्वॉरेंटाइन सेंटर में सात दिन के लिए रखा जायेगा। सात दिन के बाद पुनः उनकी आरएटी किट से जांच की जायेगी। नेगेटिव होने पर उन्हें घर भेजा जायेगा। पॉजिटिव आने पर आइसीएमआर की गाइडलाइन्स के अनुसार उन्हें ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड वाले कोविड फैसिलिटी में भेजा जायेगा। किसी भी प्रवासी श्रमिक को होम आइसोलेशन की सुविधा प्रदान नहीं की जायेगी।

बैठक के दौरान डीसी ने संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर की एसओपी से सभी को अवगत कराया।उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में भोजन, पानी, बिजली सहित अन्य सभी बुनियादी सुविधाएं 24 घंटे के अंदर तैयार की जाएगी। सभी बीडीओ एवं सीओ मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं यूएलबी से समन्वय स्थापित करते हुए प्रवासी श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में दाखिला करना सुनिश्चित करेंगे। प्रवासी श्रमिकों को पहले पॉलिटेक्निक कॉलेज में ले जाया जायेगा। जांच के बाद उन्हें संबंधित ब्लॉक के क्वॉरेंटाइन सेंटर पर भेजा जायेगा।डीसी ने कहा कि रेलवे स्टेशन से श्रमिकों को 50% क्षमता के साथ वाहन पर बैठाकर क्वॉरेंटाइन सेंटर पर ले जाया जायेगा। प्रत्येक क्वॉरेंटाइन सेंटर में एक कमरे में अधिकतम पांच से 10 बेड लगाये जायेंगे। प्रत्येक बेड के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी रखनी होगी। बिजली, वेंटिलेशन, पर्याप्त रोशनी, पंखे, पेयजल, साफ सफाई, ढक्कन युक्त डस्टबीन, बाथरूम एवं शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
प्रवासी श्रमिकों का रखा जायेगा पूरा ब्यौरा
डीसी ने कहा कि बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों का पूरा ब्यौरा रजिस्टर में रखा जाएगा। जिसमें उनका नाम, वर्तमान पता, मोबाइल नंबर, कहां से आए हैं, किस क्वॉरेंटाइन सेंटर में है, क्वॉरेंटाइन होने की तिथि और क्वॉरेंटाइन सेंटर से बाहर जाने की तिथि का पूरा ब्यौरा रखना होगा।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एसएसपी असीम विक्रांत मिंज, डीटीओ ओम प्रकाश यादव, एनडीसी अनुज बांडो, सभी बीडीओ, सभी सीओ, आइडीएसपी, डीपीएम, डीएमएफटी ऑफिसर शुभम सिंघल व नितिन कुमार पाठक शामिल थे।