धनबाद: सुगियाडीह में सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंची प्रशासनिक टीम पर पथराव,लाठी चार्ज, अवैध निर्माण धवस्त

सुगियाडीह इलाके में सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंची प्रशासनिक टीम का जमकर विरोध हुआ। लोगों ने प्रदर्शन करते हुए अफसर व पुलिस पर पथराव किया। लाठी चार्ज कर विरोध कर रहे लोगों को खदेड़ने के बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया।

धनबाद: सुगियाडीह में सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंची प्रशासनिक टीम पर पथराव,लाठी चार्ज, अवैध निर्माण धवस्त

धनबाद। धनबाद अंचल के आमाघाटा मौजा के सुगियाडीह इलाके में सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंची प्रशासनिक टीम का जमकर विरोध हुआ। लोगों ने प्रदर्शन करते हुए अफसर व पुलिस पर पथराव किया। लाठी चार्ज कर विरोध कर रहे लोगों को खदेड़ने के बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया।

अभियान के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये गये थे। एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) चंदन कुमार, एसडीएम सुरेंद्र कुमाक सीओ प्रशांत लायक व बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद थे। विरोध व पथराव की सूचना मिलते ही डीसी उमाशंकर सिंह भी मौके पर पहुंचे। डीसी लगभग तीन घंटे तक वहां जमे रहे। 

जमीन पर कब्जा हटाने पहुंचे जिला प्रशासन के अफसर और पुलिस बल को भी कुछ समय के लिए असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। लोगों की भीड़ ने मौके पर पहुंचे एडीएम चंदन कुमार के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन की टीम का विरोध करते हुए रोक दिया। इस दौरान नारेबाजी करते हुए भीड़ द्वारा पथराव भी किया गया। इस कारण पूरी टीम को कुछ समय के लिए पीछे हटना पड़ा।एडीएम के आदेश पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर विरोध व पथराव कर रहे लोगों को खदेड़ दिया। आक्रोशित जेएमएम लीडरअमितेश सहाय घर का भी घेराव किया. वहीं श्री सहाय ने लोगों को ये भरोसा दिलाया है कि वो इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन से भी बात करेंगे।

74 अतिक्रमणकारी चिन्हित
प्रशासनिक सख्ती के बाद सुगियाडीह 20 मिनट में भीड़ तितर-वितर हो गयी। इसके बाद मौके पर पहुंची डीएसी की दो जेसीबी मशीनों ने सरकारी जमीन पर कब्जा जमाये लोगों के अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया गया। चारों तरफ पुलिस के जवान की मौजूदगी में अवाध निर्माण तोड़ी जाने लगी। सीओ प्रशांत कुमार का कहना है कि कि आमाघटा मौजा कुल 74 अतिक्रमणकारी चिन्हित किये गये हैं।  इसमें च्वाइस अतिक्रमण कारी ऐसे हैं जिनके पास किसी भी प्रकार की जमाबंदी या जरूरी कागजात नहीं है। बिना किसी कागज के यहां अतिक्रमण करके रह रहे हैं। वही पीछे से अतिक्रमण कारी हैं जिन्होंने गैरमजरूआ जमीन पर निर्माण खड़ा कर दिया है।उनके विरुद्ध जेपीएल एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी। ऐसे लोगों के पास कुछ जमीन के काल रात है, जिनकी जांच भी की जायेगी और एफआइआर दर्ज किया जायेगा।


लगभग पांच सौ करोड़ रुपये रूपये की जमीन की लूट
धनबाद अंचल के आमाघाटा मौजा में लगभग पांच सौ करोड़ रुपये की सरकारी जमीन बंदरबांट कर बेच दी गई है। इस जमीन फर्जीवाड़े की खरीद-बिक्रि को जाली दस्तावेज के सहारे अंजाम दिया गया है। लगभग 71 एकड़ जमीन धनबाद के बड़े-बड़े कारोबारी घराने के नाम जमीन की बंदोबस्ती की गई है। आमघाटा पुराना खाता संख्या 28, नया खाता - 89, जिसका पुराना प्लॉट 185, नया प्लॉट 72 एवं पुराना प्लॉट 187, नया प्लॉट 195-196 गैर आबाद भूमि है। हीरक रोड एवं आसपास की यह जमीन को राजस्व कागजातों में हेराफेरी कर कतिपय भू-माफियाओं ने जमीन हड़पा है। इस गैर आबाद भूमि की जमाबंदी कायम नहीं है, उसका अतिक्रमण किया जा रहा है।
प्रशासन की ओर से की गयी थी मुनादी
जिला प्रशासन ने लोगों को पहले ही चेतावनी दे डाली थी कि वो सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण तत्काल हटा लें। ऐसा नहीं करने पर  जिला प्रशासन सभी को खाली करायेगा। खाली कराने में व्यय होने वाली राशि की वसूली संबंधित अतिक्रमणकारियों से होगी। पिछले सप्ताह धनबाद अंचल कार्यालय की तरफ से इश्तेहार भी चिपकाया गया था जिसमें लोंगों को स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने को कहा गया था।


डीसी ने 44 अज्ञात कब्जाधारियों पर FIR का दिया आदेश
डीसी उमाशंकर सिंह ने कहा कि 44 अज्ञात कब्जाधारियों पर एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। टोटल 74 कब्जाधारी थे, इनमें से 30 ने दस्तावेज सौंपा है। सीओ को जांच के लिए कहा गया है। अवैध तरीके से सरकारी जमीन की जमाबंदी की गई है। इसमें अफसर व स्टाफ के बहुत बड़े नेक्सस की मिलीभगत से सरकारी जमीन जमीन की जमाबंदी की गई है। सभी पर कार्रवाई होगी। लगभग 500 करोड़ के राजस्व की क्षति हुई है। जो भी इसमें संलिप्त पाये जायेंगे उन पर भी कार्रवाई होगी। यह तो शुरुआत है। जल्द ही अन्य क्षेत्रों में भी सरकारी जमीन से अवैध कब्जाधारियों को हटाया जायेगा।

इधर जमीन मालिकों का कहना है कि कि रांची हाई कोर्ट में प्रशासन की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। आदेश अधिवक्ता ने व्हाट्सएप पर सीओ प्रशांत लायक को भेज दिया है। बावजूद इसके प्रशांत लायक ना तो व्हाट्सएप देखना चाहते हैं ना ही कार्रवाई रोकने के मूड में है। वहीं प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि जब तक उन्हें ऑफिस कॉपी नहीं मिल जाता कार्रवाई जारी रहेगी।