धनबाद: गोविंदपुर में घुस लेते पकड़े गये दारोगा को छुड़ाने की कोशिश, कई पीएसआइ ने की एसीबी टीम से हाथापाई
गोविंदपुर पुलिस स्टेशन के ट्रेनी एसआइ मुनेश कुमार तिवारी को गुरुवार को एसीबी टीम द्वारा 50 रुपये घुस लेते पकड़े जाने पर कई PSI ने हाथापाई की। गोविंदपुर पुलिस स्टेशन के पीएसआइ ने चाय की दुकान से घुसखोर मुनेश को एसीबी टीम से छुड़ाने की कोशिश भी की।
धनबाद। गोविंदपुर पुलिस स्टेशन के ट्रेनी एसआइ मुनेश कुमार तिवारी को गुरुवार को एसीबी टीम द्वारा 50 रुपये घुस लेते पकड़े जाने पर कई PSI ने हाथापाई की। गोविंदपुर पुलिस स्टेशन के पीएसआइ ने चाय की दुकान से घुसखोर मुनेश को एसीबी टीम से छुड़ाने की कोशिश भी की। पीएसआइ की संख्या आधा दर्जन थी। एसीबी की टीम ने गवर्नमेंट के काम में बाधा डालने की कार्रवाई की चेतावनी दी, इसके बाद पीएसआइ बैरंग लौट गये।
कोल कारोबारी रमेश पांडेय को ASI मुनेश कुमार तिवारी घूस के लिए काफी परेशान कर रखा था। अवैध कोल कारोबार मामले में उनके भाई गणेश पांडेय के खिलाफ दर्ज केस में नाम हटाने के लिए उनसे ढाई लाख रुपये घूस मांगी थी। पहली किश्त गुरुवार को 50 हजार रुपये देनी थी। परेशान होकर कारोबारी ने एसीबी से कंपलेन की।
पुलिस स्टेशन से चाय दुकान पहुंच गये घुस का पैसा लेने
गोविंदपुर पुलिस स्टेशन में ओसी सुरेंद्र कुमार सिंह व अन्य अफसर बैठ कर अपने-अपने कार्यों में लगे थे। एक्स ओसी शिवपूजन बहेलिया से ट्रेनी दारोगा मुनेश तिवारी मालखाना प्रभार का ले रहे थे। लगभग 10 बजे मुनेश के मोबाइल की घंटी बजी। कॉल रिसीव कर उसने फोन करनेवाले को पुलिस स्टेशन के पास दीनू की चाय दुकान पर बुलाया। मुनेश ने ओसी सुरेंद्र कुमार सिंह व एक्स ओसी शिवपूजन बहेलिया से पांच मिनट में एक व्यक्ति से मिल कर आने की बात कह बाहर निकलने लगा। दोनों इंस्पेक्टर ने मुनेश को रोकने की कोशिश की तो वह कहा कि पांच मिनट में मिल कर आते हैं। यह कहकर मुनेश बाहर निकल सीधे चाय दुकान पर पहुंचा।
कोल कारोबारी रमेश पांडेय ने दीनू चाय दुकान दारोग मुनेश को 50 हजार रुपये दिये वैसे ही एसीबी ने रंगेहाथ दबोच लिया। केमिकल युक्त रुपए लेने के बाद जब उनका हाथ धुलाए गया तो रंग लाल हो गया। सूचना मिलते ही गोविंदपुर पुलिस स्टेशन में पोस्टेड सभी पीएसआई दौड़े-दौड़े दीनू चाय दुकान पहुंचे। एसीबी कस्टडी से मुनेश तिवारी को छुड़ाने की कोशिश करने लगे। न कई पीएसआई और एसीबी की टीम में हाथापाई भी की। एसीबी टीम के डीएसपी व इंस्पेक्टर ने सभी पीएसआई को हड़काते हुए आइपीसी का पाठ पढ़ाया तो वे लोग पीछे हट गये। एसीबी टीम घुसखोर दारोगा को लेकर धनबाद रवाना हो गयी। आवश्यक कार्रवाई पूरी करनेके बाद एसीबी ने घुसखोर दारोगा को स्पेशल कोर्ट में पेश किया जहां से उसे ज्टूडशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया।
लगभग दो साल से पोस्टेड था मुनेश
मुनेश कुमार तिवारी 2005 में कांस्टेल में बहाल होकर झारखंड पुलिस ज्वाइन किया। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2017 में ली गई सीमित परीक्षा में सफल होने के बाद मुनेश एसआइ बन गया। इससे पहले वह एसीबी में बतौर कांस्टेबल पोस्टेड रहा है। एसआइ बनने के बाद मुनेश को धनबाद जिला मिला। मुनेश अभी गोविंदपुर पुलिस स्टेशन में बतौर प्रोबेशन सब इंस्पेक्टर पोस्टेड था। अभी उसकी ट्रेनिंग भी पूरी नहीं हुई है। झारखंड में किसी ट्रेनी एसआइ को एसीबी के साथ हत्थे चढ़ने की यह पहली घटना है।