दुमका: शिकारीपाड़ा थानेदार लाइन क्लोज,इंस्पेक्टर नवल किशोर सिंह को मिली जिम्मेवारी

दुमका एसपी अंबर लकड़ा ने शनिवार को शिकारीपाड़ा पुलिस स्टेशन इंचार्ज इंस्पेक्टर सुशील कुमार को लाइन क्लोज कर दिया है। पुलिस लाइन में वेटिंग फॉर पोस्टिंग चल रहे इंस्पेक्टर नवल किशोर सिंह को शिकारीपाड़ा का नया थानेदार बनाया गया है। 

दुमका: शिकारीपाड़ा थानेदार लाइन क्लोज,इंस्पेक्टर नवल किशोर सिंह को मिली जिम्मेवारी
पुलिस इंस्पेक्टर नवल किशोर सिंह।
  • डीसी ने एसपी व पुलिस हेडक्वार्टर से किया था कंपलेन

दुमका। एसपी अंबर लकड़ा ने शनिवार को शिकारीपाड़ा पुलिस स्टेशन इंचार्ज इंस्पेक्टर सुशील कुमार को लाइन क्लोज कर दिया है। पुलिस लाइन में वेटिंग फॉर पोस्टिंग चल रहे इंस्पेक्टर नवल किशोर सिंह को शिकारीपाड़ा का नया थानेदार बनाया गया है। 
कई विभागों के अफसर थे परेशान 
एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि इंस्पेक्टर सुशील कुमार पर लगे आरोपों की डिपार्टमेंटल जांच करायी जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी। शिकारीपाड़ा के थानेदार सुशील कुमार से दुमका के कई गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के अफसर परेशान थे। वन विभाग, जिला परिवहन कार्यालय, बीडीओ ने भी पुलिस इंस्पेक्टर सुशील कुमार की कंपलेन सीनीयर पुलिस अफसरों से की थी। डीसी ने दुमका के एसपी के अलावा पुलिस हेडक्वार्टर व होम डिपार्टमेंट से कंपलेन किया था। डीसी ने कंपलेन में कहा था कि थाना प्रभारी शिकारीपाड़ा क्षेत्र में शांति व विधि-व्यवस्था, अवैध उत्खनन सहित अन्य प्रशासनिक कार्यों में अपेक्षित सहयोग नहीं करते हैं। उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाय।

प्रशासनिक कार्यों में नहीं करते थे सहयोग
डीसी ने अपनी कंपलेन में बताया था कि 22 नवंबर की दोपहर लगभग 2.25 बजे डीटीओ दुमका संथाल परगना प्रमंडल दुमका के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव के साथ शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में ओवरलोडिंग वाहनों के परिचालन के रोकथाम व कारवाई के लिए शिकारीपाड़ा पहुंचे थे। वहां पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराने व अपेक्षित सहयोग के लिए थाना प्रभारी से अनुरोध किया, लेकिन लंबे इंतजार के बावजूद उन्हें सहयोग नहीं मिला। थाने के मुंशी के अनुरोध पर सीमित पुलिस बलों के साथ पेट्रोलिंग टीम के तीन पुलिसकर्मी व एक मुंशी की मौजूदगी में ओवरलोडिंग वाहनों की जांच की गई। जांच के क्रम में 18-20 ओवरलोडेड हाइवा, ट्रक बिना समुचित कागजात के साथ एक होटल के समीप खड़े मिले थे। पर्याप्त पुलिस बल नहीं होने से सभी हाइवा ड्राइवर वाहन छोड़कर भाग निकले। इससे राजस्व का नुकसान पहुंचा।
डीटीओ व सीओ की गाड़ी पर पथराव मामले में भी नहीं की कार्रवाई
डीसी ने यह भी कंपलेन किया था कि आठ जुलाई को शिकारीपाड़ा पुलिस स्टेशन एरिया के पिनरगड़िया क्षेत्र में ओवरलोडिंग व अवैध वाहनों के परिचालन की जांच के क्रम में डीटीओ दुमका व सीओ शिकारीपाड़ा के वाहनों पर अवांछित तत्वों ने पथराव किया था। इसमें दोनों अफसरों को अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा। इस मामले में दर्ज एफआइआर के संबंध में पुलिस द्वारा समुचित कार्रवाई नहीं की गई। शिकारीपाड़ा के बीडीओ ने भी 16 अगस्त को डीसी से कंपलेन किया था कि प्रखंड सह अंचल के विधि व्यवस्था कार्यों में शिकारीपाड़ा के थानेदार सुशील कुमार का अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता है। हरिणसिंघा एवं मनकाडीह गांव में कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए गई मेडिकल टीम को ग्रामीणों ने घेरकर पत्थरबाजी की थी। उस समय भी शिकारीपाड़ा थानेदार सुशील कुमार ने मदद नहीं की थी।

इलिगल कोल माइनिंग की रोकथाम के लिए नहीं किया सहयोग

दुमका के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने 25 नवंबर को डीसी से कंपलेन किया था। उन्होंने कहा कि 23 अक्टूबर को शिकारीपाड़ा वन परिसर में वन कर्मी व संयुक्त वन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने वन भूमि में हो रहे इलिगल कोल माइनिंग की रोकथाम के लिए रेड में शिकारीपाड़ा थानेदार सुशील कुमार ने सहयोग नहीं किया। इसके चलते वन कर्मियों को अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा।