झमाडा में 43 कर्मचारियों को 15 से17 वर्ष की उम्र में मिली नौकरी, 40 साल बाद फर्जीवाड़े का खुलासा, हो‍ंगे डिसमिस

झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकरण (झमाडा) में फर्जी तरीके से नियोजन का 40 साल बाद भंडाफोड़ हुआ है। पहले माडा अब झामाडा में वर्ष 1976 से लेकर 1980 के बीच 43 वैसे लोगों को बहाल किया गया था, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम थी। 

झमाडा में 43 कर्मचारियों को 15 से17 वर्ष की उम्र में मिली नौकरी, 40 साल बाद फर्जीवाड़े का खुलासा, हो‍ंगे डिसमिस

धनबाद। झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकरण (झमाडा) में फर्जी तरीके से नियोजन का 40 साल बाद भंडाफोड़ हुआ है। पहले माडा अब झामाडा में वर्ष 1976 से लेकर 1980 के बीच 43 वैसे लोगों को बहाल किया गया था, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम थी। 

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रिपोर्ट के अनुसार वैसे लोग जिनकी उम्र 15 से 17 वर्ष थी, उन्हें सरकारी नियम के विरूद्ध तत्कालीन बिहार सरकार में बहाल कर दिया गया। वर्ष 2001 में झारखंड अलग राज्य बना। अब 40 वर्षों के बाद विभाग की समीक्षा में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। अब विभाग ऐसे 43 कर्मचारियों को डिसमिस करने की तैयारी में जुट गया है। सभी गलत नियुक्त कर्मचारियों की लिस्ट तैयार कर सेवा से हटाने की तैयारी की जा रही है। 

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बताया जाता है कि उक्त लोगों की बहाली केवल 12 ,15,16 या 17 साल में ही कर ली गई है, जबकि नियुक्ति की न्यूनतम उम्र सीमा 18 साल है। स्थापना समिति की हुई बैठक में कंप्यूटराइज्ड डेटा बेस के लिए संचिका में सेवा पुस्तिका की मिलान में गड़बड़ी पकड़ी गयी है। एममडी के आदेश पर इन 43 कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर उम्र और रिटायरमेंट तक की पूरी कुंडली तैयार की गयी है। 

सिगरेट की पन्नी और कागज के चुटके पर दे दी थी नौकरी
एकीकृत बिहार में झरिया माइंस बोर्ड और झरिया वाटर बोर्ड में सिगरेट की पन्नी और कागज के चुटके पर नौकरी दे दी गयी थी। दशकों बाद जांच में गड़बड़ी पकड़ी गयी है। इनमें  झमाडा के कुछ कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं। झमाडा का अनियमितता ,गड़बड़ियां और विवाद से पुराना नाता रहा है। नियुक्ति से लेकर भुगतान तक में गड़बड़ियों की लगातार शिकायतें मिलती रहती है। अभी नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार झमाडा के एमडी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहें हैं।
रिटायर कर्मचारियों की भी बनेगी लिस्ट
 बताया जाता है कि कुछ कर्मचारी तो रिटायर्ड भी हो चुके है। उनकी भी सूची बनाई जा रही है।बहाली की न्यूनतम उम्र  सीमा 18 वर्ष है। सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 60 साल निर्धारित है। कोई भी कर्मचारी अधिकतम 42 साल तक ही सेवा दे सकता है। झमाडा प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि 42 साल से अधिक दिनों तक सेवा देने वालों से राशि की वसूली की जायेगी।
कर्मचारी लीडर भी लपेटे में
झमाडा में कर्मचारियों की मांगों का झंडा बुलंद करने वाले कर्मचारी नेता भी इस लिस्ट में शामिल हैं।एक कर्मचारी नेता एके दुबे के मामले में खुलासा हुआ है। जिस वह बहाल हुए उनकी आयु 15 साल से कुछ अधिक थी।चास सर्किल के वरीय सफाई इंस्पेक्टर विमलेश सिन्हा रिकॉर्ड के अनुसार 15 साल में ही बहाल हुए थे। जामाडोबा में शोधक पद पर तैनात अनिल राम की नौकरी केवल 12 साल में ही हुई है। नियुक्ति की तिथि 24 मई 1976 है। झमाडा सहायक कर्मचारी सह इंटक नेता अरविंद कुमार पर भी 18 साल से काम आयु में ही नौकरी पाने का आरोप है।