झारखंड: BSL ने उत्तर प्रदेश भेजा 50 टन ऑक्सीजन, रेलवे सभी महत्वपूर्ण ट्रेनें रोकीं, धड़धड़ाती हुई आगे निकली Oxygen Express
सेल के बोकारो स्टील प्लांट (BSL) से शुक्रवार को दोपहर में तीनों टैंकरों में कुल 46.34 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लोड ऑक्सीजन एक्सप्रेस को यूपी के लखनऊ के लिए रवाना किया गया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस शनिवार सुबह लगभग10 बजे तक लखनऊ पहुंचेगी।
बोकारो। सेल के बोकारो स्टील प्लांट (BSL) से शुक्रवार को दोपहर में तीनों टैंकरों में कुल 46.34 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लोड ऑक्सीजन एक्सप्रेस को यूपी के लखनऊ के लिए रवाना किया गया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस शनिवार सुबह लगभग10 बजे तक लखनऊ पहुंचेगी। अब बोकारो से यूपी के लिए कोरोना महामारी समाप्त होने तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलती रहेगी।
यूपी पुलिस की सिक्युरिटी में रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस
रेल मिनिस्टर पीयूष गोयल ने बुधवार की रात ट्वीट कर ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने की जानकारी दी थी। इसके बाद गुरुवार सुबह नाै बजे लखनऊ से तीन टैंकर लेकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो के लिए खुली। ऑक्सीजन एक्सप्रेस वाया रांची होते हुए शुक्रवार तड़के तीन बजे बोकारो स्टील प्लांट पहुंची। इसके बाद स्टील प्लांट में लगभग चार घंटे के अंदर ऑक्सीजन एक्सप्रेस पर खड़े तीन टैंकरों में 46.34 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लोड किया गया। बोकारो से लगभग12 बजे ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ के लिए रवाना हो गई। ऑक्सीजन एक्सप्रेस को समय पर पर लखनऊ पहुंचाने के लिए आरपीएफ और यूपी पुलिस स्कॉट कर रहे हैं।
बोकारो से पहली बार रेल से ऑक्सजीन की स्पलाई
बोकारो स्टील प्लांट में प्रतिदिन 100 टन से ज्यादा तरल ऑक्सीन (मेडिकल ऑक्सीजन) का प्रोडक्शन होता है। यहां से झारखंड के अलावा यूपी, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। पहली बार रेल से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हुई है। पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुक्रवार को बोकारो से लखनऊ के लिए चली। अब तक रोड के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही थी। बोकारो से लखनऊ की दूरी आठ सौ किलोमीटर से ज्यादा है। टैंकर पहुंचने में दो दिन का समय लगता है। मालगाड़ी पर टैंकर को रख एक दिन में ही पहुंचाई जा सकती है।
बीएसएल के निदेशक प्रभारी अमरेंद्र प्रकाश की उपस्थिति में खुली ऑक्सीजन एक्सप्रेस
बोकारो स्टील प्लांट में मेसर्स आईनोक्स द्वारा संचालित आक्सीजन प्लांट एवं बीएसएल के कैप्टिव प्लांट में उत्पादित लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को ऑक्सीजन एक्सप्रेस से उत्तर प्रदेश भेजा गया। बीएसएल निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश, अधिशासी निदेशक (सामग्री प्रबंधन) वीके पांडेय, अधिशासी निदेशक (संकार्य) अतनु भौमिक, मुख्य महाप्रबंधक (सेवाएं) बीके तिवारी, दक्षिण पूर्व रेलवे के एरिया मैनेजर प्रभात कुमार सहित अन्य अफसरों उपस्थिति में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन यूपी के लिए रवाना की गयी।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए वाराणसी में ग्रीन कॉरिडोर
बोकारो से Oxygen Express जल्द से जल्द लखनऊ पहुंचे और ऑक्सीजन के अभाव में पेसेंट की माैत न हो, इसके लिए वाराणसी रेल डिवीजन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाने की तैयारी तेज कर दी है। मुगलसराय के बाद वाराणसी होते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस को लखनऊ पहुंचाने के लिए रेल ट्रैक खाली रखा जायेगा। मुगलसराय से वाराणसी के बीच ट्रैक हमेशा जाम रहता है। ऑक्सजीन एक्सप्रेस को बिना किसी रूकावट के मुगलसराय से वाराणसी के आगे और लखनऊ तक ग्रीन कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। वाराणसी डीआरएम ने भी ट्वीट कर ग्रीन कॉरिडोर की जानकारी दी है।ईसीआर के पीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन बोकारो से मूरी, रांची, लोहरदगा, टोरी, गढ़वा रोड, डेहरी ऑन सोन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन होकर लखनऊ जायेगी। धनबाद रेल डिवीजन में टोरी से गढ़वा रोड तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इस पर ट्रेन बिना रुके चलेगी। ईसीआर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। शेष हिस्से में उत्तर रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया है।
धड़धड़ाती हुई आगे निकली Oxygen Express
बोकारो से लखनऊ के लिए रवाना हुई आक्सीजन एक्सप्रेस को मुरी और रांची से अन्य ट्रेनों को रोक कर पास कराया गया। ये ट्रेन मुरी से शुक्रवार को दोपहर में 3:08 बजे और रांची रेलवे स्टेशन से शाम 4:20 बजे गुजरी। आक्सीजन एक्सप्रेस ने कोटशिला रेलवे स्टेशन से टोरी रेलवे स्टेशन तक की दूरी लगभग पौने चार घंटे में पूरा किया। जबकि, अमूमन यहां तक पहुंचने में ट्रेन को छह घंटे लगते हैं।अफसरों का कहना है कि रेलवे बोर्ड का साफ आदेश है कि आक्सीजन एक्सप्रेस को बिना किसी बाधा और रोकटोक के चलाया जाए। निर्देश है कि आक्सीजन एक्सप्रेस के रास्ते में अगर कोई सुपरफास्ट, एक्सप्रेस या मालगाड़ी भी आए तो उसे हटा कर आक्सीजन एक्सप्रेस को निकाला जाए।
6900 टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई
बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) में मेसर्स आईनोक्स द्वारा संचालित ऑक्सीजन प्लांट से अप्रैल माह की शुरुआत से लेकर अभी तक झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा मध्यप्रदेश के अस्पतालों के लिए 1438 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई तथा 991 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा महाराष्ट्र के सिलेंडर फिलर एजेंसियों को सप्लाई की जा चुकी है। इसकी सप्लाई आगे भी जारी रहेगी। अगस्त 2020 से अब तक बीएसएल से 6900 टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की जा चुकी है.
बीएसएल लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ाने को भी तैयार
बीएसएल निदेशक प्रभारी अमरेन्दु प्रकाश ने कहा किदेश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए बोकारो स्टील प्लांट लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ाने को भी तैयार है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) तथा इंडियन रेलवे के सहयोग से पहली बार लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को लखनऊ के लिए रेल मार्ग से रवाना किया गया है। रेल मार्ग से ऑक्सीजन की सप्लाई कम समय में हो सकेगी, जिसका लाभ करोना पेसेंट को मिल पायेगा।
देश के लिए अहम हुआ झारखंड का बोकारो स्टील प्लांट
जब कोविड 19 के समय पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा हुआ है, ऐसे में बोकारो का स्टील प्लांट कई राज्यों के लिए संजीवनी बन गया है। यहां से कई राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में बोकारो स्टील प्लांट अहम भूमिका निभा रहा है। यहां से ऑक्सीजन कई राज्यों में सप्लाई हो रहा है। रेल मिनिस्टर पीयूष गोयल ने बताया कि बोकारो से लिक्विड ऑक्सीजन लोड करने हेतु ऑक्सीजन एक्सप्रेस को लखनऊ से बोकारो भेजा जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित होगी. मध्यप्रदेश से ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए वहां भी यह ट्रेन चलाई जायेगी। कुछ ही दिनों में ऐसी और ट्रेनों का संचालन शुरू किया जायेगा।