झारखंड: धनबाद MLA राज सिन्हा ने विधानसभा में उठाया संजीव को दुमका जेल ट्रांसफर का मामला, गवर्नमेंट की कार्यशैली का विरोध
बीजेपी के एक्स एमएलए संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका सेंट्रल जेल ट्रांसफर का मामला सोमवार को झारखंड विधानसभा में गूंजा। धनबाद राज सिन्हा ने सत्तापक्ष की टोकाटाकी के बीच इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इसे पार्टी के साथ न जोड़ा जाए।
रांची। बीजेपी के एक्स एमएलए संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका सेंट्रल जेल ट्रांसफर का मामला सोमवार को झारखंड विधानसभा में गूंजा। धनबाद राज सिन्हा ने सत्तापक्ष की टोकाटाकी के बीच इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इसे पार्टी के साथ न जोड़ा जाए।
राज सिन्हा ने संजीव सिंह बीजेपी के एक्स एमएलए हैं। उन्हें धनबाद से गलत तरीके से दुमका जेल भेजा गया। धनबाद के जेल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि यह जेल आइजी के कहने पर किया गया है। 25 फरवरी को धनबाद कोर्ट ने इसे गलत ठहराते हुए हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताते हुए उन्हें धनबाद लाने का निर्देश दिया है। राज सिन्हा ने कहा कि यह गलत किया गया है और इससे सरकार की गलत कार्यप्रणाली का पता चलता है।
उन्होंने कहा कि जेल आइजी द्वारा संजीव सिंह को साजिश के तहत दुमका भेजा गया। उन्होंने इसकी जांच की मांग की।कुछ अफसर इस मामले में कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं कर रहे हैं।झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने एमएलए की बातों को सुनने के बाद कहा कि यह मामला सदन के संज्ञान में आ गया है। इसके बाद विधानसभाध्यक्ष ने राज सिन्हा को बैठने को कहकर अगले विषय पर चर्चा शुरू कर दी। इस बीच, राज सिन्हा के साथ बीजेपी के अन्य एमएलए भी खड़े होकर संजीव सिंह को दुमका जेल भेजने के मुद्दे पर समर्थन करते दिखे। विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में राज सिन्हा, अमर बाउरी, रणधीर सिंह व बिरंची नारायण ने संजीव को साजिश के तहत दुमका जेल भेजने का आरोप लगाया। कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सुरक्षा का बहाना बनाकर संजीव सिंह को दुमका से धनबाद नहीं लाया जा रहा है।
राज सिन्हा ने वादा निभाया
उल्लेखनीय है कि राज सिन्हा ने 25 फरवरी को रणधीर वर्मा चौक पर आयोजित महाधरना में भी संजीव के जेल ट्रांसफर मामले को विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया था। उसी दिन कोर्ट ने भी संजीव को वापस धनबाद लाने का आदेश दिया था। महाधरना में बिना नाम लिए इस मामले पर वक्ताओं ने झरिया एमएलए पर आरोप जड़ा था। हालांकि कोर्ट के आदेश के बावजूद संजीव सिंह अभी तक धनबाद नहीं लाये गये हैं। लेकिन एमएलए राज सिन्हा ने अपना वादा पूरा किया और विधानसभा में जोरदार तरीके से इस मुद्दे को रखा।
संजीव को दुमका भेज खुद को बचाने में जुटे जेल आइजी
एक्स एमएळए संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका सेंट्रल जेल भेजे जाने का मामला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। सुरक्षा का हवाला देकर जेल आइजी वीरेंद्र भूषण के निर्देश पर 21 फरवरी को धनबाद से दुमका शिफ्ट कर दिया गया। इसके खिलाफ संजीव सिंह की ओर धनबाद कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने जेल सुपरिटेंडेंट को शाकॉज जारी किया। जेल सुपरिटेंडेंट ने 25 फरवरी कोर्ट में खड़े होकर माफी मांगी। कहा-सीनीयर अफसरों के निर्देश पर भेजा गया। कोर्ट ने संजीव को तुरंत धनबाद लाने का आदेश दिया। 12 दिन बीत चुके हैं। अब तक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ है। तो सवाल उठता है अब आगे क्या होगा? इस प्रकरण का अलगा एपिसोड कब होगा। नीरज मर्डर का ट्रायल चल रहा है। अगली तारीख 16 मार्च को है। इस तारीख से पहले या उस दिन अगला एपिसोड सामने आ सकता है।
क्यों न जेल आइजी और जेल अधीक्षक के विरूद्ध अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाय
कोर्ट के आदेश का अनुपालन न होने पर संजीव की ओर से अधिवक्ता ने धनबाद कोर्ट में अवमाना याचिका दायर की है। इस पर दो मार्च को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लोक अभियोजक से पूछा-क्यों न आइजी और जेल अधीक्षक के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाय? इसके बाद जेल आइजी बचाव में जुट गए हैं। उन्होंने खुद को जस्टीफाइ करने के लिए डीसी और एसएसपी से धनबाद जेल में सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट मांगी। डीसी और एसएसपी की ओर से रिपोर्ट भेज दी गई है।
लोक अभियोजक ने कोर्ट में दाखिल किया लिखित जवाब
कोर्ट के आदेश के बाद भी दुमका जेल में बंद संजीव सिंह को धनबाद जेल शिफ्ट नहीं किए जाने के मामले में शुुक्रवार को लोक अभियोजक बीडी पांडे ने कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया। दो मार्च को अदालत ने संजीव सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर अभियोजक को लिखित ज़बाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। मामले की सुनवाई 16 मार्च को होनी है। उसके पूर्व ही अभियोजन ने ज़बाब दाखिल कर दिया। कोर्ट में दाखिल जबाब में अभियोजक ने कहा है कि अदालत का आदेश मिलते ही धनबाद जेल अधीक्षक ने दुमका जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर बंदी को धनबाद जेल वापस भेजने का अनुरोध किया है। दुमका जेल सुपरिेंडेंट ने भी जेल आइजी से आवश्यक निर्देश व पुलिस बल की मांग की है। परंतु जेल आइजी द्वारा अब तक कोई दिशा निर्देश प्राप्त नही होने के कारण संजीव सिंह को दुमका से धनबाद जेल शिफ्ट नहीं किया जा सका है। अभियोजन ने दोनो जेल अधीक्षक द्वारा लिखे गए पत्र की कॉपी भी अदालत में दायर की गई है।
जेल आइजी पर राजनीतिक दबाव
आरोप है कि उक्त प्रकरण के पीछे राजनीतिक दबाव है। ऐसा संजीव सिंह की पत्नी झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह का आरोप है। उन्होंने जेल आइजी पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप जड़ा है। दिवंगत नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह अब झरिया से कांग्रेस एमएलए हैं। झारखंड की हेमंत सरकार में कांग्रेस सहयोगी है। नीरज की मर्डर का आरोप संजीव पर है। अब संजीव का परेशान करने के लिए पूर्णिमा चुपचाप अपनी ताकत का अहसास करा रही है। इस राजनीतिक लड़ाई में जेल आइजी और जेल अफसर पिस रहे हैं। आइजी अब रिटायर करने वाले भी हैं।