झारखंड: CM हेमंत सोरेन का अपने नाम माइंस लीज आवंटन का मामला पहुंचा चुनाव आयोग, बढ़ेगी परेशानी
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन तथा उनके भाई बसंत सोरेन को पत्थर माइंस लीज मिलने का मामला भारत निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया है। भारत निर्वाचन आयोग ने भी इसपर कार्रवाई करते हुए लीज आवंटन से संबंधित दस्तावेज स्टेट के चीफ सेकरेटरी सुखदेव सिंह को प्रमाणीकरण करने को कहा है कि उक्त दस्तावेज सही हैं या नहीं।
रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन तथा उनके भाई बसंत सोरेन को पत्थर माइंस लीज मिलने का मामला भारत निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया है। भारत निर्वाचन आयोग ने भी इसपर कार्रवाई करते हुए लीज आवंटन से संबंधित दस्तावेज स्टेट के चीफ सेकरेटरी सुखदेव सिंह को प्रमाणीकरण करने को कहा है कि उक्त दस्तावेज सही हैं या नहीं।
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बताया जाता है कि बीजेपी नेताओं द्वारा सीएम हेमंत सोरेन तथा एमएलए बसंत सोरेन के नाम पत्थर माइंस लीज आवंटित होने की कंपलेन किया गया है। इस के बाद गवर्नर रमेश बैस ने संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत दोनों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई को लेकर भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगी थी। इसके बाद ही भारत निर्वाचन आयोग ने यह कार्रवाई की।
दस्तावेज का प्रमाणीकरण नहीं भेजा
चीफ सेकरटेरी द्वारा अभी तक दस्तावेज का प्रमाणीकरण कर आयोग को नहीं भेजा गया है। गवर्नर ने शुक्रवार को चीफ सेकरेटरी से यह भी पूछा कि उनके द्वारा अभी तक दस्तावेज का प्रमाणीकरण क्यों नहीं किया गया। चीफ सेकरटेरी ने गवर्नर को बताया कि उनके पास आयोग का पत्र अभी तक पहुंचा ही नहीं है। इसपर गवर्नर ने पत्र मिलने पर शीघ्र दस्तोवज का प्रमाणीकरण कर भारत निर्वाचन आयोग को भेजने को कहा है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
यह है अनुच्छेद 192
संविधान के अनुच्छेद 192 किसी विधायक की सदस्यता समाप्त किए जाने से संबंधित है। यदि किसी विधायक की सदस्यता समाप्त किए जाने का मामला होता है तो उसपर अंतिम स्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजा जाता है। राज्यपाल इस अनुच्छेद के तहत अनुमति देने से पहले भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य लेते हैं।
उल्लेखनीय है कि एक्स सीएम रघुवर दास ने सीएम के नाम अनगड़ा में पत्थर खदान आवंटित किए जाने का आरोप लगाया था। हालांकि मामला विवादित होने के बाद उक्त लीज को सरेंडर कर दिया गया। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गयी है सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।वहीं गवर्नर रमेश बैस ने चीफ सेकरटेरी को राजभवन बुलाकर बीजेपी लीडर द्वारा सीएम पर लगाये गये आरोप और केंद्र सरकार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट के संबंध में पूछताछ की है। लीज से संबंधित कागजात मांगी गई है।
सीएम के एमएलए भाई माइनिंग कंपनी में पार्टनर
एक्स सीएम रघुवर दास ने सीएम के भाई बसंत सोरेन पर भी माइनिंग कंपनी ग्रैंड माइनिंग में पार्टनर होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उस कंपनी पर सरकार का आठ करोड़ बकाया है। उन्होंने दोनों पर सरकार से दोहरा लाभ लेने का आरोप लगाते हुये इनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की। रघुवर ने कहा कि सीएम द्वारा यह कार्य गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी मंत्रियों के लिए आचार संहिता का उल्लंघन है। साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(डी) के तहत आपराधिक कृत्य है। अब इन प्रावधानों के तहत जांच शुरू कर दी गई है।