झारखंड: पंचायत चुनाव में वाइफ ने हसबैंड को हराया, टेंशन में हसबैंड
झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में रांची जिले में वार्ड सदस्य के तौर पर चुनाव लड़ रहे हसबैंड को पटखनी दी। पंडरा स्थित काउंटिंग में यह चर्चा का विषय बना रहा।
रांची। झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में रांची जिले में वार्ड सदस्य के तौर पर चुनाव लड़ रहे हसबैंड को पटखनी दी। पंडरा स्थित काउंटिंग में यह चर्चा का विषय बना रहा।
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पिठोरिया पंचायत के वार्ड नंबर तीन में सदस्य के पद पर हसबैंड हफीज अंसारी और उनकी वाइफ रशीदा खातून चुनाव मैदान में आमने-सामने थी। इसके अलावा सदस्य के प्रत्याशी के रूप में किसी ने भी चुनाव लड़ने के लिए नामांकन नहीं किया था।दोनों के बीच जबरदस्त मुकाबला था। वाइफ को चुनाव चिन्ह गैस चूल्हा मिला था, जबकि हसबैंड को गिलास था।
पंडरा में काउंटिंग शुरू हुई तो दोनों अगल-बगल ही खड़े थे। लेकिन दोनों के चेहरे पर टेंशन था। जैसे-जैसे वोटों की गिनती हो रही थी, उस वक्त बार-बार रशीदा अपने हसबैंड से यही कह रही थी कि आप चुनाव से नाम वापस ले लें। वहीं पति उसे यही जवाब दे रहा था कि अबकी बार वही जीतेगा। इसी बीच वोटों की गिनती की प्रक्रिया पूरी की गई। विजेताओं की घोषणा की गई। रशीदा को 155 वोट मिले, जबकि उनके हसबैंड हफीज को 119 वोट मिला। 36 वोट से रशीदा ने अपने हसबैंड हफीज को हराकर पिठोरिया पंचायत के वार्ड नंबर तीन के सदस्य चुनी गईं। रशीदा खातून दो बार से वार्ड सदस्य हैं। वाइफ से हार जाने के बाद पति हफीज अंसारी के चेहरे पर मायूसी नजर आई।
दो बार से वार्ड सदस्य हैं रशीदा
रशीदा खातून बीते 10 साल से वार्ड सदस्य के पद पर हैं। हफीज अंसारी ने कहा कि उन्होंने वाइफ से कहा था कि वह 10 साल से वार्ड सदस्य हैं अब उन्हें इस पद पर काम करने का मौका मिलना चाहिए इसलिए वह चुनाव नहीं लड़े। लेकिन वाइफ इसके लिए तैयार नहीं हुई उल्टे उसने ही उससे कहा कि वे चुनाव में ना उतरे। आखिरकार दोनों के बीच बात नहीं बनने पर समझौता हुआ कि दोनों चुनाव मैदान में रहेंगे, जनता जिसे काम करने के लिए चुनेगी, वह कार्य करेंगे।