झारखंड: JSSC CGL रिजल्ट का रास्ता साफ, हाई कोर्ट ने परिणाम पर लगी रोक हटाई

झारखंड हाई कोर्ट ने JSSC CGL-2023 रिजल्ट पर लगी रोक हटाई। पेपर लीक मामले की SIT जांच जारी रहेगी। 10 आरोपित अभ्यर्थियों का रिजल्ट रोका जाएगा। विस्तृत रिपोर्ट पढ़ें।

झारखंड: JSSC CGL रिजल्ट का रास्ता साफ, हाई कोर्ट ने परिणाम पर लगी रोक हटाई
हाईकोर्ट व जेएसससी (फाइल फोटो)।
  • हाईकोर्ट ने सीजीएल-2023 रिजल्ट जारी करने की दी अनुमति
  •  SIT को छह माह में जांच पूरी करने का निर्देश
  • पेपर लीक में आरोपित 10 अभ्यर्थियों का रिजल्ट रोकने का आदेश
  • सीबीआई जांच की मांग खारिज

रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (JSSC CGL-2023) के परिणाम पर लगी रोक हटा दी है। इसके साथ ही जेएसएससी को रिजल्ट जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पेपर लीक मामले में जांच SIT ही जारी रखेगी। एसआईटी को छह माह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।

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हाई कोर्ट ने पेपर लीक की आशंका को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसका फैसला बुधवार को सुनाया गया। हाईकोर्ट नेबुधवार को झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ( जेएसससी) को रिजल्ट जारी करनेऔर नियुक्ति की अनुशंसा करनेका निर्देश दिया। 

इन अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी नहीं होगा

कोर्ट ने आदेश दिया है कि पेपर लीक मामले में जिन 10 अभ्यर्थियों को आरोपित बनाया गया है, उनका परिणाम जारी नहीं किया जायेगा।
यदि जांच के दौरान किसी और अभ्यर्थी का नाम आरोपित के रूप में सामने आता है, तो उसका रिजल्ट भी प्रभावित होगा और आयोग उसकी अनुशंसा रद्द कर सकता है।

सीबीआई जांच की मांग खारिज

चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने स्पष्ट कहा कि यह मामला सीबीआई जांच के योग्य नहीं है।
अदालत ने बताया कि फिलहाल मिले तथ्यों से किसी तरह के पेपर लीक का ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है।महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया था कि जांच में पेपर लीक का कोई साक्ष्य नहीं मिला है, सिर्फ अलग-अलग वर्षों के कुछ प्रश्नों की पुनरावृत्ति हुई है जिसे पेपर लीक नहीं माना जा सकता।

जेएसएससी की दलील—सिर्फ 3 केंद्रों पर अनियमितता की आशंका

आयोग की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने दलील दी कि—

पूरे राज्य के 830 परीक्षा केंद्रों में से सिर्फ तीन केंद्रों पर अनियमितता की आशंका सामने आई।

इन केंद्रों पर कुछ अभ्यर्थियों द्वारा मोबाइल के माध्यम से उत्तर लिखवाने का प्रयास किया गया था।

फेंके गए उत्तर-पत्रों की जांच में समानता दिखने के बाद लोगों ने पेपर लीक का आरोप लगाया।

याचिकाकर्ताओं की दलील—50% प्रश्न गेस पेपर जैसे

याचिकाकर्ता प्रकाश कुमार और अन्य ने आरोप लगाया था कि—

प्रश्नपत्र का सील टूटा हुआ था।

गेस पेपर में आए 50% से अधिक प्रश्न मुख्य परीक्षा में रिपीट किए गए।

जांच अधिकारी को बिना कोर्ट की अनुमति के बदला गया।

उन्होंने परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग की थी।

सफल अभ्यर्थियों का पक्ष—कोचिंग संस्थानों द्वारा फैलाया भ्रम

सफल अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि—

पेपर लीक का कोई ठोस प्रमाण नहीं है।

किसी अभ्यर्थी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई।

कोचिंग संस्थान अफवाह फैलाकर माहौल बना रहे हैं।

उन्होंने NEET मामले का हवाला देकर कहा कि इतने लंबे समय तक रिजल्ट रोकना उचित नहीं है।

परीक्षा और पदों की जानकारी

JSSC CGL परीक्षा तिथि: 21 और 22 सितंबर 2024

अभ्यर्थियों की संख्या: 3,04,769

पदों की कुल संख्या: 2025

परीक्षा केंद्र: 830

अब आगे क्या?

हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब JSSC जल्द ही CGL-2023 का रिजल्ट जारी करेगा। पेपर लीक आरोप वाले 10 अभ्यर्थियों को छोड़कर बाकी उम्मीदवारों का रास्ता साफ हो गया है।

पिछले साल हुई थी सीजीएल परीक्षा
सीजीएल परीक्षा वर्ष 2024 में 21 और 22 सितंबर को हुई थी। इस परीक्षा में 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा ली गयी थी।
जनहित याचिका की गयी थी दायर 
सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए प्रार्थी प्रकाश कुमार एवं अन्य ने जनहित याचिका दायर की थी। इसमें सीजीएल परीक्षा रद्द करने और मामलेकी सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया गया था। प्रार्थियों का आरोप था कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ था। पेपर का सील खुला खुला था, बड़ी संख्या में प्रश्नों को रिपीट करने जैसी गड़बड़ी हुई थी।
पेपर लीक होने के सबूत नहीं
इस मामले में सरकार की ओर से पक्ष रखतेहुए महाधिवक्ता राजीव रंजन नेकोर्ट को बताया था कि परीक्षा में पेपर लीक होने के कोई साक्ष्य नहीं मिलेहैं। जांच में अभी तक किसी तरह के पेपर लीक की बात सामने नहीं आयी है। अलग-अलग तीन वर्षों के कुछ प्रश्नों की पुनरावृत्ति हुई है। इसे पेपर लीक नहीं माना जा सकता है। कुछ गेस क्वेश्चन को पेपर लीक बताया जा रहा है।

तीन केंद्रों पर अनियमितता की आशंका
जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल का कहना था कि राज्यभर के 830 परीक्षा केंद्रों में से केवल तीन केंद्रों पर अनियमितता की आशंका सामने आयी है। उन्होंनेकहा कि इन केंद्रों पर कुछ अभ्यर्थियों द्वारा मोबाइल फोन के माध्यम से प्रश्न लिखवाने और उत्तर पत्र पर आंसर लिखनेकी बात सामने आई थी। बाद में उन उत्तर पत्रों को फाड़कर डस्टबिन में फेंक दिया गया था। जब उन्हें उठाकर देखा गया, तो पाया गया कि प्रश्न पत्र के प्रश्नों और उत्तरों में समानता थी। इसी कारण लोगों को लगा कि पेपर लीक हुआ है।
याचिकाकर्ताओं की दलील
प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया था कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ था।  राज्य सरकार का इस मुद्दे पर रुख जुलाई से लगातार बदलता रहा है। जांच अधिकारी को भी बिना कोर्ट की अनुमति के बदल दिया गया जबकि यह गंभीर अनियमितता है। यह भी कहा गया कि गेस पेपर के 50 फीसदी सेअधिक प्रश्न परीक्षा में पूछे गये, जिससे लीक की आशंका मजबूत होती है।
बनाया जा रहा पेपर लीक का माहौल
मामले में हस्तक्षेप करते हुए सफल अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया था कि प्रश्नपत्र लीक का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। किसी अभ्यर्थी नेइस संबंध में शिकायत भी नहीं की है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों द्वारा अफवाह फैलाकर पेपर लीक का माहौल बनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के नीट परीक्षा से जुड़े आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि इतने लंबे समय तक परिणाम रोकना उचित नहीं है। उन्होंने आग्रह किया कि मेरिट लिस्ट पर लगी रोक हटाई जाए, जबकि जांच अपनी गति से चलती रहे।