Kolkata : जल्द बढ़ सकती हैं कोयले की कीमतें: कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल
कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि कोयले की कीमतों में बहुत जल्द वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जासं साधनों को सुरक्षित किये बगैर कोई भी राष्ट्र विकसित नहीं हो सकता। श्री अग्रवाल ने कहा है कि कोल इंडिया ने अगले सात साल में अंडरग्राउंड कोल माइनिंग 25-30 मिलियन टन से बढ़ाकर 100 मिलियन टन करने का टारगेट रखा है।
- वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया का माइनिंग टारगेट एक बिलियन टन हासिल कर लिया जायेगा
कोलकाता। कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि कोयले की कीमतों में बहुत जल्द वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जासं साधनों को सुरक्षित किये बगैर कोई भी राष्ट्र विकसित नहीं हो सकता। श्री अग्रवाल ने कहा है कि कोल इंडिया ने अगले सात साल में अंडरग्राउंड कोल माइनिंग 25-30 मिलियन टन से बढ़ाकर 100 मिलियन टन करने का टारगेट रखा है।
यह भी पढ़ें:Dhanbad : शॉट सर्किट से दुकान में लगी भीषण आग, 15 लाख का नुकसान
सीआइएल चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल कोलकाता में एम जंक्शन की ओर सेआयोजित इंडियन कोल मार्केट्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोयले की कीमतें जल्द बढ़ सकती हैं। इस संबंध में भागीदारों के साथ बातचीत हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया का माइनिंग टारगेट- एक बिलियन टन हासिल कर लिया जायेगा।इंडियन कोल मार्केट्स कॉन्फ्रेंस में श्री अग्रवाल नेकहा कि कोयले की प्राइस बढ़ सकती है, क्योंकि ऐसा पिछलेपां च वर्षों में नहीं हुआ है। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष वेतन समझौता भी हो रहा है, जिसका असर कोल इंडिया की वित्तीय स्थिति पर पड़ेगा। विशेषकर उन अनुषंगियों के लिए, जहां मानव श्रम काफी महंगा है। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया वर्ष 2025-26 तक एक बिलियन टन के प्रोडक्शन टारगेट को हासिल कर लेगी। यह देश की जरूरत और प्राइवेट सेक्टर के विकास पर निर्भर करेगा।
उन्होंने कहा कि कोई भी देश तब तक डेवलप नहीं हो सकता है, जब तक उसके ऊर्जा संसाधन सुरक्षित न हों। इसलिए हमें जरूरत पड़ने पर इसके प्रोडक्शन के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर जरूरत नहीं रही, तो आउटपुट को उसके मुताबिक समायोजित कर लिया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी अंडरग्राउंड कोल प्रोडक्शन को वर्ष 2030 तक 100 मिलियन टन तक ले जाने का टारगेट रख रही है। वर्तमान में यह 25-30 मिलियन टन है।सीआइएल के डीटी डा. बीवीरा रेड्डी ने देश की कोयले की मांग को पूरा करने के लिए कोल इंडिया के कदमों और वित्त वर्ष 2024-25 तक 1 बीटी के अनुसरण के बारे में बात की। उन्होंने हरित मंजूरी और भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों पर भी प्रकाश डाला। इसको लेकर सभी कोयला कंपनियों का लक्ष्य तय कर दिया गया है। इस अवसर पर एमजंक्शन सर्विसेस लिमिटेड के एमडी व सीइओ विनय वर्मा ने कहा कि वित्त वर्ष 23 में अपेक्षित 700 मिलियन टन से 800 मिलियन टन और कोयले की जरूरत होगी। यह कठिन टारगटे है।मौके पर सीआइएल व कोयला कंपनियों के प्रमुख व अन्य अफसर मौजूद थे।