मन्नत पूरी होने पर रांची के भक्त ने मां विंध्यवासिनी मंदिर विंध्याचल में लगवाया 101 किलो का चांदी का दरवाजा
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला के विंध्याचल में स्थित प्रसिद्ध मां विंध्यवासनी मंदिर में एक भक्त ने मनोकामना पूरी होने पर 101 किलो चांदी से बना दरवाजा दान किया। इस दरवाजे की कीमत 80 लाख रुपये आंकी जा रही है।
वाराणासी। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला के विंध्याचल में स्थित प्रसिद्ध मां विंध्यवासनी मंदिर में एक भक्त ने मनोकामना पूरी होने पर 101 किलो चांदी से बना दरवाजा दान किया। इस दरवाजे की कीमत 80 लाख रुपये आंकी जा रही है।
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सवा पांच फीट लंबा व दो फीट चौड़ा है दरवाजा
मिर्जापुर के विंध्याचल में स्थित प्रसिद्ध मां विंध्यवासनी मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश द्वार पर इस चांदी के दरवाजे को वैदिक मंत्रोच्चार के बाद मेन गेट पर स्थापित किया गया। यह दरवाजा सवा पांच फीट लंबा और दो फीट चौड़ा है। इसे राजस्थान से बनवाया गया है।चांदी के दरवाजे को लगाने के लिए राजस्थान के झुंझुनू जिले से पांच कारीगर भी लाये गये थे। मंदिर में जहां चांदी का दरवाजा लगाया गया, वहां पहले पीतल का गेट लगा था।
चांदी का दरवाजा दान करने वाले भक्त रांची के रहने वाले हैं। इस मौके पर माता विंध्यवासिनी के दरबार में विशेष पूजन अर्चन एवं भंडारे का आयोजन किया गया। भक्त संजय चौधरी ने बताया कि वह लगभग 25 सालों से रांची से विंध्याचल आ रहे हैं। वह दोनों नवरात्रि में सपरिवार माता विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के लिए आते हैं।नवरात्रि के दौरान ही उन्होंने मन में संकल्प लिया कि एक दिन माता के गर्भ गृह में चांदी का दरवाजा लगवायेंगे। संजय ने कहा कि मां के आशीर्वाद से चांदी का द्वार लगवाने का संकल्प पूरा हुआ।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त महीने में बिहार के एक मिनिस्टर ने मां विध्यवासिनी को एक किलो के सोने का मुकुट और चरण दान किया था। इसकी कीमत 50 लाख रुपये आंकी गई थी। मां विध्यवासिनी दरबार लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां आम दिनों में भी हजारों की संख्या में दर्शन-पूजन के लिए भक्त पहुंचते हैं। अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना करते हैं।