पटना: नरेन्द्र मोदी की रैली में सीरियल बम ब्लास्ट मामले में चार को फांसी, दो को उम्रकैद
बिहार की राजधानी के गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर सिरियल बम ब्लास्ट मामले में सोमवार को एनआइए की स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। मामले के चार आरोपियों को फांसी और दो को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दो दोषियों को 10-10 तो एक को सात वर्ष की सजा दी गई है।
- दो दोषियों को 10 तो एक को सात वर्ष की सजा
गांधी मैदान और जंक्शन में हुई वारदात में छह लोगों की गयी थी जान
पटना। बिहार की राजधानी के गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर सिरियल बम ब्लास्ट मामले में सोमवार को एनआइए की स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। मामले के चार आरोपियों को फांसी और दो को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दो दोषियों को 10-10 तो एक को सात वर्ष की सजा दी गई है।
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चार आतंकियों को फांसी की सजा
NIA कोर्ट ने नोमान अंसारी, हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मो. मोजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम को फांसी की सजा दी है। सिद्दीकी और अजहरूद्दीन को उम्र कैद की सजा दी है। ये छह आतंती IPC के सेक्शन 302, 120B और UAPA एक्ट जैसे गंभीर धाराओं में दोषी करार दिये गये थे। कोर्ट ने अहमद हुसैन और फिरोज आलम उर्फ पप्पू को 10-10 साल औरर इफ्तिखार आलम को सात साल की सजा सुनाई है। इफ्तिखार की सजा सात साल पूरी हो गई है।कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी आतंकी को इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करनी है तो वो 30 दिनों के अंदर कर लें, वरना सजा पर अमल किया जायेगा।
11 में एक आरोपी नाबालिग, दूसरा आरोपी फखरुद्दीन बरी
एनआइए कोर्ट ने मामले में उमेर सिद्दीकी, अहमद हुसैन, अजहरुद्दीन कुरैशी, हैदर अली, इम्तियाज अंसारी, मोजिबुल्लाह अंसारी, फिरोज अहमद और नुमान अंसारी को आइपीसी एक्ट की विभिन्न धाराओं, एक्सप्लोसिव एक्ट की विभिन्न धारा, यूए (पी) एक्ट और रेलवे एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया था। 2014 में सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद अबतक 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई थी।मामले में जेल में बंद 10 अभियुक्तों को पिछले महीने की 27 अक्टूबर को कोर्ट में पेश किया गया था। आतंकी उमेर सिद्दीकी, अहमद हुसैन, अजहरुद्दीन कुरैशी, हैदर अली, इम्तियाज अंसारी, मोजिबुल्लाह अंसारी, फिरोज अहमद और नुमान अंसारी को आइपीसी एक्ट की विभिन्न धाराओं, एक्सप्लोसिव एक्ट की विभिन्न धारा, यूए (पी) एक्ट और रेलवे एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया था।उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले एक आरोपी फखरुद्दीन को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
गांधी मैदान में 2013 की 27 अक्टूबर को थी नरेन्द्र मोदी की हुंकार रैली
वर्ष 2013 की 27 अक्टूबर नरेन्द्र मोदी की हुंकार रैली से पहले गांधी मैदान और जंक्शन में हुई वारदात में छह लोगों की जान चली गई थी। लगभग 85 लोग घायल हो गये थे। बम ब्लास्ट का केस गांधी मैदान व पटना रेल पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बाद में इस केस को एनआइए को सौंप दिया गया था। सीरियल ब्लास्ट के मामले में NIA ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक नाबालिग निकला था। उसका केस जुवेनाइल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है। एनआइए ने 10 अभियुक्तों के खिलाफ 22 अगस्त, 2014 को चार्जशीट दाखिल किया था।
.एनआइए कोर्ट ने मामले में 27 अक्टूबर को रांची और रायपुर में रची गई थी बम ब्लास्ट की साजिश
नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट की साजिश रांची और रायपुर में रची गई थी। इसका रिहर्सल भी किया था। बोधगया में सात जुलाई 2013 को ब्लास्ट के बाद ही पटना के गांधी मैदान में ब्लास्ट की योजना इंडियन मुजाहिद्दीन के जिहादियों ने बनाई थी। बोधगया ब्लास्ट का मास्टरमाइंड हैदर अली और मोजिबुल्लाह थे। बोधगया बम ब्लास्ट में हैदर ने बौद्धभिक्षु बनकर बम प्लांट किये थे। इसके बाद गांधी मैदान में मोदी की रैली में ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने विस्फोटक पदार्थ का जुगाड़ कर रांची में जमा किया।
घटना को अंजाम देने के लिए आठ आतंकी सुबह में ही बस से रांची से आये थे पटना
घटना को अंजाम देने के लिए आठ आतंकी सुबह में ही बस से रांची से पटना पहुंचे थे। अपनी योजना के अनुसार अलग-अलग होकर काम करने लगे। इस बीच पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर दस के शौचालय में मानव बम बनते समय एक विस्फोट हो गया। इसमें एक आतंकी की मौत हो गई थी। पटना जंक्शन पर ब्लास्ट करते समय पकड़े गए मो. इम्तियाज से पूछताछ में रांची से तार जुड़े मिले। इसके बाद एनआईए ने रांची के हिंदपीढ़ी और सीठियो में रेड की थी। इसके अलावा रायपुर में भी आरोपितों ने ट्रेनिंग लिया था। रायपुर से ही उमर सिद्दकी और अजहरूद्दीन की अरेसिटमग हुई थी। यही पर नरेंद्र मोदी को निशाना बनाकर विस्फोट करने की योजना बनी थी। रांची में इसे अंजाम देने की कार्ययोजना बनी।
हैदर बना था रांची मॉड्यूल का इंचार्ज
गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट और बोधगया ब्लास्ट मामले का मुख्य साजिकर्ता आतंकी मो. हैदर को रांची मॉड्यूल का इंचार्ज बनाया गया था। उसे ही जवाबदेही दी गयी थी कि वह कुछ और युवकों को जोड़कर मॉड्यूल तैयार करे। हैदर इस सिलसिले में तेजी से काम कर रहा था। 24 मई 2014 को हैदर, मजबुल्ला रांची से और नुमान और तौकीर पलामू से पकड़े गए थे। रिमांड पर लिए गए हैदर और मजबुल्ला से जब पूछताछ की गयी तो इन सबों ने बड़े खुलासे किए। इसके बाद ही एनआईए की टीम दोनों को लेकर रांची पहुंची। उसी की निशानदेही पर बम बरामद हुए और कर्बला इलाके में पड़े छापा में एक व्यक्ति के यहां से सर्किट मिला था। जांच के दौरान आतंकियों का कनेक्शन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के साथ ही छत्तीसगढ़ के रायपुर से जुड़ा था। 2014 में सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद अबतक 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई थी।