Punjab : DIG हरचरण सिंह भुल्लर के घर से सात करोड़ कैश, 22 लग्जरी घड़ियां और सोना बरामद

CBI ने पंजाब पुलिस के DIG हरचरण सिंह भुल्लर को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया। घर से ₹7 करोड़ नकद, सोना और 22 लग्जरी घड़ियां बरामद हुईं। नोट गिनने को मंगाई गई 3 मशीनें, 21 घंटे चली रेड।

Punjab : DIG हरचरण सिंह भुल्लर के घर से सात करोड़ कैश, 22 लग्जरी घड़ियां और सोना बरामद
डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर(फाइल फोटो)।
  • सीबीआई ने पंजाब पुलिस के DIG हरचरण सिंह भुल्लर को घूस लेते किया अरेस्ट

चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर पर सीबीआई ने रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों में शिकंजा कस दिया है। सीबीआई ने भुल्लर को गुरुवार को घूस लेते अरेस्ट किया था। गिरफ्तारी के बाद चंडीगढ़ स्थित डीआईजी के घर पर 21 घंटे तक चली सीबीआई छापेमारी में सात करोड़ रुपये से अधिक कैश, डेढ़ किलो सोना, 22 लग्जरी घड़ियां और कई प्रॉपर्टी दस्तावेज जब्त किये गये हैं।
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रूपनगर रेंज में पुलिस के डीआईजी थे हरचरण सिंह भुल्लर
पूर्व डीजीपी महल सिंह भुल्लर के बेटे हरचरण सिंह भुल्लर वर्तमान में रूपनगर रेंज में पुलिस उप महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे।हरचरन सिंह भुल्लर के छोटे भाई कुलदीप सिंह भुल्लर कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं। हरचरण सिंह भुल्लर शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर दर्ज नशा तस्करी केस की जांच में भी शामिल रहे हैं। तब वह पटियाला रेंज के डीआइजी रहे थे। डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लरके साथ एक निजी व्यक्ति कृष्णा को भी गिरफ्तार किया गया है, जो कथित रूप से उनका बिचौलिया बताया जा रहा है ।दोनों के खिलाफ प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। दोनों को मेडिकल कराने के बाद शुक्रवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया।

रिश्वत के लिए "सेवा-पानी" कोडवर्ड
सीबीआई को नोट गिनने के लिए तीन मशीनें मंगवानी पड़ीं, क्योंकि कैश की मात्रा इतनी अधिक थी कि हाथ से गिनना संभव नहीं था। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, डीआईजी भुल्लर एक स्क्रैप कारोबारी आकाश बत्ता से राहत दिलाने के बदले ₹8 लाख और हर महीने तय रकम की मांग कर रहे थे। रिकॉर्डिंग में भुल्लर अपने बिचौलिए कृष्णनू से कहते सुने गए — “जिन्ने देंदा, नाल-नाल फड़ी चल, आठ पूरे करवा दे।” यानी रिश्वत की रकम तय और निरंतर वसूली की बात स्पष्ट रूप से सामने आयी है।
कैसे फंसे DIG भुल्लर?
डीआईजी पर एक स्क्रैप कारोबारी को राहत देने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप है। सीबीआई को उनकी कुछ रिकॉर्डिंग भी मिली हैं, जिनमें वे रिश्वत की मांग कर रहे हैं।दो साल पहले मंडी गोबिंदगढ़ निवासी कारोबारी आकाश बत्ता के खिलाफ पुलिस केस दर्ज हुआ था। इसी केस में राहत देने के नाम पर डीआईजी ने रिश्वत मांगी।तंग आकर कारोबारी ने 11 अक्टूबर को सीबीआई से शिकायत की। जांच के बाद सीबीआई ने बिचौलिए और फिर डीआईजी को रंगेहाथ पकड़ लिया।
पूर्व DGP का बेटा, पूर्व विधायक का भाई
हरचरण सिंह भुल्लर, पूर्व DGP महल सिंह भुल्लर के बेटे हैं, जो 1980-90 के दशक में पंजाब में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए जाने जाते थे।उनके छोटे भाई कुलदीप सिंह भुल्लर कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं।भुल्लर पहले पटियाला रेंज के डीआईजी रह चुके हैं और वे शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर दर्ज ड्रग केस की जांच टीम का हिस्सा भी थे।
CBI का तरीका — लीक से बचने की चाल
क्योंकि पंजाब में सीबीआई को कार्रवाई से पहले गृह विभाग से अनुमति लेनी होती है, एजेंसी को डर था कि राज्य सरकार से जानकारी लीक हो सकती है। इसलिए सीबीआई ने डीआईजी को पूछताछ के बहाने कार्यालय बुलाया और वहीं से गिरफ्तार कर लिया।
आठ लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था डीआईजी
सीबीआई को कंपलेन में एक कबाड़ी व्यापारी आकाश बट्टा ने आरोप लगाया था कि डीआईजी भुल्लर ने उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी थी। आठ लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद हर महीने सेटेलमेंट के नाम पर रकम देने का दबाव बनाया जा रहा था। कंपलेन की प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और गुरुवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-21 में कृष्णा को रंगे हाथों आठ लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही रुपये सौंपे गये,, सीबीआई ने शिकायतकर्ता और डीआईजी के बीच एक नियंत्रित फोन कॉल करवाई, जिसमें अधिकारी ने रकम मिलने की पुष्टि की और दोनों को अपने ऑफिस आने के लिए कहा। इस सबूत के आधार पर सीबीआई ने मोहाली स्थित उनके ऑफिस से डीआईजी भुल्लर को गिरफ्तार कर लिया।
डीआईजी की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने रोपड़, मोहाली और चंडीगढ़ स्थित कई परिसरों पर छापेमारी की। इस दौरान भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान बरामद हुआ। जांच एजेंसी के अनुसार, अब तक सात करोड़ रुपये नकद, 1.5 किलोग्राम सोना और आभूषण, दो लग्जरी कारों (मर्सिडीज और ऑडी) की चाबियां, 22 महंगी घड़ियां, अचल संपत्तियों के दस्तावेज, विदेशी शराब के 40 लीटर स्टॉक, और कई हथियार बरामद किये गये हैं।
डीआईजी के सहयोगी के घर से मिले 21 लाख
डीआईजी के सहयोगी कृष्णा के घर से अतिरिक्त 21 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। एजेंसी अब यह जांच कर रही है कि भुल्लर की यह अवैध संपत्ति किन स्रोतों से आई और क्या इसमें मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल शामिल हैं। शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी अधिकारी लंबे समय से रिश्वत के जरिए मामले निपटाने का रैकेट चला रहा था।