झारखंड में आठ अप्रैल को रिकार्ड 1882 पॉजिटिव मिले, रांची में 858, जमशेदपुर में 204 व धनबाद में 91 नये केस
झारखंड में आठ अप्रैल गुरुवार को रिकार्ड 1882 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें राजधानी रांची में सर्वाधिक 858, जमशेदपुर में 204 व धनबाद में 91 संक्रमित मिले हैं।
- स्टेट में 24 घंटे में सात की मौत, 498 ठीक हुए
- स्टेट में संक्रमितों की संख्या 132790 पहुंची
रांची। झारखंड में आठ अप्रैल गुरुवार को रिकार्ड 1882 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें राजधानी रांची में सर्वाधिक 858, जमशेदपुर में 204 व धनबाद में 91 संक्रमित मिले हैं।
स्टेट में आज कोरोना से सात संक्रमित की मौत हुई है। 498 कोरोना संक्रमित स्वस्थ भी हुए। झारखंड में संक्रमितों की कुल संख्या 132790 हो गयी है। इनमें से 122383 ठीक हो चुके हैं। अब तक 1158 मौतें हुई है। अभी स्टेट में 9249 एक्टिव केस हैं।स्टेट में कोरोना वायरस संक्रमण लगातार खतरनाक रूप से बढ़ता जा रहा है। इससे शासन प्रशासन में खलबली मची हुई है। स्टेट में कोरोना के मामले में सबसे बुरा रांची का है। दूसरे नंबर पर जमशेदपुर है।
स्टेट में एक्टिल केस की संख्या नौ हजार से पार, रांची में 4,720 पेसेंट
झारखंड में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या बढ़कर अब 9,249 हो गई है। फरवरी के पहले वीक में यह संख्या मात्र 428 थी। रांची में भी एक्टिव मामले बढ़कर 4,720 हो गये हैं। इस तरह, झारखंड के एक्टिव मामले में आधे से अधिक सिर्फ रांची में हैं।
किस जिले में कितने संक्रमित मिले
आज रांची में 858 , जमशेदपुर में 204, धनबाद में 91, बोकारो में 70, चतरा में 22,देवघर में 72, दुमका में 67, गढ़वा में 17,गिरिडीह में नौ, गोड्डा में 44,गुमला में 43,हजारीबाग में 94, जामताड़ा में 27,खूंटी में 35,कोडरमा में 50,लातेहार में पांच, लोहरदगा में 12, पाकुड़ में 11,पलामू में आठ,रामगढ़ में 36,रांची में 858, साहिबगंज में 40,सरायकेला में 12,सिमडेगा में 13,पश्चिमी सिंहभूम में 42 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
जांच या इलाज में कोई समस्या हो तो इस हेल्पलाइन पर करें फोन
कोविड कंट्रोल रूम : 0651-2200008
कोविड एंबुलेंस : 0651-2200009
प्राइवेट हॉस्पीटल 25 परसेंट बेड कोरोना पेसेंट के लिए सुरक्षित रखें
हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने गुरुवार को प्राइवेट हॉस्पीटल संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें 25 परसेंट बेड कोरोना पेसेंट के इलाज के लिए सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रत्येक तीन-चार दिनों पर बेड की संख्या बढ़ाने को कहा है। नामकुम स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के सभागार में गुरुवार को उन्होंने प्राइवेट हॉस्पीटल संचालकों से कहा कि प्राइवेट हॉस्पीटलों को सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर ही इलाज करना होगा। साथ ही इलाज की दरों का अपने नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अनिवार्य रूप उल्लेख भी करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ अस्पताल मनमानी राशि वसूल रहे हैं। ऐसे हॉस्पीटल पर कार्रवाई होगी।
बैठक में कई हॉस्पीटल के संचालकों के नहीं पहुंचने पर मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला को निर्देश दिया कि ऐसे संचालकों से स्पष्टीकरण मांगा जाए। उन्होंने इंसीडेंट कमांडर को सभी अस्पतालों के निरीक्षण करने के निर्देश दिए। बन्ना ने कहा कि अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा तय कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। उन्होंने प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं करने पर लाइसेंस रद करने चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छह घंटे पर प्रशासन को अस्पताल में बेड की उपलब्धता की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी।
बैठक में बिना लक्षण वाले पेसेंट को होम आइसोलेशन में रखने तथा गंभीर पेसेंट को ही हॉस्पीटल में एडमिट करने जोर दिया गया। बैठक में हेल्थ सेकरेटरी केके सोन,अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला भी उपस्थित थे।अभियान निदेशक ने अस्पताल प्रतिनिधियों से कहा कि वे अधिक से अधिक बेड जिन अस्पतालों को विभाग से मदद की आवश्यकता है उनकी आवश्यकताओं को पूरा किया जायेगा। प्राइवेट हॉस्पीटल द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता बताये जाने पर उसे दो-तीन दिनों के अंदर उपलब्ध करा दिया जायेगा।
आइसोलेशन में रह रहे पेसेंट को मिले कोविड किट
बैठक में प्राइवेट हॉस्पीटल संचालकों ने सुझाव दिया कि दिल्ली की तरह झारखंड में भी होम आइसोलेशन में रहनेवाले पेसेंट को कोविड किट उपलब्ध कराया जाए। पर डे टेलीफोन पर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए ताकि व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बढ़े।
जिन हॉस्पीटल में तीन-चार दिनों में बढ़ेंगे इतने बेड
देवकमल अस्पताल : 13, नागरमल मोदी सेवा सदन : 26 मेदांता अस्पताल : 30, अंजुमन इस्लामिया : 10 से 15, प्रॉमिस हेल्थ केयर : 07, सैनफोर्ड हॉस्पिटल : 20, महावीर मेडिका हॉस्पिटल : 17, पल्स हॉस्पिटल : 20, रामप्यारी हॉस्पिटल : 07।
दवा की न हो कमी, न हो ब्लैक मार्केटिंग
हेल्थ मिनिस्टर ने अलग से हेल्थ सेकटेरी तथा अभियान निदेशक ने अलग से औषधि निदेशक ऋतु सहाय तथा औषधि प्रशासन के अन्य अफशरों के साथ भी बैठक की। मिनिस्टर ने कहा कि राज्य में किसी भी कीमत पर जीवनरक्षक या अन्य दवा की कमी न हो। उन्होंने कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए नियमित रूप से दवा दुकानों के स्टॉक तथा बिक्री की जांच करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि औषधि निदेशक यह सुनिश्चित करें की हॉस्पीटल में दवा की उपलब्धता हमेशा रहे।
बैठक में अफसरों ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाइयां जैसे रेमडेसिविर, फेवीपिराविर,आइवरमेक्टिन, विटामिन सी, जिंक, डॉक्सीसाइक्लीन आदि की उपलब्धता अस्पतालों में उचित मूल्य पर सुनिश्चित किया जा रहा है। बैठक में ऑक्सीजन की उपलब्धता की भी समीक्षा हुई। बताया गया कि ऑक्सीजन सिलिंडरों के 17 निर्माता हैं, जिनके द्वारा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन निर्माण कर आपूर्ति की जा रही है। मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता हमेशा रहे, इसे भी सुनिश्चित किया जाए।