परिसीमन आयेाग ने जम्मू कश्मीर के अन्य लोकसभा क्षेत्रों के स्वरूप में भी व्यापक बदलाव सुझाया 

परिसीमन आयेाग ने जम्मू कश्मीर के अन्य लोकसभा क्षेत्रों के स्वरूप में भी व्यापक बदलाव सुझाया है। लोकसभा में जम्मू को कश्मीर के बराबर प्रतिनिधित्व दिया है।आयोग की सिफारिशों के अनुसार अब जम्मू कश्मीर के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 18 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र होंगे। इस तरह सभी लोकसभा क्षेत्रों को बराबर प्रतिनिधित्व देने का लक्ष्य रखा गया है।

परिसीमन आयेाग ने जम्मू कश्मीर के अन्य लोकसभा क्षेत्रों के स्वरूप में भी व्यापक बदलाव सुझाया 

नई दिल्ली। परिसीमन आयेाग ने जम्मू कश्मीर के अन्य लोकसभा क्षेत्रों के स्वरूप में भी व्यापक बदलाव सुझाया है। लोकसभा में जम्मू को कश्मीर के बराबर प्रतिनिधित्व दिया है।आयोग की सिफारिशों के अनुसार अब जम्मू कश्मीर के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 18 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र होंगे। इस तरह सभी लोकसभा क्षेत्रों को बराबर प्रतिनिधित्व देने का लक्ष्य रखा गया है।

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जम्मू संभाग में पहले जम्मू और ऊधमपुर-डोडा-कठुआ लोकसभा क्षेत्र थे। दोनों का आकार काफी बड़ा था। परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों का प्रारूप ही नहीं बदला बल्कि पांचों संसदीय क्षेत्रों का आकार भी बदलने का प्रोपोजल है। आयोग ने पीरपंजाल पर्वतमाला के दक्षिण में स्थित जम्मू संभाग के राजौरी-पुंछ और कश्मीर के अनंतनाग और कुलगाम को जोड़ अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र बनाने का प्रोपोजल दिया है।

पहले राजौरी-पुंछ जम्मू लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा थे। इस तरह पहली बार जम्मू को लोकसभा में कश्मीर के बराबर प्रतिनिधित्व मिलेगा। दो-दो सीटें जम्मू और कश्मीर क्षेत्र से होंगी और पांचवीं सीट दोनों क्षेत्रों में फैली होगी। इस तरह जम्मू और कश्मीर में बंटी सियासत को भी झटका दिया है। आयोग ने जम्मू कश्मीर के अन्य लोकसभा क्षेत्रों के स्वरूप में भी व्यापक बदलाव सुझाया है। अब्दुल्ला परिवार का गढ़ कही जाने वाली श्रीनगर लोकसभा सीट में अब आतंक का गढ़ कहे जाने वाले पुलवामा, शोपियां क्षेत्र को जोडऩे की सिफारिश की गई है। यह क्षेत्र पहले अनंतनाग सीट का हिस्सा थे।आयोग की सिफारिशों के अनुसार अब जम्मू कश्मीर के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 18 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र होंगे। इस तरह सभी लोकसभा क्षेत्रों को बराबर प्रतिनिधित्व देने का लक्ष्य रखा गया है। जम्मू संभाग में पहले जम्मू और ऊधमपुर-डोडा-कठुआ लोकसभा क्षेत्र थे। दोनों का आकार काफी बड़ा था। जम्मू से राजौरी-पुंछ का ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्र हटाने के बाद इसमें रियासी को जोड़ दिया गया है।
आबादी के हिसाब से श्रीनगर सबसे बड़ा

आबादी के लिहाज से ऊधमपुर संसदीय क्षेत्र सबसे छोटा होगा। हालांकि इस क्षेत्र का बड़ा हिस्सा पहाड़ी है और सबसे अधिक फैला है। 2011 के जनगणना के आंकड़ों के आधार पर इसकी आबादी करीब 21 लाख होगी जबकि आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र श्रीनगर रहेगा। इसकी आबादी करीब 27 लाख है। नये जम्मू संसदीय क्षेत्र की आबादी 22 लाख से अधिक होगी। इसमें अनुसूचित जाति की आबादी 519483 और अनुसूचित जनजाति की आबादी 211066 है। प्रस्तावित जम्मू संसदीय सीट में अनुसचित आबादी 22 और अनुसूचित जनजाती की आबादी 9.2 प्रतिशत है। उत्तरी कश्मीर की संसदीय सीट बारामुला की करीब 26 लाख आबादी में अनुसूचित जनजाति की आबादी लगभग 7.1 प्रतिशत है।प्रस्तावित राजौरी-अनंतनाग संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की आबादी 26.20 लाख है। इसमें अनुसूचित जनजाति की आबादी 19.06 और अनुसूचित जाति की आबादी करीब 1.5 प्रतिशत है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नौ में से छह विधानसभा सीटें इसी संसदीय क्षेत्र में हैं।

ऐसी होगी पांच सीटें

जम्मू : जम्मू, सांबा, रियासी और राजौरी का कुछ हिस्सा

ऊधमपुर-डोडा : ऊधमपुर, डोडा, कठुआ, किश्तवाड़, रामबन

श्रीनगर : श्रीनगर, गांदरबल, पुलवामा, शोपियां

बारामुला : बारामुला, कुपवाड़ा, बडग़ाम, बांडीपोरा

अनंतनाग-राजौरी : अनंतनाग, कुलगाम, पुंछ, राजौरी का बड़ा हिस्सा