धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस में हो सकते हैं चौंकाने वाले खुलासे, इंटरपोल की मदद लेगी CBI

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया गया कि मामले की जांच में इंटरपोल की मदद ली जायेगी। 

धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस में हो सकते हैं चौंकाने वाले खुलासे, इंटरपोल की मदद लेगी CBI

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया गया कि मामले की जांच में इंटरपोल की मदद ली जायेगी। 

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सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि वाट्सएप चैट के लिए इंटरपोल से कई बिंदुओं पर सहयोग लिया जाना है। इसके बाद कोर्ट  ने सीबीआइ को स्टेट रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से हाई कोर्ट में बताया गया था इस मामले में इंटरपोल की मदद लेने के लिए होम मिनिस्टरी से अनुमति मांगी थी। होम मिनिस्टरी ने सीबीआइ के आवेदन पर कई सवाल पूछे थे। जिसका जवाब देते हुए सीबीआइ ने फिर से अनुमति के लिए होम मिनिस्टरी को पत्र भेजा है। वहां से अनुमति मिलने के बाद इंटरपोल इंडिया की मदद से इन्विस्टीगेशन शुरू किया जायेगा।
सीबीआइ की ओर से कहा गया कि मर्डर का उद्देश्य और षडयंत्रकारियों का पता लगाने के लिए इन्विस्टीगेशन किया जा रहा है। इसमें कुछ नए पहलु पर भी जांच की जा रही है। कुछ नये तथ्य सामने आने की संभावना है।वाट्सएप से भी मदद ले रही है सीबीआइ जज की मर्डर के उद्देश्य और षडयंत्रकारियों का पता लगाने के लिए वाट्स एप चैट और काल डिटेल के लिए इंटरपोल अमेरिका से मदद ली जायेगी। क्योंकि सीबीआइ के इन्वेस्टिगेटिव अफसर को इसके लिए अमेरिका में जाकर वाट्स एप के हेडक्वार्टर से मैसेज और चैट की डिटेल लेनी है। पूर्व में कोर्ट के निर्देश पर वाट्सएप इंडिया ने जांच में सहयोग करने का भरोसा कोर्ट को दिया था। 

फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद वर्ष 2021 की 28 जुलाई  से सुबह लगभग पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। रणधीर वर्मा चौक के समीप ऑटो ने जज को धक्का मार दिया। वह बेहोश होकर गिर गये। घायल जज को SNMMCH ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जज के घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, इसके बाद पुलिस महकमा जज को ढूंढने में लग गया था। इसके बाद उनके एक्सीडेंट होने का पता। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई। मामले में जज की पत्नी कृति सिन्हा की कंपलेन पर धनबाद पुलिस स्टेशन में केस नंबर 300/21 दर्ज की गयी थी। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मर्डर की एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने गिरिडीह से ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया। 
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया। मामले में झारखंड गवर्नमेंट ने एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेजा गया। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसी आधार पर सीबीआई बीते चार अगस्त ने मामले में एफआइआर दर्ज कर जिला पुलिस की केस को टेकओवर कर लिया था। अब सीबीआई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 इस मामले की जांच कर रही है। सीबीआइ ने मर्डर के अलावा ऑटो चोरी एवं मोबाइल चोरी की दो अलग एफआइआर भी दर्ज की है।मामले में सीबीआई ने 20 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट  ने 16 नवंबर 2021 को उपरोक्त धाराओं में संज्ञान लिया। सीबीआइ ने चार्जशीट में 169 लोगों को गवाह बनाया है।
आरोपियों की हो चुकी है नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग
सीबीआई ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। छह अगस्त के कोर्ट के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को रिमांड पर ले गई थी। दोनों की साइ डिटेक्टर समेत अन्य जांच करायी जा चुकी है। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। सीबीआई की स्पेशल सेल ने नौ अगस्त को कोर्ट से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी।सीबीआई धनबाद रेलवे स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। सीबीआइ घटनास्थाल पर तीन बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। सीबीआई दोनों आरोपियों की अहमदाबाद में नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग करायी। दोनों की फिस से ब्रैन मैपिंग व अन्य जांच करायी गयी। जज मर्डर केस में   CBI की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार छह अगस्त 2022  को अपना फैसला सुनाया। स्पेशल जज रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने मामले के दोनों नेम्ड आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा (22) व उसके सहयोगी राहुल वर्मा (21) को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। दोनों को आजीवन जेल में रहना होगा। कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 20-20 हजार व 10-10 का जुर्माना भी लगाया है।