यूपी: तीन दिन से गोरखपुर में भटक रहे थे BCCL के रिटायर GM, गूगल की मदद से फैमिली से हुआ संपर्क
धनबाद में BCCL से रिटायर GM जीएम सुदर्शन सिंह तीन दिन से गोरखपुर में भटक रहे थे। रेल पुलिस ने गूगल की मदद से उनको फैमिली से मिलवाया है।
लखनऊ। धनबाद में BCCL से रिटायर GM जीएम सुदर्शन सिंह तीन दिन से गोरखपुर में भटक रहे थे। रेल पुलिस ने गूगल की मदद से उनको फैमिली से मिलवाया है। परिजन शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचकर श्री सिंह को बिहार के रोहतास जिले के पैतृक गांव पवनी लेकर चले गये।
बिहार के रोहतास के हैं रहनेवाले
बिहार के रोहतास पवनी गांव निवासी सुदर्शन सिंह बीसीसीएल धनबाद में जीएम थे। दो साल पहले ब्रेन हैमरेज होने से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी। वह अपनी पत्नी सुशीला व छोटे बेटे रोशन के साथ भोपाल में रह रहे थे। परिजनों से वह कई दिनों से खुद के गांव जाने के लिए कह रहे थे। अकेले ही 28 दिसंबर की रात वह बिना किसी को बताये घर से निकल गये। देर रात तक खोजबीन करने के बाद पता न चलने पर परिवार के लोगों ने भोपाल में गुमशुदगी की केस दर्ज कराई।
बताया जाता है कि रिटायर जीएम सुदर्शन सिंह 29 दिसंबर को ट्रेन से गोरखपुर पहुंच गये। गोरखपुर से अनजान होने की वजह से वह स्टेशन के बाहर कैंपस में बैठ गये। उन्हें तीन दिन से बैठा देख 31 दिसंबर की शाम को एक गाड़ी ड्राइवर ने यात्री मित्र को सूचना दी। यात्री मित्र ने जीआरपी (रेल पुलिस) को सूचना दी। इसके बाद गूगल की मदद से उनके फैमिली वालों को सूचित कर बुलाया गया।
एसआइ ने गूगल की मदद से ढूंढा पैतृक गांव
यात्री मित्र के जानकारी देने पर जीआरपी ओसी उपेंद्र श्रीवास्तव व एसआइ दीपक चौधरी उन्हें रिटायर जीएम सुदर्शन सिंह को पुलिस स्टेशन ले आये। उन्होंने अपना नाम सुदर्शन सिंह, पता ग्राम पवनी, जिला रोहतास का रहने वाला बताया। इसके बाद एसआइ ने गूगल की मदद से लोकल पुलिस स्टेशन के ओसी का नंबर पता किया। उनके पवनी गांव के मुखिया का नंबर लेकर सुदर्शन के भाई वीरेंद्र को जानकारी दी गयी। सूचना मिलते ही गुरुवार की देर रात में वीरेंद्र अन्य रिलेटिव के साथ गोरखपुर पहुंच गये। परिजन शुक्रवार की सुबह सुदर्शन को घर ले गये।