- बिना पर्ची एकांत में होती थी मुलाकात
बरेली। उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक का भाई अशरफ जेल में बंद होने के बावजूद साले व गुर्गों के साथ गवाहों आदि की मर्डर एवं रंगदारी का षड्यंत्र रचता रहा है। जेल अफसर व स्टाफ की मिलीभगत होने के कारण उसकी मिलाई बिना पर्ची एकांत में कराई जाती थी। फोन पर भी बात कराई जाती थी।
पुलिस जांच में ऐसे कई तथ्य सामने आने के बाद मंगलवार को जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी और कैंटीन में सब्जियां पहुंचाने वाले टेंपो चालक दयाराम उर्फ नन्हे को अरेस्ट कर लिया गया। इन दोनों समेत सात के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, कारागार अधिनियम, षड्यंत्र रचने, अपराधियों को आश्रय देने की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें अननोन जेल अफसरों को भी शामिल किया गया है। विस्तृत जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है।
अशरफ वर्ष 2020 से जिला जेल में बंद है। 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल एवं उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या का षड्यंत्र रचने में उसका नाम आया तो एसटीएफ जांच में जुटी। इसमें पता चला कि उसके साले सद्दाम, निवासी लल्ला गद्दी बरेली ने जेल के सिपाही शिव हरि अवस्थी से साठगांठ की। जेल अफसर से भी मिलीभगत हुई, जिसके बाद एक आइडी पर छत-सात लोगों की अशरफ से मुलाकात कराई जाती थी। बिथरी चैनपुर थाना पुलिस के अनुसार, अशरफ के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमे न्यायालयों में विचाराधीन हैं।
जेल अफसर समेत सात पर FIR, एक आईडी पर शह-सात लोग मुलाकात करते थे
बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ के दो मददगारों बरेली जेल के बंदी रक्षक शिवहरी अवस्थी और कैंटीन में सामान सप्लाई करने वाले नन्हे उर्फ दयाराम जेल स्टाफ की मदद से अशरफ की उसके साथियों से बिना पर्ची के मुलाकात कराते थे। अशरफ, बंदी रक्षक और कैंटीन सप्लायर की मदद से गवाहों को धमकाने की साजिश कर रहा था। अशरफ के लिए VIP सुविधाओं में मुलाकात कक्ष भी अलग दिया गया था। जहां वो अपने लोगों से मिलता था। इस मामले में जेल अफसर समेत सात लोगों के खिलाफ बिथरी चैनपुर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। इसमें अशरफ, उसके साले सद्दाम, दयाराम उर्फ नन्हे, जेल के सिपाही शिव हरि अवस्थी समेत अन्य लोग हैं।
CCTV से खुला राज
बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में जेल चौकी इंचार्ज ने FIR दर्ज करवाई है। FIR के अनुसार, लंबे समय से अशरफ का साला सद्दाम बरेली के बारदारी थाना क्षेत्र के फाइक एनक्लेव में मुस्ताक के नाम पर किराये का मकान लेकर रह रहा था। एक हफ्ते में एक ही आईडी पर छह से सात व्यक्तियों को अशरफ से मिलवाया जाता था। जेल के कैमरों में इन सभी बातों का सबूत मिला है। इसमें अशराफ का साला सद्दाम और लल्लागद्दी की मदद से जेल के अफसर और स्टाफ अवैध तरह से मिलाई कराते थे। गुजरात जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से मुलाकात भी दूसरे स्थान पर होती थी। उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ भी नामजद आरोपी है।
डीएम व डीआइजी की जांच में खुलासा
बरेली सेंट्रल जेल में प्रयागराज के उमेश हत्याकांड के बाद 27 फरवरी को अफसरों ने रेड मारा। DM शिवाकांत द्विवेदी और DIG अखिलेश चौरसिया ने बैरक की चेकिंग कराई। अशरफ से पिछले दिनों जो लोग मिलने आए थे, उनकी जांच कराई गई। इस जांच में यह चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।जांच में पता चला कि अशरफ से उसके सगे संबंधियों को बिना पर्ची के बंदी रक्षक शिवहरि अवस्थी तय जगह के अलावा अन्य स्थान पर मिलवाता था। वहीं जेल में बंद अशरफ का करीबी नन्हे उर्फ दयाराम जेल में सब्जियां आदि लेकर जाता था। जेल में खाने-पीने का अन्य सामान भी अशरफ तक पहुंचाया था। दोनों के मोबाइल और 3920 रुपए बरामद किये गये। इससे पहले बरेली जेल से अशरफ ने वॉट्सऐप कॉल की थी, जिसका खुलासा प्रयागराज में पकड़े गए आरोपी से हुआ था। ये सामने आया कि ऐसे फोन कॉल के बाद मोबाइल से डिटेल को डिलीट कर दिया जाता था।
समझौता न करने पर मर्डर की धमकी देता था अशरफ
FIR के अनुसार, अतीक का भाई पूर्व विधायक अशरफ पुलिस अफसरों, गवाहों ओर अभियोजन अधिकारियों की हत्या की योजना बनाता था। साथ ही गवाहों को धमकी देता कि समझौता कर लो, नहीं तो मर्डर अंजाम होगा। ताकि खुद केस में बरी हो सके। रंगदारी के लिए धमकाता भी था। अशरफ का साला सद्दाम अपने अन्य लोगों के साथ मिलकर मोटा पैसा देता था। ये भी सामने आया है कि जेल के अफसरों को गिफ्ट भेजे जा रहे थे। ताकि उनका सपोर्ट मिलता रहे।सेंट्रल जेल से गवाहों को धमकी देने और हत्या की साजिश रची गई। बंदी रक्षक के मोबाइल से इसके साक्ष्य भी मिले हैं।इसके अलावा जेल में बंद अशरफ के साले सद्दाम के खिलाफ एक और मुकदमा बारादरी थाने में भी दर्ज किया गया है। जिसमें सद्दाम ने दूसरे के नाम पर किराए पर मकान लिया और खुद मकान मालिक को डरा धमका कर हत्या की धमकी दी।
अशरफ जुलाई 2020 से बरेली जिला जेल में है। 2005 के हत्याकांड का मुख्य आरोपी अतीक अहमद गुजरात जेल में बंद है। अतीक और अशरफ पर हाल ही में बीएसपी एमएलए राजू पाल की 2005 में हुई मर्डर के मुख्य गवाह उमेश पाल की मर्डर केस में मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने लखनऊ के महानगर इलाके में अतीक अहमद के आवास पर रेड कर यूनिवर्सल अपार्टमेंट से दो लग्जरी कारें जब्त की थीं। 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की मर्डर के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी।
एनकाउंटर करके कौन सा राज छिपा रही सरकार: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि सरकार एनकाउंटर करके कौन सा राज छिपा रही है? मंगलवार को ट्वीट कर अखिलेश ने कहा, ‘प्रयागराज हत्याकांड में मृतक भाजपा का सदस्य था व पैसे के मामले में जिसका नाम आ रहा है, वो भी भाजपा सरकार के मंत्री हैं। आखिर एनकाउंटर करके सरकार कौन सा राज छिपा रही है? अब जो भाजपा की छवि की मिट्टी पलीद कर रहे हैं, वो भाजपाई कब मिट्टी में मिलायेजायेंगे या मंत्री पद से हटाये जाएंगे?’उमेश पाल हत्याकांड के नामजद अभियुक्त अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी ने बीते दिनों प्रयागराज में प्रेस वार्ता कर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी पर अपने भाई से पांच करोड़ रुपये उधार लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि नन्दी अब यह रकम लौटा नहीं रहे हैं। रुपये वापस मांगने पर ही नन्दी ने साजिश कर अतीक और उनके परिवार को इस हत्याकांड में फंसाया है।
उमेश पाल मर्डर केस का 44 सेकेंड में दिया था अंजाम
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो गनर की क्रिमिनलों ने गोली मारकर मर्डर कर दी थी। उमेश के गाड़ी से उतरते ही क्रिमिनलों ने उन पर फायरिंग कर दी थी। क्रिमिनलों को 44 सेकेंड में उमेश पाल मर्डर केस को अंजाम दिया था। उमेश और एक गनर की मौके पर मौत हुई। जबकि एक गनर की हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मर्डर केस से जुड़े जो सीसीटीवी फुटेज सामने आये थे उसमें कुल सात शूटर्स नजर आये थे, ड्राइवर समेत दो मारे जा चुके हैं। पांच अभी भी फरार हैं। इसमें अतीक का बेटे मोहम्मद असद से लेकर गूड्डू मुस्लिम तक शामिल हैं।
पांच आरोपियों पर इनाम राशि बढ़ाकर ढाई-ढाई लाख
उमेश पाल मर्डर केस के पांच आरोपियों पर इनाम राशि बढ़ाकर ढाई-ढाई लाख कर दी गई है। पहचान होने के बावजूद आठ दिन बाद भी इस मर्डर केस के पांच शूटरों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इनमें अतीक अहमद का बेटा असद भी है। सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच और STF की रडार पर 20 हजार मोबाइल नंबर हैं। अतीक अहमद गैंग से जुड़े 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है।लेकिन, अब तक कुछ भी ठोस नहीं मिल पाया है। कुछ इनपुट मिले हैं कि बदमाश वारदात के बाद दो घंटे तक प्रयागराज में ही थे। फिर यह बात सामने आई कि बदमाश फॉर्च्यूनर से भागे हैं। फिलहाल, पुलिस की तरफ से ऐसी कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई। वहीं, अतीक के दोनों नाबालिग बेटों का पता चला गया है। वह सुधार गृह में बंद हैं।
मर्डर केस कुल सात लोग आये थे नजर
घटनास्थल के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में कार ड्राइवर के अलावा छह शूटर दिखे थे। उनमें अतीक के तीसरे नंबर के बेटे असद, शिवकुटी निवासी बमबाज गुड्डू मुस्लिम, मेंहदौरी का गुलाम मोहम्मद, सिविल लाइंस का अरमान और पूरामुफ्ती में मरियाडीह गांव के साबिर की गिरफ्तारी पर पुलिस आयुक्त प्रयागराज स्तर से 50-50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।इन पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने इनाम राशि को बढ़ा दिया है। डीजीपी ने अतीक अहमद के बेटे असद समेत इस घटना के वांछित पांच अपराधियों पर ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया है।अब प्रयागराज पुलिस आयुक्त की संस्तुति पर पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने असद अहमद, अरमान, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और साबिर के खिलाफ ढाई लाख रुपये का पुरस्कार घोषित कर दिया है। एसीपी धूमनगंज एनएन सिंह ने बताया कि एसओजी व पुलिस की टीमें शूटरों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह रेड कर रही हैं।