उत्तर प्रदेश: मनीष गुप्ता मर्डर केस में फरार चल रहे सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे व कांस्टेबल प्राशांत गोरखपुर से अरेस्ट

कानपुर के प्रोपर्टी डीलर मनीष गुप्ता मर्डर केस में फरार चल रहे दो और पुलिसकर्मी अरेस्ट किये गये हैं। सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत को मंगलवार को गोरखपुर के रामगढ़ताल क्षेत्र के आजादनगर से अरेस्ट किया गया है। एसआईटी दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। 

उत्तर प्रदेश: मनीष गुप्ता मर्डर केस में फरार चल रहे सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे व कांस्टेबल प्राशांत गोरखपुर से अरेस्ट

गोरखपुर। कानपुर के प्रोपर्टी डीलर मनीष गुप्ता मर्डर केस में फरार चल रहे दो और पुलिसकर्मी अरेस्ट किये गये हैं। सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत को मंगलवार को गोरखपुर के रामगढ़ताल क्षेत्र के आजादनगर से अरेस्ट किया गया है। एसआईटी दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। 

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दो दिन पहले इस मामले में मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा को अरेस्ट किया गया था। अन्य आरोपियों को अरेस्ट की कवायद तेज हो गई थी। इस मर्डर केस में आरोपित सभी छह पुलिसकर्मी पर पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है। पिछले 14 दिन से इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस गोरखपुर से लेकर लखनऊ, जौनपुर, गाजीपुर, मिर्जापुर सहित कई अन्य जिलों में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत यादव अब भी फरार हैं। 

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होटल कृष्णा पैसेल ही मनीष का ‘डेथ स्पॉट’
मनीष गुप्ता की मौत होटल कृष्णा पैलेस में ही हो गई थी। एसआईटी जांच में होटल के सीसीटीवी फुटेज यही इशारा कर रहे हैं कि मनीष की हॉस्पीटल में इलाज की नौबत ही नहीं आई थी। वह तो पहले ही दम तोड़ चुका था।कानपुर एसआईटी ने जांच के दौरान सबसे 73 बार होटल कृष्णा पैलेस के सीसीटीवी फुटेज देखे हैं। एसआईटी ने पाया कि मनीष के हाथ-पैर ढीले दिख रहे हैं। गर्दन लुढ़की हुई है। इस फुटेज को बार-बार पैनी निगाहों से देखकर एसआईटी इस निष्कर्ष पर पहुंच रही है कि होटल कृष्णा पैलेस ही मनीष का डेथ स्पॉट था। इस बारे में डॉक्टरों की भी राय ली जा रही है।

सीसीटीवी फुटेज दे रहे हैं होटल में मौत की गवाही 

अब तक की जांच के बाद एसआईटी यह मानकर चल रही है कि सीसीटीवी फुटेज होटल में मौत की गवाही दे रहे हैं। मानसी हास्पिटल के डॉक्टरों ने एसआइटी के समक्ष बयान दिया है कि मनीष की पल्स नहीं मिली रही थी। एसआईटी अरेस्ट किये गये इंस्पेक्टर जेएन सिंह, एसआई अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे व कांस्टेबल प्रशांत के बयान घटनास्थल से मिले एवीडेंस और सीसी टीवी फुटेज को आपस में जोड़कर आगे यह तय करेगी कि मनीष गुप्ता की मौत होटल में हुई या हॉस्पीटल ले जाते समय रास्ते में।

यह है मामला 
कानपुर के प्रोपर्टी डीलर मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे गोरखपुर घूमने आये थे। मनीष के साथ आये दोस्तों का आरोप है कि आधी रात को होटल में चेकिंग के नाम पर कमरे में घुसी पुलिस की पिटाई से मौत हुई है। वहीं शुरू में पुलिस का कहना था कि चेकिंग करने गई पुलिस को देखकर हड़बड़ी में गिरने से युवक को चोट लगने से उसकी मौत हो गई। मामले को लेकर हंगामा मचा तो पुलिस ने इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत छह आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया। केस दर्ज होते ही आरोपी पुलिसवाले खुद को बीमार बताकर फरार हो गये।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मामले की जांच के लिए एसआइटी बनायी गयी। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी फरार पुलिसवालों की सच्चाई परत दर परत खुलने लगी। आरोपी पुलिसकर्मिटों की गिरफ्तारी का दबाव भी बढ़ने लगा। पुलिस ने पहले आरोपियों पर 25 हजार फिर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया। दो दिन पहले इंस्पेक्टर जेएन सिंह और एसआइ अक्षय मिश्रा पकड़े गये। मंगलवार को एसआइ राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत को भी पुलिस ने दबोच लिया।