बिहार: होम डिपार्टमेंट ने क्राइम कंट्रोल व क्रिमिनलों पर प्रभावी कार्रवाई को डीएम, एसएसपी व एसपी को दिये कई निर्देश
होम डिपार्टमेंट ने आदतन क्रिमिनलों पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के अंतर्गत प्रभावी ढंग से कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसको लेकर होम सेकरेटरी के सेंथिल कुमार ने सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा है।
- आदतन क्रिमिनलों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश
- होम सेकरेटरी के सेंथिल कुमार ने सभी डीएम एसएसपी और एसपी को भेजा पत्र
पटना। होम डिपार्टमेंट ने आदतन क्रिमिनलों पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के अंतर्गत प्रभावी ढंग से कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसको लेकर होम सेकरेटरी के सेंथिल कुमार ने सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा है।
होम डिपार्टमेंट ने सभी डीएम को सीसीए के प्रावधानों से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी है। इसमें सीसीए एक्ट या अन्य कार्रवाई से पहले क्रिमिनल को चिह्नित कर नोटिस देने को भी कहा गया है। नोटिस के साथ की जाने वाली कार्रवाई के आधार का भी संक्षेप में उल्लेख करना होगा। नोटिस पाने वाले व्यक्ति को अपने समर्थन में एवीडेंस व गवाह प्रस्तुत करने का अधिकार होगा।
दो वर्षों के मामले को ही बनाना होगा आधार
बिहार क्राइम कंट्रोल एक्ट के अंतर्गत डीएम तड़ीपार या निरुद्धादेश की कार्रवाई के लिए क्रिमिनल के ऊपर दो वर्षों के अंदर दर्ज कांडों को ही आधार बना सकते हैं। मात्र आम्र्स एक्ट के तहत दर्ज केस को आधार नहीं बनाया जा सकता। अगर निरुद्ध किया गया क्रिमिनल पहले से जेल में बंद है, तो इस तथ्य का भी उल्लेख करना होगा।
एक बार में छह माह के लिए ही निष्कासन
डीएम को जारी निरुद्धादेश में इस तथ्य का प्रमाणिक साक्ष्यों के साथ स्प्ष्ट उल्लेख करना होगा कि क्रिमिनल के बेल मिलने पर अथवा रिहा होकर बाहर आने कैसे लोक व्यवस्था एवं शांति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। डीएम एक बार में अधिकतम छह माह के लिए ही निष्कासित करने का आदेश दे सकते हैं। इसे छह-छह माह की अविध के लिए कुल दो वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है।
24 घंटे के अंदर गवर्नमेंट को देनी होगी सूचना
पुलिस लेवल से मिले प्रोपोजल के आधार पर एसपी, डीएम को कार्रवाई का प्रोपोजल देंगे। निरुद्धादेश का आदेश निर्गत होते ही 24 घंटे के अंदर इसकी प्रति गवर्नमेंट को उपलब्ध करानी होगी, ताकि 12 दिनों के अंदर अनुमोदन प्राप्त किया जा सके। अगर निरुद्धी जेल में हैं, तो उसे देल सुपरिटेंडेंट के माध्यम से अभयावेदन का अवसर देना होगा।
उल्लेखनीय है कि अभी डीएम के स्तर से सीसीए एक्ट के तहत निरुद्धादेश या तड़ीपार की कार्रवाई तो की जा रही है। लेकिन कई बार तकनीकी कारणों से उसे एडवाइजरी कमेटी तकनीकी कारणों से कैंसिल कर देती है। ऐसे में होम डिपार्टमेंट ने डीएम व एसपी को डिटेल आदेश जारी किया है।