बिहार: सारण के जेडीयू लीडर की चोरी गयी की स्कॉर्पियो कर्नाटक से बरामद, बीजेपी एमपी के बेटे पर आरोप
सारण पुलिस ने जिले के जेडीयू लीडर कामेश्वर सिंह के घर से चोरी हुई स्कॉर्पियो को कर्नाटक की एक एजेंसी से बरामद किया है। इस गाड़ी का इस्तेमाल करने का आरोप महाराजगंज के एमपी जनार्दन सिंह सीग्रीवाल के बेटे पर लगा है। हालांकि एमपी ने आरोप को खारिज कर दिया है।
छपरा। सारण पुलिस ने जिले के जेडीयू लीडर कामेश्वर सिंह के घर से चोरी हुई स्कॉर्पियो को कर्नाटक की एक एजेंसी से बरामद किया है। इस गाड़ी का इस्तेमाल करने का आरोप महाराजगंज के एमपी जनार्दन सिंह सीग्रीवाल के बेटे पर लगा है। हालांकि एमपी ने आरोप को खारिज कर दिया है।
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सारण के एसपी संतोष कुमार ने गाड़ी की कर्नाटक से बरामदगी की पुष्टि की है, लेकिन एमपी के बेटे पर लगे आरोपों के बारे में फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि छानबीन के बाद ही सही जानकारी दी जायेगी। पुलिस ने जैसे ही चोरी की स्कॉर्पियो बरामद किया, सारण सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले जेडीयू लीडर ने मशरक पुलिस स्टेशन में स्कॉर्पियो चोरी की एफआईआर करायी थी। गोपालवाड़ी गांव स्थित उनके आवास से स्कॉर्पियो ( बीआर 04 पीए 5356) की चोरी चली गयी थी। केस का आईओ एसआई अरुण प्रकाश हैं। पुलिस जांच शुरू हुई तो पता चला कि बीजेपी एमपी के बेटे कथिच चोरी स्कॉर्पियो की सवारी कर रहे हैं।
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पुलिस जांच खुलासा हुआ कि स्कॉर्पियो कर्नाटक में है। पुलिस ने जब लोकेशन खंगाला तो पता चला कि चोरी गयी स्कॉर्पियो बेंगलुरु के जयनगर पुलिस स्टेशन एरिया के राजाजी नगर में है। स्कॉर्पियो जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह के बेटे संजय सिंह के नाम से रजिस्टर्ड है। जब गाड़ी के कर्नाटक में होने की सूचना मिली तो संजय भी खुद मशरक पुलिस के साथ से स्कॉर्पियो लेने गये। मशरक पुलिस जब विजयनगर पुलिस स्टेशन एरिया के राजाजी नगर पहुंची तो स्कॉर्पियो गाड़ी डॉ सचिन कुंद्रा की एजेंसी से लावारिस हालत में मिली। पुलिस और संजय सिंह वहां से स्कॉर्पियो बरामद कर वापस छपरा लौट गये।
स्कॉर्पियो अभी भी मशरक पुलिस स्टेशन में हैं। एमपी सीग्रीवाल से उनके बेटे पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि उनका बेटा बेंगलुरु में नहीं मैसूर में मेडिकल की पढ़ाई करता है। यह सही है कि चुनाव प्रचार के दौरान पिछले साल 17 अगस्त को कामेश्वर सिंह ने गाड़ी दी थी। अब साजिश के तहत बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है। चर्चा यह भी है कि जेडीयू नेता के पास गाड़ी वापस लौटाने की बजाय कर्नाटक भेज दी गयी। गाड़ी के मामले में दोनों नेताओं के बीच की आंतरिक विवाद की भी पुलिस छानबीन में जुटी है।