देवघर: कोरोना संक्रमण ने दूसरे साल भी बाबाधाम में रोकी कांवर यात्रा, सावन में श्रद्धालु नहीं कर पायेंगे जलाभिषेक
कोरोना वायरस संक्रण की और संभावित थर्ड वेव के मद्देनजर देवघर जिले में बाबा मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं का इंट्री पर रोक रहेगी। सावन महीने में इस साल भी मंदिर पूर्णत: बंद रहेगा। सिर्फ तीर्थपुरोहित सीमित संख्या में परंपरागत पूजा-पाठ ही कर पायेंगे।
- देवघर के बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश की मनाही
- घर बैठे दर्शन-पूजन के लिए नई व्यवस्था
देवघर। कोरोना वायरस संक्रण की और संभावित थर्ड वेव के मद्देनजर देवघर जिले में बाबा मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं का इंट्री पर रोक रहेगी। सावन महीने में इस साल भी मंदिर पूर्णत: बंद रहेगा। सिर्फ तीर्थपुरोहित सीमित संख्या में परंपरागत पूजा-पाठ ही कर पायेंगे।
बंद है मंदिर, व्यापक प्रचार- प्रसार कराने का निर्देश
आपदा प्रबंधन विभाग के आदेश पर व्यवस्था को लेकर बैठक में एसी चंद्रभूषण सिंह ने उक्त जानकारी दी है। एसी श्री सिंह ने रेलवे के अफसरों को निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण के कारण बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं का जलार्पण पूर्णतः बंद है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार स्टेशनों और अन्य सभी जगह करायें। अन्य राज्यों के जिलों के स्टेशनों के अफसरों से संपर्क कर वहां भी प्रचार-प्रसार करायें।प्रचार-प्रसार के लिए पीए साउंड सिस्टम, हैंड बिल्स, पंपलेटस आदि का प्रयोग किया जाये।
बोडरिंग एरिया में चेकपोस्ट
उन्होंने कहा कि देवघर जिले में बाबा मंदिर मेंजलार्पण के उद्देश्य से किसी भी प्रकार के श्रद्धालुओं का प्रवेश नहीं हो पाये, इसके लिए पांच स्थानों पर ड्रॉप गेट बैरियर और चेकपोस्ट बनाये गये हैं।अंधरीगादर, दर्दमारा, खोरीपानन, जयपुर मोड़ एव जमुआ बॉर्डर एरिया को चिह्नित किया गया है.।इसके अलावा वैसी जगह जहां से लोग जलार्पण के लिए देवघर आ सकते हैं उन जगहों को भी चिह्नित करते हुए ड्राप गेट लगाया जायेगा। इन सभी चेक पोस्ट पर दंडाधिकारी, पुलिस बल की तैनाती रहेगी।
सभी इंट्री प्वाइंट में हो रही है बैरिकेडिंग
एसी ने एसडीपीओ को निर्देश दिया कि सभी चेक पोस्टों एव ड्राप गेट पर पर्याप्त संख्या में पुलिस पदाधिकारी एवं सुरक्षा कर्मियों की तैनाती हो। शहर के अंदर भी विभिन्न चिह्नित जगहों पर पुलिस पदाधिकारी एवं सुरक्षा बलों की तैनाती करें ताकि शहर में यातायात एवं विधि व्यवस्था को दुरुस्त करें। उन्होंने डीपीआरओ को निर्देश दिया कि पीआरडी के माध्यम से भी बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करायें ताकि लोगों को श्रावण मास में जलार्पण के लिए देवघर आने से रोका जा सके।बैठक में एसडीपीओ पवन कुमार, डीपीआरओ रवि कुमार, डीएसपी मंगल सिंह जामुदा, जसीडीह एवं बैद्यनाथधाम स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक, नगर निगम से वैदेही शरण, गोपनीय प्रभारी विवेक कुमार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बाबा नगरी में प्रवेश करने के सभी रास्ते को सील करने की प्रक्रिया शुरु
बाबा नगरी में प्रवेश करने के सभी रास्ते को सील करने की प्रक्रिया शुरु हो गयी है। शिवगंगा के किनारे नेहरू पार्क के मुख्य द्वार पर अस्थायी प्रशासनिक कार्यालय का निर्माण पूरा कर लिया गया। इस तरह के कार्यालय शहर में प्रवेश करने के सही मुख्य रास्ते पर बनाये जा रहे हैं, ताकि शहर के प्रवेश द्वार पर ही श्रद्धालुओं को रोका जा सके।तीनों स्थायी कार्यालयों में पूरे महीने दिन-रात तीन पाली में पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल व दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति होगी। शिवगंगा में कोई स्नान नहीं कर सके, इसके लिए भी पुख्ता प्रबंध किये जा रहे हैं। शिवगंगा को घेरने के लिए चारों ओर बांस-बल्ला गिराया जा रहा है। एक-दो दिन में शिवगंगा को चारों तरफ से सील किया जायेगा। स्टेट के बॉर्डर दुम्मा गेट को भी सील करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
घर बैठे दर्शन-पूजन के लिए होगी नई व्यवस्था
सावन शुरू होने के दिन से ही भक्त घर बैठे दर्शन व आनलाइन पूजा कर सकेंगे। जिला प्रशासन ने इसके लिए साफ्टवेयर तैयार कर लिया है। इसका ट्रायल चल रहा है। सीएम से इस वेबसाइट का उद्घाटन कराये जाने की योजना है। कोई भी भक्त आनलाइन पूजा, आनलाइन विल्वपत्र अर्पण, रुद्राभिषेक जैसे अनुष्ठान कर पायेंगे। इसके लिए दो शर्त होगी पहला तो उनको वेबसाइट पर पूजा की तिथि व टाइम का स्लाट बुक करना होगा। बुकिंग के समय उनको एक आप्शन मिलेगा कि वह अपने पंडा का नाम बताएं जिनसे पूजा कराना चाहते हैं। यजमान के मन के मुताबिक उनके पंडा अनुष्ठान करेंगे। सभी तरह की आनलाइन पूजा के लिए एक शुल्क होगा जिसके अंतिम निर्णय पर मंथन चल रहा है। ऑनलाइन पूजा शुल्क में भक्त को उनके पते पर स्पीड पोस्ट से प्रसाद भी भेजने की व्यवस्था होगी। भक्त आनलाइन शुल्क का भुगतान करेंगे।इसका अधिकांश हिस्सा उनकी ओर से नामित पंडा जी को और एक हिस्सा मंदिर कोष में जमा होगा।
सुबह और शाम दो-दो घंटा का होगा स्लॉट
सुबह की प्रात:कालीन पूजा के बाद दो घंटा आम भक्तों के आनलाइन पूजा का होगा। शाम में श्रृंगार के बाद भी श्रृंगार में आनलाइन आरती का अवसर मिलेगा। एक- दो दिन बाद पूजा और पूजा शुल्क की भी घोषणा प्रशासनिक स्तर पर कर दी जायेगी।
108 किलोमीटर में लगता है श्रावणी मेला
देवघर में हर साल सावन महीने में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला लगता रहा है। इस मेले का आयोजन झारखंड और बिहार सरकार द्वारा संयुक्त रूप से होता है। बिहार के सुलतानगंज गंगा घाट से श्रद्धालु गंगाजल लेकर कावंर यात्रा शुरू करते हैं। 108 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में पहुंचते हैं। इसके बाद जलाभिषेक करते हैं। श्रावणी मेला के दौरान प्रतिदिन करीब एक लाख श्रद्धालु देवघर पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस साल भी मेला का आयोजन नहीं होगा।
बिहार की तरफ बिहार सरकार और देवघर में झारखंड सरकार ने श्रावणी मेला पर रोक लगा दी है। वर्ष 2020 में भी कोरोना के कारण श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हुआ था। द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक झारखंड के देवघर में स्थापित बाबा बैद्यनाथ मंदिर पर है। विश्व का सबसे ख्याति प्राप्त श्रावणी मेला आषाढ़ के पूर्णिमा से शुरू हो जाता था। इस पर मेला नहीं लगेगा।