धनबाद: रंजीत साव मर्डर केस का पुलिस ने किया खुलासा, दो क्रिमिनल अरेस्ट, पिस्टल बरामद
लिस ने झरिया के बिजनसमैन रंजीत साव मर्डर केस का खुलासा कर लिया है। पुलिस की स्पेशल टीम ने मर्डर में शामिल दो आरोपी हुमायूं और विजय गर्ग को अरेस्ट कर लिया है। इनके पास से पुलिस ने एक पिस्टल बरामद किया है। मर्डर की साजिश रचने वाला भोलू और सद्दाम पहले से ही धनबाद जेल में बन्द हैं। एसएसपी संजीव कुमार ने पुलिस ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी। मौके पर एसपी रिष्मा रमेशन, डीएसपी अभिषेक कुमार व झरिया थानेदार पंकज कुमार झा उपस्थित थे।
- दो अरेस्ट, दो पहले से बंद है जेल में,पिस्टल बरामद
- पीडीएस चावल का अवैध कारोबार का विरोध करने के कारण हुई रंजीत की मर्डर
धनबाद। पुलिस ने झरिया के बिजनसमैन रंजीत साव मर्डर केस का खुलासा कर लिया है। पुलिस की स्पेशल टीम ने मर्डर में शामिल हुमायूं और विजय गर्ग को अरेस्ट कर लिया है। इनके पास से पुलिस ने मर्डर में इस्तेमाल एक पिस्टल भीबरामद किया है। मर्डर की साजिश रचने वाला आरोपी भोलू और सद्दाम पहले से ही जेल में बन्द हैं।एसएसपी संजीव कुमार ने पुलिस ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी। मौके पर एसपी रिष्मा रमेशन, डीएसपी अभिषेक कुमार व झरिया थानेदार पंकज कुमार झा उपस्थित थे।
एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि रंजीत साव की मर्डर की प्लानिंग धनबाद जेल में विजय गर्ग तथा भोलू यादव ने बनाई थी। विजय गर्ग भोलू यादव पीडीएस चावल का अवैध कारोबार झरिया में करते थे। पीडीएस चावल ब्लैक मार्केटिंग का रंजीत साह विरोध करता था। रंजीत ने पुलिस में कंपलेन कर दोनों को पीडीएस का चावल ब्लैक मार्केटिंग करने के आरोप में जेल भी भिजवा दिया था। इसके चलते विजय गर्ग भोलू ने जेल में रहकर रंजीत को रास्ते से हटाने की प्लानिंग की। विजय गर्ग के कहने पर भोलू यादव ने जेल में बंद अमन सिंह के सहयोगी सद्दाम से संपर्क किया।सद्दाम को पुलिस किया शोरूम पर बम बाजी मामले में जेल भेजी थी। सद्दाम ने ही रंजीत साव की मर्डर के लिए दो शूटर मंगवाया। रंजीत साव की मर्डर के 15 दिन पहले ही विजय गर्ग बेल पर छूट गया था।
शूटर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेगी
भोलू ने झरिया के हिमांशु खान को शूटर ठहराने से लेकर पूरे मामले को मैनेज में लगाया था। रंजीत की मर्डर के लिए विजय गर्ग हिमांशु को एक लाख रुपये उपलब्ध करवाया। हिमांशु को विजय गर्ग ने रुपये खुद नहीं दिया बल्कि चंदन मेडिकल दुकानदार से हिमांशु को दिलवाया। हिमांशु ने 70 हजार अपने पास रखा। उसने 30 हजार लाइनअप करनेवाले भोलू के भाई को दे दिये। जेल से सद्दाम और भोलू ने हुमायूं को कहा कि वह पिस्टल का इंतजाम रखे। दो बाहरी लोग जायेंगे, उन्हे पिस्टल दे देना है। विजय गर्ग नही चाहता था कि उसका नाम और चेहरा किसी के सामने आए।प्लान के अनुसार दो शूटर आये, जिन्हे हुमायूं ने पिस्टल उपलब्ध करा दिया। दोनों शूटर ने रंजीत साव को गोली मार दी। भोलू प्लान के तहत दोनों शूटर को सुरक्षित बोकारो तक भेजवा दिया।हिमांशु ने दोनों शूटर को कितना पैसा दिया। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस आशंका जता रही है कि 30-35 हजार रुपये दिये होंगे। पुलिस ने ममले में अरेस्ट किये गये विजय गर्ग व हिमायू को जेल भेज दिया है।रंजीत मर्डर में शूटर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दोनों को रिमांड पर लेगी।
उल्लेखनीय कि 29 अप्रैल को झरिया ऊपर कुल्ही के समीप एमआरएफ टायर शोरूम संचालक रंजन साव के छोटे भाई रंजीत साव को बाइक सवार क्रिमिनलों ने शोरूम में घुसकर गोली मारकर मर्डर कर दी थी। आरोपियों को गिरफ्तारी की मांग को लेकर रंजीत की बॉडी रोड पररखकर जाम किया गया था। रंजीत की मर्डर के बाद एरिया में दहशत का माहौल बन गया था।