धनबाद: जज उत्तम आनंद मौत मामले में लखन और राहुल को CBI ने वापस भेजा जेल, आज फिर लेगी रिमांड पर
जज उत्तम आनंद मौत मामले में CBI ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और राहुल वर्मा को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद गुरुवार को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया। सीबीआई दोनों पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर लाइ डिटेक्टर समेत अन्य कई साइंटिफिक टेस्ट करायी हैं।
धनबाद। जज उत्तम आनंद मौत मामले में CBI ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और राहुल वर्मा को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद गुरुवार को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया। सीबीआई दोनों पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर लाइ डिटेक्टर समेत अन्य कई साइंटिफिक टेस्ट करायी हैं।
दोनों को 13 से 19 अगस्त तक रिमांड पर लेगी CBI
सोर्सेज का कहना है कि 12 अगस्त को पांच दिन का रिमांड पूरा होने के कारण दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। सीबीआई 13 अगस्त से लेकर 19 अगस्त तक फिर से रिमांड पर लेगी। कोर्ट ने दोनों आरोपियों की रिमांड की अवधि बढ़ा दी थी। इसलिए 13 से 19 तक दोनों को रिमांड पर लेकर CBI दोनों से फिर पूछताछ करेगी। बताया जाता है कि शुक्रवार को रिमांड पर लेने के बाद CBI की टीम दोनों को धनबाद से बाहर ले जाने की तैयारी में है । वहां दोनों का नार्को टेस्ट करवाकर और घटना से जुड़ी जानकारी ली जायेगी।
दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने से पहले सदर हॉस्पिटल में कोविड जांच करायी। जंच में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को धनबाद में सीबीआई की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत में पेश कर 10 दिन की रिमांड ली थी।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। वॉक के दौरान ऑटो ने धक्का मार दिया जिससे उनकी मौत हो गयी। घटना के बाद एक सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा रहा है कि एक ऑटो में बैठे लोग किनारे की तरफ जाकर उत्तम आनंद को धक्का मारा। इसके बाद ऑटो सीधा कर आगे की ओर से निकल गये। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जज उत्तम आनंद के हादसे की फोटो सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसमें साफ देखा जा सकता है कि ऑटो बीच सड़क से बायी ओर मुंडकर रोड के किनारे आता है। धक्का मारने के बाद भाग निकलता है। घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद हादसे को मर्डर की साजिश के रूप में देखा जाने लगा।
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। डीजीपी व चीफ सेकरेटरी से रिपोर्ट तलब की गयी थी। मामले में झारखंड पुलिस और स्टेट गवर्नमेंट गंभीर हुई। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।
सीबीआई नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 टीम में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। सीबीआइ घटनास्थाल पर दो-दो बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। बावजूद अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है। लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनों के बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और साइंटिफिक एवीडेंस से सीबीआइ टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है।