Giridih : पांच करोड़ कैश लूट मामले में 3.24 करोड़ रुपये बरामद, छह आरोपी अरेस्ट, मास्टरमाइंड गुलाब साह फरार
पटना से कोलकाता ले जा जायी जा रही डीवाई कंपनी की पांच करोड़ कैश लूटकांड का प्लान हजारीबाग जिले के बरही के गुलाब साह ने बनायी थी। गिरिडीह पुलिस ने गैंग से जुड़े छह क्रिमिनलों को अरेस्ट कर 3,24,15,000 रुपये व घटना में प्रयुक्त दो वाहनों में से एक को बरामद कर लिया है।
- लूटकांड में प्रयुक्त स्कार्पियो और पौने दो लाख कैश के साथ भागा है गुलाब
गिरिडीह। पटना से कोलकाता ले जा जायी जा रही डीवाई कंपनी की पांच करोड़ कैश लूटकांड का प्लान हजारीबाग जिले के बरही के गुलाब साह ने बनायी थी। गिरिडीह पुलिस ने गैंग से जुड़े छह क्रिमिनलों को अरेस्ट कर 3,24,15,000 रुपये व घटना में प्रयुक्त दो वाहनों में से एक को बरामद कर लिया है।
यह भी पढ़ें:Jharkhand: रांची के सब इंस्पेक्टर शशांक कुमार पर कसा शिकंजा, डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग शीघ्र पूरा करने का निर्देश
गिरिडीह एसपी अमित रेणु ने बताया कि जमुआ के बाटी गांव के समीप लूटी गयी पांच करोड़ कैश में से 3,24,15,000 रुपये पुलिस ने अलग-अलग ठिकानों से बरामद कर लिया है। घटना में प्रयुक्त आठ मोबाइल, एक्सयूवी वाहन और क्रेटा में लगे जीपीएस को भी पुलिस ने जब्त किया है। घटना में शामिल कुल सात क्रिमिनलों ने से छह की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक आरोपी अब भी फरार है। जल्द ही उसे भी अरेस्ट कर लिया जायेगा। पुलिस उसकी तलाश में जगह-जगह रेड कर रही है।
चार गोविंदपुर, एक बरही और एक चतरा का है आरोपी
एसपी ने बताया कि सभी आरोपी खुद को कभी रिकवरी एजेंट तो कभी अफसर बताकर लूटपाट करते थे। क्राइम से इनलोगों का पुराना संबंध रहा है। गिरफ्तार छह क्रिमिनलों में से चार धनबाद जिले के गोविंदपुर के , दो हजारीबाग जिले के बरही के हैं। पुलिस गिरफ्त में आये राजेश सिंह धनबाद जिले के गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया के रामनगर विलेज रोड, मो. करीम अंसारी गोविंदपुर के अमलाटांड़, विनोद विश्वकर्मा गोविंदपुर के अमरपुर ऊपर बाजार और शहजाद आलम गोविंदपुर के फकीरडीह का रहने वाला है। वहीं रंजीत कुमार हजारीबाग जिले के बरही पुलिस स्टेशन एरिया के धमना और अजीत कुमार सिंह चतरा जिला के इटखोरी पुलिस स्टेशन एरिय के कोनी गांव का है।
एसआइटी में शमिल पुलिस अफसर होंगे सम्मानित
एसपी श्री रेणु ने बताया कि पांच करोड़ कैश लूटकांड का खुलासा झारखंड पुलिस के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। लूटी गयी इतनी मोटी रकम अब तक झारखंड में कहीं भी बरामद नहीं हुई है। एसआइटी में शामिल पुलिस अफसरों ने अच्छा काम किया है। इस ऑपरेशनमें शामिल और उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अफसरों को सम्मानित किया जायेगा। एसआइटी का नेतृत्व खोरीमहुआ एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो कर रहे थे। इसमें बगोदर-सरिया एसडीपीओ नौशाद आलम, डुमरी के एसडीपीओ मनोज कुमार महतो, साइबर क्राइम के डीएसपी संदीप सुमन, सरिया सर्किल के पुलिस इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह, पचंबा सर्किल के पुलिस इंस्पेक्टर विनय कुमार राम, जमुआ के थाना प्रभारी बिपिन कुमार, जमुआ के तत्कालीन थाना प्रभारी पप्पू कुमार, सब इंस्पेक्टर नीतेश कुमार पांडेय, रविप्रकाश पंडित, सरोज सिंह चौधरी, ध्रुव कुमार, पिकू प्रसाद, राहुल कुमार चौबे, नागेंद्र कुमार, साधन कुमार, नीतीश कुमार, अभिषेक कुमार, प्रेम कुमार, रंजन कुमार सिंह, रजनिश कुमार समेत बड़ी संख्या में पुलिस जवान इस ऑपरेशन में शामिल थे।
लूटकांड का मास्टरमाइंड गुलाब साह अब भी फरार
पांच करोड़ कैश लूटकांड का मास्टरमाइंड गुलाब साह अब भी फरार है। लूट को अंजाम देने के बाद गुलाब हजारीबाग जिले के बरही स्थित अपने निवास पर भी पहुंचा था, लेकिन चार दिन बाद पुलिस की सक्रियता देख वह स्कार्पियो समेत फरार हो गया। वह झारखंड छोड़ बिहार के किसी एरिया में छुपा हुआ है। लूट की लगभग पौने दो करोड़ कैश अब भी उसके पास है। गुलाब साह ने गैंग मेंबर्स के साथ क्रेटा कार से कोलकाता ले जायी जा रही डीवाई कंपनी की पांच करोड़ रुपये जमुआ के बाटी गांव के पास लूट लिये थे। कैश कार के अंडरग्राउंड सेफ में रखे हुए थे। गिरिडीह पुलिस की एसआइटी गैंग के मास्टर माइंड गुलाब साह को को पकड़ने के लिए जगह-जगह रेड कर रही है। पुलिस बरही स्थित उसके आवास पहुंची तो वहां कोई नहीं मिला। घर में ताला लटका था। गुलाब की वइफ व अन्य रिश्तेदार भी फरार हैं।
एक पुलिस अफसर की भूमिका संदिग्ध
पुलिस सोर्सेज का कहना है कि लूटकांड में शामिल सात लोगों में से दो बरही के हैं। गैंग के साथ एक पुलिस अफसर की भी भूमिका सामने आ रही है। संबंधित पुलिस अफसर बरही इलाके का ही बताया जाता है। जब गैंग के मेंबर अफसर बन किसी को अपना शिकार बनाते हैं तो यही पुलिस अफसर उनलोगों के साथ होता है। पांच करोड़ कैश लूटकांड मेंइस संदिग्ध पुलिस अफसर की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
कार में लगी चिप से पुलिस क्रिमिनलों तक पहुंची
पुलिस सोर्सेज के अनुसार, क्रेटा कार में लगी चिप ने पुलिस इन्विस्टीगेशन को आगे बढ़ाया। पुलिस ने हजारीबाग जिले के बरही और धनबाद जिले के गोविंदपुर में रेड कर दो लोगों को दबोचा। इन दोनों से हुई पूछताछ में मुंबई में छिपे तीन अन्य क्रिमिनलों की जानकारी मिली। तीनों को मुंबई से अरेस्ट किया गया। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने कोलकाता, गोविंदपुर और वासेपुर में रेड कर कैश बरामद किये।
रिकवरी एजेंटों के सिंडिकेट ने दिया घटना को अंजाम
पांच करोड़ की लूटपाट की घटना को बहुत ही सुनियोजित तरीके से रिकवरी एजेंटों के एक सिंडिकेट ने अंजाम दिया था। सिंडिकेट में शामिल क्रिमिनलों की क्राइम हिस्ट्री रही है। यह सिंडिकेट जीटी रोड पर कई घटनाओं को अलग-अलग तरीके से अंजाम देता रहा है। कभी रिकवरी एजेंट बन वाहनों को रोक लूटपाट करता। कई बार सिंडिकेट के लोग अफसर बनकर वाहनों को रोकते और राशि की वसूली करते हैं।
डेढ़ माह पहले क्रेटा में लगाया था चिप
बताया जाता है कि जिस क्रेटा कार से पांच करोड़ रुपये की लूट हुई, उसमें दो चिप लगी थी। एक चिप कंपनी की थी, जबकि दूसरी रिकवरी एजेंट के सिंडिकेट ने लगा रखी थी। डेढ़ माह पहले यह कार जीटी रोड से गुजर रही थी, उस समय रिकवरी एजेंट के इस सिंडिकेट ने बरही के पास रोक लिया था। सेल्स टैक्स अफसर बनकर इस सिंडिकेट ने सात लाख रुपये की वसूली की थी। उसी दौरान सिंडिकेट के लोगों ने कार में अपना एक जीपीएस लगा दिया था। चिप लगाने के बाद लगातार इस कार पर निगरानी रखी जा रही थी। सिंडिकेट के लोगों को जानकारी मिली कि क्रेटा से बड़ी रकम ले जायी जा रही है, तो चिप के जरिए निगरानी रखते हुए सीधे उसे जमुआ के बाटी के पास रोक कार को अपने कब्जे में ले लिया।जिस समय घटना को अंजाम दिया गया, उस जीपीएस के लोकेशन के आसपास कोई अन्य वाहन नहीं था। सिंडिकेट के लोगों को पहले से ही यह जानकारी थी कि क्रेटा से कंपनी के कैश की ढुलाई होती है। इसलिए कार में सिंडिकेट ने स्थायी रूप से अपना जीपीएस चिप गोपनीय तरीके से लगा दिया था।
पटना से कोलकाता भेजी जा रही थी पांच करोड़ कैश
पटना से 21 जून की रात कोलकाता जाने के क्रम में क्रिमिनलों ने जमुआ बाटी के पास क्रेटा कार के अंडरग्राउंड सेफ में रखे पांच करोड़ रुपये कैश लूट लिये थे। यह राशि गुजरात की डीवाई कंपनी की थी कंपनी की पटना ब्रांच से पांच करोड़ रुपये लेकर कार कोलकाता के लिए रवाना हुई थी। रकम को डीवाई कंपनी की कोलकाता ब्रांच तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मयूर सिंह जडेजा और जगत सिंह सोलंकी को दी गयी थी।बताया जाता है कि जमुआ में सफेद स्कॉर्पियो और एसयूवी कार सवार क्रिमिनलों ने पांच करोड़ कैश लूट लिये थे। मामले को लेकर गुजरात के पाटन जिला अंतर्गत सांतलपुर निवासी मयूर सिंह जड़ेजा के आवेदन पर 21 जून को जमुआ एफआइआर दर्ज की गई। पुलिस सब इंस्पेक्टर नितेश कुमार पांडेय को केस का आइओ बनाया गया है। पुलिस की एसआइटी 15 दिनों से लगातार रेड कर रही है। पुलिस 21 जून की तड़के घटनास्थल के आसपास एक्टिव मोबाइल के लोकेशन के आधार पर कई लोगों को कस्टडी में लिया गया। पुलिस टीम ने हजारीबाग के बरही से एक व्यक्ति को सोमवार की देर रात उठाया है। पुलिस मंगलवार की सुबह धनबाद के गोविंदपुर रामनगर निवासी रिकवरी एजेंट राजेश उर्फ रजनीश को कस्टडी में लिया है। इस रेड में एसआइटी के डीएसपी मुकेश कुमार महतो व अन्य पुलिस अफसर शामिल थे।
यह है मामला
पुलिस कंपलेन में कार ड्राइवर मयूर सिंह का कहना है कि वह गुजरात में एक टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत है। उसकी पहचान गोविंद सिंह सोलंकी नामक व्यक्ति से हुई। उसने अच्छा काम दिलाने का भरोसा दिलाया। बाद में गोविंद सिंह ने उसे गुजरात से दिल्ली और फिर दिल्ली से कानपुर जाने को कहा। वह कानपुर पहुंचा तो वहां करण भाई नामक व्यक्ति ने उसे रिसीव किया। तीन दिन वहां रुकने के बाद उसकी मुलाकात गुजरात के ही जगत सिंह जडेजा उर्फ जगत भाई से करवायी गयी। जगत सिंह उसे क्रेटा वाहन (आरजे 45 सीयू /9964) में बैठा कर पटना लाया।बकौल मयूर सिंह पटना में उसे बताया गया कि उक्त क्रेटा से पांच करोड़ रुपया पटना से कोलकाता ले जाना है। पटना की डीवाई कंपनी से पांच करोड़ रुपये कैश लेकर गाड़ी के अंदर बने एक बॉक्स में डाल दिया गया। वे लोग कोलकाता के लिए 20 जून की रात लगभग नौ बजे रवाना हुए।
मयूर सिंह चला रहा था कार
मयूर ने पुलिस को बताया है कि पटना से कोलकाता जाने के क्रम में वह और जगत सिंह 21 जून की रात लगभग 1.30 बजे जमुआ में टिकामगहा गांव के पास स्थित एक पेट्रोल पंप में तेल भरवाया। यहां से आगे बढ़े ही थे कि बाटी गांव के पास एक स्कॉर्पियो ने ओवरटेक कर गाड़ी रुकवायी। स्कॉर्पियो से पांच लोग उतरे और क्रेटा का दरवाजा खुलवा चाबी ले ली। हम दोनों को स्कॉर्पियो पर जबरन बैठने को कहा। इस दौरान दोनों के साथ मारपीट भी की। जब दोनों स्कॉर्पियो पर बैठ गये तो क्रिमिनलों में से एक उनकी क्रेटा वाहन की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। उसे ले गया। स्कॉर्पियो के साथ एक एसयूवी भी था। दोनों को स्कॉर्पियो से कच्ची रास्ते होते हुए इधर-उधर घुमाने के बाद उतार कर चलते बने।
मयूर सिंह ने पुलिस को दिये गये आवेदन में कहा है कि वे दोनों इधर-उधर भटकते रहे और सुबह पांच बजे सड़क पर पहुंचे। पास में ही एक होटल के पास उन्हें अपनी कार क्रेटा कार दिखी। कार केपास पहुंचा तो देखा कि कार के फर्श के निचले हिस्से में बने बॉक्स टूटा हुआ था। बॉक्स में से रकम गायब कर दी थी। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व ग्रामीणों ने जमुआ पुलिस को लावारिस हालत में सड़क के किनारे खड़े लावारिस क्रेटा की सूचना दी थी।