पलामू में एक समुदाय विशेष ने महादलित के डेढ़ दर्जन घरों को धवस्त किया, 50 को मारपीट कर भगाया
झारखंड के पलामू जिले में पांडू पुलिस स्टेशन एरिया के मुरुमातू गांव में महादलित समाज की मुसहर जाति के लोगों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पर बड़ा जुल्म ढाया है। ग्रुप बनाकर टोंगरी पहाड़ी के निकट मुसहरों के कच्चे घर और झोपड़ियों पर अचानक हमला कर डेढ़ दर्जन से ज्यादा घरों को ध्वस्त कर दिया। मारपीट की गई।
पलामू। झारखंड के पलामू जिले में पांडू पुलिस स्टेशन एरिया के मुरुमातू गांव में महादलित समाज की मुसहर जाति के लोगों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पर बड़ा जुल्म ढाया है। ग्रुप बनाकर टोंगरी पहाड़ी के निकट मुसहरों के कच्चे घर और झोपड़ियों पर अचानक हमला कर डेढ़ दर्जन से ज्यादा घरों को ध्वस्त कर दिया। मारपीट की गई।
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पांडू पुलिस स्टेशन पहुंच पुलिस ने इंसाफ की गुहार
घर ध्वस्त करने के बाद सामानों को दो वाहनों पर लादकर छतरपुर के लोटो गांव के पास जंगल में छोड़ दिया। डरे सहमे मुसहर जाति के लगभग 50 लोग पांडू पुलिस स्टेशन पहुंच पुलिस ने इंसाफ की गुहार लगाई। बताया जाता है कि सोमवार दोपहर मुसहरों के घरों पर अचानक हमला किया गया। इसमें मुसहर जाति के डेढ़ दर्जन परिवार के लोग बेघर हो गये हैं। हमले के बाद भगदड़ मच गई। परिवार के कई सदस्य और बच्चे इधर-उधर जान बचाने के लिए भागे। बच्चे लोटो गांव के जंगल में भटक-भटककर रो रहे हैं। बाद में किसी तरह हिम्मत कर कुछ थाना पहुंचे। पुलिस ने न्याय की गुहार लगाई। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि मदरसे की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर मुसहर परिवार के लोग रहते थे।
मुरुमातू में चार दशक से रह रहे थे मुसहर परिवार
महादलित परिवार के लोग कच्चे मकान और झोपड़ियां बनाकर लगभग चार दशक से मुरुमातू के पास रह रहे थे। पीड़ित लोगों का कहना है कि भूखंड जीएम लैंड है। प्रशासन ने सर्वे कराकर यहां पर बसाया है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग मदरसे की जमीन बताकर कब्जा करना चाहते हैं।
झारखंड प्रदेश बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष सह एमएलए अमर बाउरी ने कहा है कि राज्य में दलित और आदिवासी सुरक्षित नहीं है। ऐसा लग रहा है कि यह खबर अफगानिस्तान या पाकिस्तान की है। सच्चाई यह है कि झारखंड के पलामू की घटना है। पांडू थाना प्रभारी धुमा किस्कू का कहना है कि जमीन विवाद का मामला है। हमले के बाद मुसहर जाति के लोग थाना पहुंचे और मौखिक जानकारी दी। अभी तक लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।