झरखंड: बीएचयू की एलएलबी की छात्रा अनन्या के लिए 535 KM चली राजधानी एक्सप्रेस, अकेले सफर तय कर रात 1.45 पर पहुंची रांची
रेलवे को अनन्या नामक एक लड़की के लिए 535 KM चली राजधानी एक्सप्रेस चलानी पड़ी। वह ट्रेन में डाल्टेनगंज से अकेले सफर तय कर गुरुवार की रात 1.45 पर रांची पहुंची।
रांची। रेलवे को अनन्या नामक एक लड़की के लिए 535 KM चली राजधानी एक्सप्रेस चलानी पड़ी। वह ट्रेन में डाल्टेनगंज से अकेले सफर तय कर गुरुवार की रात 1.45 पर रांची पहुंची। वह राजधानी एक्सप्रेस से रांची आ रही थी।
टाना भगतों के आंदोलन से डालटनगंज स्टेशन पर गुरुवार को राजधानी एक्सप्रेस फंस गयी। ट्रेन में सवार सभी को बस से गंतव्य स्थान के लिए भेजा गया। अनन्या ने यह जिद पकड़ ली जाऊंगी तो राजधानी एक्सप्रेस से ही। यदि बस से जाना होता तो ट्रेन का टिकट क्यों लेती। बस से सफर कर रांची आती। टिकट राजधानी एक्सप्रेस का है तो इसी से जाऊंगी। अनन्या के जिद से रलवे अफसर भी परेशान हो गय। अफसरों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें? अंतत: अनन्या में जिद के रेलवे अफसरों को झुकना पड़ा। राजधानी एक्सप्रेस शाम लगभग चार बजे डालटनगंज से वापस गया ले जाकर गोमो और बोकारो होते हुए रांची के लिए रवाना करनी पड़ी। ट्रेन रात को लगभग 1.45 बजे रांची रेलवे स्टेशन पहुंची।अनन्या उक्त ट्रेन में इकलौती पैसेंजर्स थी। राजधानी के 930 पैसेंजर्स में 929 को रेलवे डालटनगंज से बसों से गंतव्य की ओर पहले ही रवाना कर चुकी थी। संभवत: रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक पैसेंजसर को छोड़ने के लिए राजधानी एक्सप्रेस ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की।
क्या है मामला
रांची के एचइसी कालोनी की रहने वाली अनन्या मुगलसराय से रांची के लिए नई दिल्ली रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस में सवार हुई थी। वह ट्रेन की बी-3 कोच में 51 नंबर सीट पर सवार थी। वह बीएचयू में एलएलबी की पढ़ाई करती हैं।लातेहार जिला स्थित टोरी में टाना भगतों के रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन की वजह से डालटनगंज में ट्रेन रोक दी गई। पहले तो अफसरों ने सोचा कि आंदोलन खत्म हो जायेगा तो ट्रेन रांची पहुंचा दी जायेगी। लेकिन आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को इसकी जानकारी दी गई। उन्होंने पैसेंजर्स को बसों से रांची भेजने का आदेश दिया। ट्रेन डालटनगंज में ही खड़ी रखने का निर्देश दिया। सभी यात्री बस से चले गयेलेकिन अनन्या जिद पर अड़ गई।
कार से जाने को भी तैयार नहीं हुई
रेलवे अफसरों ने अनन्या को कार से रांची भेजने का प्रोपोजल रखा, लेकिन वह तैयार नहीं हुई। वह जिद पर अड़ी रही कि राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जायेगी। मामले की जानकारी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को दी गई। अंतत: विचार-विमर्श के बाद चेयरमैन ने डीआरएम को निर्देश दिया कि अनन्या को राजधानी एक्सप्रेस से रांची भेजें।ट्रेन में सिक्युरिटी के भी पुख्ता इंतजाम होनी चाहिए।
नहीं थी महिला कांस्टेबल, आरपीएफ जवान के साथ पहुंची रांची
राजधानी एक्सप्रेस में अनन्या अकेली थी। सिक्युरिटी के लिए महिला कांस्टेबल भी नहीं थी। कहा गया था कि अनन्या की सुरक्षा के लिए महिला सिपाही भेजी जायेगी। लेकिन रांची रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी तो बी3 कोच में सिर्फ आरपीएफ का एक कांस्टेबल बाबूलाल कुंवर ही महिला की सुरक्षा में तैनात था।
एक पैसेंजर को लेकर 535 किलोमीटर चली राजधानी एक्सप्रेस
ट्रेन को डालटनगंज से सीधे रांची आना था। डालटनगंज से रांची की दूरी 308 किलोमीटर है। ट्रैक जाम रहने के का्रण ट्रेन को गया से गोमो व बोकारो होकर रांची रवाना करना पड़ा। इस तरह ट्रेन को 535 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। अनन्या की सुरक्षा के लिए आरपीएफ की कई महिला सिपाही तैनात की गई थीं। रेलवे के एक वरीय अधिकारी के अनुसार, 25 वर्ष से वह रेलवे में कार्यरत हैं, लेकिन याद नहीं कि एक यात्री के लिए राजधानी ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की।
मैंने साफ कह दिया था, गंतव्य तक तो छोडऩा होगा
अनन्या ने कहा कि डालटनगंज में पहले तो ट्रेन घंटों खड़ी रही। फिर रेलवे ने कुछ खटारा टाइप की बस दिखाकर इससे जाने को कहा। सभी पैसेंजर उतरने लगे। कोच अटेंडेंट भी उतरने लगे। मैंने कहा कि पैसेंजर्स को रांची तक पहुंचाना आप लोगों की जिम्मेदारी है, अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते हैं। बावजूद वे सुनने को तैयार नहीं थी। मैं अंदर बैठी रही। कभी रेलवे के लोग तो कभी कुछ पैसेंजर्स अंदर आ कर मुझे उतारने की कोशिश करने लगे। कहा गया, जिद छोडि़ए। सिर्फ आपके लिए ट्रेन नहीं चलेगी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और साफ कह दिया कि रेलवे मुझे गंतव्य तक पहुंचाए। इसके बाद शाम में ट्रेन खुली। अनन्या का कहना था कि पूरा मामला मिस मैनेजमेंट का है। रात में एनाउंस किया गया था कि ट्रेन डालटनगंज होकर नहीं जायेगी।