झारखंड: IAS अफसर पूजा सिंघल का नया ठिकाना बना रांची का बिरसा मुंडा जेल, कैदी नंबर 1187
झारखंड में मनरेगा घोटाला, मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में सस्पेंड आइएएस अफसर को कोर्ट में पेशी के बाद ईडी ने जेल भेज दिया है। अब पूजा सिंघल का ठिकाना बिरसा मुंडा जेल बन गया है। उन्हें महिला वार्ड से सटा एक छोटा कमरा में रखा गया है। जहां, तीन अन्य महिला कैदी भी हैं।
- सूखी रोटी, पतली दाल... जेल का खाना देख फफक पड़ीं पूजा सिंघल...
रांची। झारखंड में मनरेगा घोटाला, मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में सस्पेंड आइएएस अफसर को कोर्ट में पेशी के बाद ईडी ने जेल भेज दिया है। अब पूजा सिंघल का ठिकाना बिरसा मुंडा जेल बन गया है। उन्हें महिला वार्ड से सटा एक छोटा कमरा में रखा गया है। जहां, तीन अन्य महिला कैदी भी हैं।
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पूजा सिंघल दोपहर में नहाने के बाद से वह अपने कमरे में ही लेटकर और बैठकर समय गुजारते रहीं।रात के समय जब पूजा सिंघल को खाना मिला तो सूखी रोटी, दाल और सब्जी देख फिर भड़क गईं। जेलकर्मियों से पूछा ये क्या सूखी रोटी दे रहे हो। दाल इतनी पतली क्यों है। सब्जी में हल्दी तक नहीं। इसपर उनके लिए खाना लाने वाली महिला कैदी ने कह दिया, मैडम जेल में ऐसा ही खाना मिलता है। कैदी की बातें सुन पूजा चुपचाप खाना लेकर बैठ गईं। एक दो टुकड़े खाईं, इसके बाद पानी पीकर जेल के चारों ओर टहला। जेल की कैंटीन, बाथरूम, मंदिर सहित अन्य जगहों पर घूमी। इसके बाद वापस अपने वार्ड में जाकर सो गईं।
महिला कैदी बन गई सेवादार
पूजा सिंघल अपने साथ कपड़े, साबून, पेस्ट, शैंपू लेकर पहुंची थीं। उन्हें कमरा में रख दिया गया। पूजा सिंघल के साथ जिन तीन महिला कैदियों को रखा गया है, वह पूजा सिंघल के लिए पहले से सेवादार बनने का मूड बना चुकीं थी। इन कैदियों ने पूजा सिंघल की मदद के लिए काम बांट लिया। एक ने कहा, मैडम में हर दिन भंसा (कैंटीन) से खाना ला दूंगी। दूसरे ने कपड़े धोने की जिम्मेवारी उठा ली। तीसरे ने अन्य कामों में हाथ बंटाने की जिम्मेवारी ले ली है। इन तीनों कैंदियों ने पूूजा सिंघल के उदास रहने पर उन्हें समझाया-बुझाया। कहा मैडम आराम से रहो, सब ठीक हो जायेगा।
मच्छरों के डंक पूरी रात नहीं सो पाई अफसर
पूजा सिंघल को मच्छरों के बीच रात गुजारना पड़ा। उन्हें मच्छर डंक मारते रहे। मच्छरों के बीच पूरी रात नहीं सो पाई। उन्होंने जेल प्रशासन से मच्छरदानी की देने के लिए कहा। लेकिन मच्छरदानी की अनुमति नहीं रहने की बात कह मना कर दिया गया। उन्हें मच्छर अगरबत्ती दिया गया। लेकिन यह कुछ देर के लिए ही राहत भरी थी। अगरबत्ती खत्म होते ही मच्छर फिर से हमला करते रहे। इस बार उन्हें सोने के लिए कंबल, चादर, तकिया दिया गया है।
14 दिन की रिमांड लेकर ईडी ने की पूछताछ
ईडी ने मनी लांड्रिंग के आरोप में 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था। उसी दिन देर शाम को अदालत में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया था। अगले दिन ईडी की टीम ने कोर्ट की अनुमति के तहत पूछताछ के लिए पूजा सिंघल को अपने साथ ले गई। 16 मई को रिमांड अवधि खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से फिर से चार दिनों की रिमांड पर ईडी अपने साथ ले गई। इससे पहले 20 मई को रिमांड अवधि खत्म होने पर पूजा को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से एक बार फिर पांच दिनों की रिमांड पर ईडी अपने साथ ही ले गई। बुधवार को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया। मामले के अन्य दो आरोपित पूजा सिंघल के पति के सीए सुमन कुमार एवं निलंबित जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को अगली पेशी के दिन तीनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया जायेगा।
जेल पहुंचते ही मैडम की हालत खराब
रांची के होटवार जेल पहुंचते ही एक बार फिर से आइएएस पूजा सिंघल की हालत खराब हो गई। वह जेल के चना-गुड़ का नाश्ता देखकर बुरी तरह बिफर गईं। इससे पहले भी पूजा सिंघल को लेकर जेल से खबर आई थी, कि उन्होंने जेल का खाना खाने से साफ मना कर दिया था। तब उन्होंने जेल में मच्छर काटने, साफ-सफाई नहीं रहने पर जमादार को खूब हड़काया था। ईडी कोर्ट में पेशी के बाद जेल लाई गईं पूजा सिंघल को महिला वार्ड में दूसरे बंदियों के साथ रखा गया है। यहां उन्हें जमीन पर बिछाने के लिए चादर दिया गया है। अब आठ जून तक पूजा सिंघल जेल में ही रहेंगी।
पूजा सिंघल अब कैदी नंबर 1187
ईडी के स्पेशल जज पीके शर्मा की की कोर्ट में वीसी पेशी के बाद पूजा सिंघल होटवार स्थित बिरसा मुंडा केद्रीय कारा में भेज दिया गया। होटवार जेल में आईएएस पूजा सिंघल को 1187 नंबर दिया गया है। पूजा अब कैदी नंबर 1187 के रूप में जानी जायेंगी।
जेल में तीन टाइम होती है कैदियों की गिनती
जेल कै बैरक हले सुबह खोला जाता है। सभी कैदी सुबह पांच बजे उठते हैं। साढ़े पांच बजे उनकी खुले में गिनती की जाती है। इसके आधे घंटे के बाद यहां हर एक कैदी प्रार्थना करने के लिए जमा होते हैं। इसी दौरानचाय बांटी जाती है। इसके बाद बंदियों को नाश्ता दिया जाता है। कैदियों को पढ़ने के लिये अखबार भी दिया जाता है। दिन के 10 बजे वैसे कैदी जिनको कोर्ट जाना है, उन्हे कोर्ट भेज दिया जाता है। फिर 12:30 दोपहर में कैदी को वार्ड में भेज दिया जाता है, जहां दोबारा काउंटिग की जाती है। इसी समय कैदी को खाना दिया जाता है। फिर उन्हें बंद कर दिया जाता है। खाने के बाद बंदियों को डेढ़ घंटा का रेस्ट दिया जाता है। कैदी वार्ड में टीवी देखने का भी समय दिया जाता है। शाम को तीसरी बार फिर कैदियों की काउंटिंग की जाती है। शाम में भी कैदियों से प्रार्थना करवाया जाता है। रात आठ बजे तक हर कैदी को बैरक में बंद कर दिया जाता है।
कैदियों के मुलाकात का समय फिक्स
जेल में कैदियो को कंबल, चादर, थाली, कटोरी व ग्लास दिया जाता है. वहीं सजायाफ्ता कैदी को सफेद ऑफ पैंट और शर्ट दिया जाता है। वहीं जेल में कलाई घड़ी, नकदी, गहने, माचिस, नुकीला पदार्थ, नशे का समान कैदियों के लिये वर्जित होता है। मैनुअल के मुताबिक बंदी से उसके परिजन हफ्ते में सिर्फ एक दिन मिल सकते हैं। मुलाकात का वक्त सुबह आठ से 12 बजे तक तय है।. कैदी से मिलने के लिए उनके परिवार वाले एक निर्धारित समय पर ही जाकर कैदी से मिल सकते हैं। इसके लिए उन्हें पहले से ही एंट्री करानी पड़ती है ताकि ये पता चल सके कि कौन से कैदी से मिलने के लिए कौन आया है और ये सारी चीजे क्रम से होती है मुलाकात के लिए एक तरफ बंदी और दूसरी ओर परिजन या रिश्तेदार बात करते है। यह मुलाकात 5-10 मिनट की हो सकती है।