झारखंड:रांची में उपद्रव व हिंसा की NIA जांच की मांग, हाई कोर्ट में दाखिल की गयी जनहित याचिका
झारखंड की राजधानी रांती में 10 जून को हुए हिंसा मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए रिपोर्ट की मांग की है। अब हाईकोर्ट में 17 जून को मामले की सुनवाई होगी।
- हाई कोर्ट ने सरकार से मांगी रिपोर्ट
रांची। झारखंड की राजधानी रांती में 10 जून को हुए हिंसा मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए रिपोर्ट की मांग की है। अब हाईकोर्ट में 17 जून को मामले की सुनवाई होगी।
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रांची में हिंसा की NIA करे जांच
प्रार्थी पकंज कुमार यादव की ओर से याचिका दायर की गयी है। इसमें जल्द से जल्द सुनवाई के लिये कोर्ट से आग्रह किया गया है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि जल्द से जल्द मामले में रिपोर्टं दें। सामाजिक कार्यकर्त्ता और आरटीआई एक्टिवस्टि पंकज यादव ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रांची में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा और उपद्रव की घटना की जांच एनआईए से कराने की मांग की है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंचने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। याचिका पर सुनवाई के लिए शुक्रवार 17 मई की तारिख मुकर्रर्र की है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि 10 जून को रांची में उपद्रवियों ने जमकर हिंसा की। नारेबाजी और पथराव करते हुए सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश रची गई भीड़ द्वारा हिंसा के दौरान शहर के कई धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया। पुलिस ने जब रोकने की कोशिश की, तो पुलिस पर भी गोली चलायी गई। यह सुनियोजित तरीके से फैलाई गई हिंसा थी, इसलिए पूरे मामले की जांच एनआईए से होनी चाहिए। याचिका में पंकज कुमार यादव ने हैदराबाद के MP असददुद्दीन ओवैसी, रांची के डीसी, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआइए, ईडी और आयकर आयुक्त को पार्टी बनाया है। कोर्ट से इस मामले की एनआईए से जांच की मांग की गयी है। इस याचिका में सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम देने की बात कही गयी है। इसमें संगठनों के फंडिंग की बात भी कही गयी है।