झारखंड: नदी- तालाबों में छठ पर्व रोक के आदेश से घिरी गवर्नमेंट, विपक्ष ने किया विरोध, जेएमएम व कांग्रेस ने आदेश वापस लेने की मांग की
झारखंड गवर्नमेंट द्वारा लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर जारी आदेश का चौतरफा विरोध हो रहा है। सरकार ने आदेश जारी कर नदी व तलाब घाटों पर सामूहिक तौर पर छठ मनाने पर रोक लगा दी है। इस आदेश सामाजिक और राजनीतिक तौर पर विरोध शुरू हो गया है।
- कांग्रेस और जेएमएम ने गवर्नमेंट से आदेश वापस लेने की मांग की
- बीजेपी ने जताया कड़ा विरोध
रांची। झारखंड गवर्नमेंट द्वारा लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर जारी आदेश का चौतरफा विरोध हो रहा है। सरकार ने आदेश जारी कर नदी व तलाब घाटों पर सामूहिक तौर पर छठ मनाने पर रोक लगा दी है। इस आदेश सामाजिक और राजनीतिक तौर पर विरोध शुरू हो गया है। विपक्षी दल बीजेपी के साथ-साथ सत्तािधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी आदेश का विरोध किया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी सीएम हेमंत सोरेन को आदेश के विरोध में ज्ञापन सौंपा है। झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने सीएम हेमंत सोरेन को आज ज्ञापन सौंकर आदेश में जारी गाइडलाइन को बदलने का आग्रह किया है। कहा गया है कि घाट पर ज्यादा भीड़ न जुटे इसकी व्यवस्था हो व छठ घाट पर व्रतियों के अर्घ्य देने पर रोक का आदेश वापस ली जाए। गिरिडीह एमएलए सुदिव्य कुमार सोनू ने भी छठ घाटों पर पूजा की अनुमति देने की मांग की है।
राजेश ठाकुर ने आदेश वापस लेने की मांग की
झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी सरकार के फैसले का विरोध किया है।श्री ठाकुर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जारी वीडीओ में कहा है कि लोग सवाल भी उठा रहे हैं। दलगत राजनीति से इतर लोग इतना जरूर जानना चाह रहे हैं कि जब चुनाव कार्यक्रमों के लिए भीड़ को एकत्रित करने की आजादी दी जा सकती है तो फिर छठ के लिए क्यों नहीं! उन्होंने कहा कि यह निर्णय छठ के प्रति आस्था एवं विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला निर्णय है। अफसर केवल कोविड-19 को केंद्र बिंदू में रखकर निर्णय लेते हैं। उन्हें यह भी समझना पड़ेगा कि आस्था के लोक पर्व छठ पूजा में असंख्य लोगों का विश्वास है और ऐसे में इस तरह का निर्णय सही नहीं है।राजेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अविलंब हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से सावधानी ज़रूरी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि किसी को छठ घाट के किनारे पूजा करने से रोका जाये।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि सरकार के इस तुगलकी फरमान से एक बड़े तबके खासकर सनातनी समाज को गहरा आघात लगा है। सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे।