Jharkhand: जेल अफसरों के साथ मिलकर प्रेम प्रकाश ने ED को नुकसान पहुंचाने की रची थी साजिश !
झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जजेल होटवार के जेल सुपरिटेंडेट व जेलर के साथ मिलकर प्रेम प्रकाश ने ED अफसरों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची थी। यह जानकारी ईडी ने हाईकोर्ट में दाखिल अपनी सीलबंद रिपोर्ट में गुरुवार को दी है।
- हाई कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में हुआ खुलासा
- ईडी ने दानिश के मोबाइल से गवाहों को धमकाने से संबंधित साक्ष्य भी किया प्रस्तुत
रांची। झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जजेल होटवार के जेल सुपरिटेंडेट व जेलर के साथ मिलकर प्रेम प्रकाश ने ED अफसरों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची थी। यह जानकारी ईडी ने हाईकोर्ट में दाखिल अपनी सीलबंद रिपोर्ट में गुरुवार को दी है।
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सीलबंद रिपोर्ट में कहा गया कि रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में ईडी अफसरोंको नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गई है। यह साजिश पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश ने जेल के अफसरों के साथ मिलकर रची है।ईडी ने अपनी रिपोर्ट में जांच को प्रभावित करने, ईडी के अफसरों को फंसाने और ईडी के गवाहों को गवाही से मुकरने के लिए दबाव बनाने, उन्हें रुपयों का लालच देने तक की जानकारी व एवीडेंस दिए हैं।
नक्सलियों से संपर्क करने की भी हुई थी कोशिश
ईडी ने हाई कोर्ट को यह भी बताया है कि उनके अधिकारियों की रेकी करने व नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों व क्रिमिनलों तक से संपर्क करने की कोशिश हुई थी। इसमें सेंट्रल जेल के बड़ा बाबू दानिश रिजवान के मोबाइल का भी इस्तेमाल हुआ था, जिसे ईडी ने जब्त किया है। उक्त मोबाइल से ईडी के गवाहों को धमकाया गया था। उन्हें रुपयों का भी लालच दिया गया था कि वे अपनी गवाही से मुकर जाएं।
ईडी अफसरों को झूठे केस में फंसाने की थी तैयारी
ईडी ने कोर्ट को अपनी रिपोर्ट के माध्यम से यह भी बताया है कि जेल में सीसीटीवी फुटेज को भी नष्ट किया जा रहा था, ताकि साजिश से संबंधित कोई एवीडेंस न रह पाए। ईडी अफसरों को झूठे केस में फंसाने के लिए भी प्लान बन रहा था। प्रेम प्रकाश जेल से ही अपना सिंडिकेट चला रहा था। वह जेल के बाहर के अपने सहयोगियों के माध्यम से ईडी अफसरों को एससी-एसटी केस में फंसाने के लिए FIR दर्ज कराने की तैयारी कर रहा था।
कैदियों द्वारा ईडी के लिए लिखे पत्रों को मैनेजमेंट ने दबाया
ईडी ने कोर्ट में दाखिल सीलबंद रिपोर्ट में बताया है कि सेंट्रल जेल में बंद कुछ कैदियों ने ईडी को सचेत करने के लिए पत्र लिखा था।जेल प्रशासन ने पत्र भेजने के बजाए उसे जेल में ही दबा दिया और अपने रजिस्टर में उसे डिस्पैच दिखाया। ईडी ने तीन नवंबर को जब जेल में रेड की तो वे पत्र वहां पड़े मिले। बंदियों के लिखे ऐसे कई पत्र मिले थे, जिसे बाहर भेजने के बताए जेल प्रबंधन ने जेल में ही दबा दिया था।