झारखंड: स्टेट गवर्नमेंट ने E-pass जारी करने की प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव, अब इस प्रक्रिया से गुजरना होगा

झारखंड में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 22 अप्रैल से जारी लॉकडाउन में घर से निकलने के लिए ई-पास अनिवार्य है। स्टेट गवर्नमेंट ने ई-पास जारी करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब ई-पास पोर्टल में वेरीफिकेशन का ऑप्शन डाला गया है। 

झारखंड: स्टेट गवर्नमेंट ने E-pass जारी करने की प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव, अब इस प्रक्रिया से गुजरना होगा

रांची। झारखंड में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 22 अप्रैल से जारी लॉकडाउन में घर से निकलने के लिए ई-पास अनिवार्य है। स्टेट गवर्नमेंट ने ई-पास जारी करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब ई-पास पोर्टल में वेरीफिकेशन का ऑप्शन डाला गया है। 
ई-पास के लिए अगर आप अपने मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन कराते हैं, तो आपके पास ओटीपी आयेगा। आपके मोबाइल नंबर पर आने वाले ओटीपी से वेरिफिकेशन के बाद ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होगा। अब कोई दूसरा व्यक्ति आपके मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकेगा। अब तक ई-पास पोर्टल में वेरिफिकेशन की सुविधा नहीं थी। 

झारखंड ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को लगातार ऐसी शिकायते मिल रही थी कि किसी के मोबाइल नंबर का कोई दूसरा इस्तेमाल कर पास बना ले रहा था। अभी तक ई-पास में वेरिफिकेशन की सुविधा नहीं थी। अब सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से इसमें बदलाव किया गया है। झारखंड में कुल चार तरह के ई-पास जारी किये जा रहे थे। इसमें झारखंड से बाहर जाने के लिए, झारखंड के अंदर एक जिला से दूसरे जिला जाने के लिए, जिला के अंदर मूवमेंट के लिए और राज्य के बाहर से झारखंड आने के लिए। अब इनमें से जिला के अंदर मूवमेंट के लिए ई-पास बनाने पर ओटीपी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अन्य तीनों केटोगरी में अब ओटीपी यानि मोबाइल वेरिफिकेशन के बाद ही ई-पास बनेगा। 

चार तरह के होंगे ई-पास

झारखंड से बाहर जाने के लिए
झारखंड के अंदर एक जिला से दूसरे जिला जाने के लिए
जिला के अंदर मूवमेंट के लिए
राज्य के बाहर से झारखंड आने के लिए 
ई-पास बनाने के लिए ऐसे करें आवेदन
अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कराना होगा।
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पासवर्ड जेनरेट करना होगा।
पासवर्ड में एक कैपिटल लेटर, एक स्माल लेटर, एक न्यूमेरिक नंबर (0–9) और एक स्पेशल कैरेक्टर रखना जरूरी होगा।
पासवर्ड कंफर्म होने के बाद झारखंड सरकार का डैशबोर्ड आयेगा
यहां फोन नंबर, पासवर्ड डालने के बाद पसर्नल जानकारी देने का ऑप्शन ओपन हो जायेगा
पसर्नल इनफार्मेशन और डॉक्यूमेंट जमा करने के ऑप्शन में पूरी जानकारी देनी होगी
डॉक्यूमेंट के लिए वोटर आइडी कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस का ऑप्शन है।
यूजर्स जो भी डॉक्यूमेंट सब्मिट करते हैं, उसका आइडी नंबर और एक फोटो (250 केबी, जेपीजी फॉर्मेट) में होना चाहिए।
पर्सनल इनफार्मेशन देने के बाद ई-पास का ऑप्शन आयेगा और फिर निर्गत होगा पास। 
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन में जो मोबाइल नंबर डाला जायेगा उसका अब वेरिफिकेशन होगा। उसके बाद ही ई-पास बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। ओटीपी से बाहर केवल अपने शहर में मूवमेंट वाले केटोगरी को रखा गया है। अन्य तीनों केटोगरी में ओटीपी अनिवार्य कर दिया गया है। ई-पास के दौरान जो भी पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन नंबर या वोटर आइकार्ड में से कोई भी एक दस्तावेज डालते हैं, तो वह उस दस्तावेज की ऑरिजनल कॉपी और वह मोबाइल नंबर सफर में आपके साथ होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर केस करने का प्रावधान है।