Jharkhand: लॉरेंस विश्नोई व अमन साहू के करीबी सुनील मीणा को अजरबैजान से रांची लाया गया
अजरबैजान से डिपोर्ट कर झारखंड पुलिस ने लॉरेंस विश्नोई और अमन साहू गैंग के करीबी सुनील मीणा को रांची लाया। कई आपराधिक मामलों में आरोपी, गैंग नेटवर्क पर हो सकते हैं बड़े खुलासे।

- कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगेगी एटीएस
- मीणा को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी एटीएस
रांची। झारखंड पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। लॉरेंस विश्नोई व अमन साहू ( अब मृत) गैंग के करीबी सहयोगी सुनील मीणा को अजरबैजान से पकड़कर शनिवार (23 अगस्त रांची लाया गया है। सुनील मीणा लंबे समय से विदेश में छिपा हुआ था। वहीं से आपराधिक गतिविधियों को संचालित कर रहा था।
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झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में एक टीम उसे अज़रबैजान से रांची लेकर आयी है। एयरपोर्ट से सुनील मीणा को एटीएस हे़डक्वार्टर ले जाया गया। कोर्ट में पेश करने के बाद मीणा को रिमांड पर लेकर पूछताछ किया जायेगा। सुनील मीणा पर कई गंभीर मामलों में संलिप्त होने के आरोप हैं, जिनमें हत्या, रंगदारी और गैंग ऑपरेशन शामिल हैं। झारखंड पुलिस टीम ने विदेश मंत्रालय और इंटरपोल की मदद से उसे अजरबैजान से डिपोर्ट कराया।
झारखंड पुलिस का कहना है कि सुनील मीणा से पूछताछ में गैंग की नेटवर्किंग और अपराधियों की मौजूदगी को लेकर कई अहम खुलासे हो सकते हैं। माना जा रहा है कि उसके जरिए लॉरेंस विश्नोई और अमन साहू गैंग के फाइनेंस और ऑपरेशन से जुड़े राज भी सामने आयेंगे।
झारखंड के विभिन्न जिलों में दर्ज हैं 48 मामले
सुनील मीणा पर झारखंड के विभिन्न जिलों में कुल 48 मामले दर्ज हैं। इनमें से सबसे अधिक मामले हजारीबाग में हैं, जहां बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा और हजारीबाग सदर पुलिस स्टेशन शामिल हैं। हजारीबाग जिले में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह जिले में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
संपत नेहरा के जरिये लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का रहने वाला मीणा, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सबसे विश्वसनीय सदस्यों में से एक माना जाता है। उसके खिलाफ रायपुर और राजस्थान में भी मामले दर्ज हैं। सुनील मीणा ने मलेशिया में काम करना शुरू किया, जहां वह रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के जरिये लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया। उसने मलेशिया से ही अपनी आपराधिक गतिविधियां शुरू कर दीं। आरोप है कि उसने लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर राजस्थान और पंजाब में मर्डर, जबरन वसूली और गोलीबारी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया।
एटीएस के एक्शन से प्रत्यर्पण संभव
झारखंड एटीएस की लंबी और सुनियोजित कार्रवाई के कारण ही सुनील मीणा का प्रत्यर्पण संभव हो पाया है। रामगढ़ के पतरातू (भदानीनगर) पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले (कांड संख्या 175/22) में जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर सुनील मीणा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। इसी नोटिस के आधार पर उसे 29 अक्टूबर 2024 को अजरबैजान में कस्टडी में लिया गया। इसके बाद अजरबैजान ने भारत से प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक दस्तावेज मांगे। झारखंड एटीएस ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से ये दस्तावेज उपलब्ध कराये। जिसके आधार पर अजरबैजान की राजधानी बाकू के एक आपराधिक न्यायालय में सुनील मीणा के खिलाफ मुकदमा चला। 27 जनवरी 2025 को अदालत ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी।