झारखंड: हेमंत कैबिनेट से हटायें जायेंगें कांग्रेस कोटे के दो-तीन मिनिस्टर, सोनिया गांधी तक पहुंची रिपोर्ट
झारखंड हेमंत सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के चार मिनिस्टर्स में से दो से तीन मिनिस्टर की कुर्सी खतरे में हैं। इसकी पहल शुरू हो गई है। एक-एक कर मिनिस्टर्स को हटाने के फार्मूले पर काम शुरू होगा।
- रामेश्वर, बन्ना व बादल की भूमिका संदेह के घेरे में
- आलमगीर आलम की कुर्सी सुरक्षित
रांची। झारखंड हेमंत सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के चार मिनिस्टर्स में से दो से तीन मिनिस्टर की कुर्सी खतरे में हैं। इसकी पहल शुरू हो गई है। एक-एक कर मिनिस्टर्स को हटाने के फार्मूले पर काम शुरू होगा।
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आलमगीर आलम का मिनिस्टर पोस्ट सुरक्षित
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने झारखंड कांग्रेस की गतिविधियों की पूरी रिपोर्ट कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट यह भी बताया है कि शुरू से लेकर अभी तक की गतिविधियों में कहीं ना कहीं कांग्रेस कोटे के मिनिस्टर्स की भी भूमिका रही है। इन मिनिस्टर्स पर यह भी आरोप लगता रहा है कि उन्होंने संगठन की मजबूती और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए बेहतर प्रयास नहीं किये। यही मिनिस्टरों के हटाने का बड़ा आधार हो सकता है।
हालांकि इस पूरे घटना क्रम में आलमगीर आलम काफी हद तक सुरक्षित माने जा रहे हैं। संगठन से उनकी नजदीकी और कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप काम करने की कोशिश को इसके लिए आधार माना जा रहा है। अन्य मिनिस्टर्स से कार्यकर्ताओं को शिकायत लंबे समय से है। मिनिस्टर्स पर कार्रवाई ताजा घटनाक्रम के आधार पर कार्रवाई किये जाने को माना जा रहा है। पिछले दिनों नई दिल्ली में कांग्रेस कोटे के मिनिस्टर्स की एक साथ मौजूदगी को संदेहास्पद माना जा रहा है। इसी दौरान विभिन्न माध्यमों से तख्ता पलट की कोशिश किये जाने की बातों को कार्रवाई के लिए आधार माना जा रहा है।
जानकार सोर्सेज का कहना है कि मिनिस्टर रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता व बादल पत्रलेख की कार्यशैली से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग नाराज है। तीनों की हालिया गतिविधियां भी संदिग्ध मिली है। तीनों के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा भी अलाकमान तक पहुंचायी गयी है।