झारखंड: योगेंद्र साव आयेंगे जेल से बाहर, हाई कोर्ट से मिली बेल
झारखंड हाई कोर्ट से एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव और निर्मला देवी को जस्टिस राजेश कुमार की कोर्ट ने बेल दे दी है। यह जानकारी प्रार्थियों के एडवोकेट मनीष कुमार ने दी। इस बेल के साथ ही अब योगेंद्र साव को जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट से एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव और निर्मला देवी को जस्टिस राजेश कुमार की कोर्ट ने बेल दे दी है। यह जानकारी प्रार्थियों के एडवोकेट मनीष कुमार ने दी। इस बेल के साथ ही अब योगेंद्र साव को जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
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चिरुडीह गोली कांड में योगेंद्र साव को बेल मिलने के बाद चिरुडीह से ही जुड़े एक अन्य मामले में उनकी बेल नही हुई थी। इसके कारण योगेंद्र साव जेल से नहीं निकल सके थे। वही उनकी वाइफ निर्मला देवी को अभी बाहर निकलने के लिए इंतजार करना होगा। लेकिन चिरूडीह गोलीकांड में उन्हें बले नहीं मिलने की वजह से उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। एनटीपीसी के माइनिंग के विरोध में आंदोलन के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट के मामले में लोअर कोर्ट ने योगेंद्र साव और निर्मला देवी को छह-छह माह की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ इनकी ओर से अपील दाखिल कर बेलकंफर्म करने की गुहार लगाई गई थी।दोनों लंब समय से जेल में बंद हैं।
योगेंद्र साव पर दो दर्जन मामले
कि बड़कागांव में एनटीपीसी की ओर से खनन के लिए जमीन अधिग्रहण करने और माइनिंग को लेकर योगेंद्र साव और निर्मला देवी के नेतृत्व में ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस और प्रशासन के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस मामले में योगेंद्र साव पर दो दर्जन से अधिक मामले में दर्ज किए गए थे। इनमें से 11 मामलों में योगेंद्र साव बरी हो चुके थे। दो में सजा हुई है। इससे पहले एक मामले में योगेंद्र साव और निर्मला देवी को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई गई है।
वर्ष 2019 से ही जेल में हैं योगेंद्र साव
सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल 2019 को बेल की शर्तों का उल्लंघन करने पर योगेंद्र साव की बेल कैंसिल कर दी थी। हजारीबाग के सभी मामलों को सुनवाई के लिए रांची की लोअर कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। योगेंद्र ने 15 अप्रैल 2019 को सरेंडर किया था, तभी से वह जेल में हैं।