जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाला मामला: CBI ने लालू-राबड़ी समेत 14 के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

सीबीआइ ने एक्स रेल मिनिस्टर लालू प्रसाद, उनकी वाइफ राबड़ी देवी व 14 अन्य के खिलाफ जमीन के बदले रेलवे में नौकरी प्रकरण में चार्जशीट दाखिल किया है। लालू की बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और रेलवे के एक एक्स जीएम सौम्या राघवन लालू प्रसाद समेत अन्य पर चार्जशीट किया गया है।

जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाला मामला: CBI ने लालू-राबड़ी समेत 14 के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

पटना। सीबीआइ ने एक्स रेल मिनिस्टर लालू प्रसाद, उनकी वाइफ राबड़ी देवी व 14 अन्य के खिलाफ जमीन के बदले रेलवे में नौकरी प्रकरण में चार्जशीट दाखिल किया है। लालू की बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और रेलवे के एक एक्स जीएम सौम्या राघवन लालू प्रसाद समेत अन्य पर चार्जशीट किया गया है।

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लालू पर आरोप है कि उन्होंने रेल मिनिस्टर के रूप में रहते हुए काफी लोगों से जमीन लेकर बदले में उन्हें रेलवे में ग्रुप- डी में नौकरियां दी। सीबीआइ ने दिल्ली की राउज कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। सीबीआइ की उक्त कार्रवाई के बाद बिहार के एक्स सीएम व आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
रेलवे के ग्रुप D में नौकरी देने का मामला काफी पुराना है। लालू प्रसाद 2004 से 2009 के दौरान सेंट्रल की UPA गवर्नमेंट में रेल मिनिस्टर रहे। उन पर आरोप है कि पद पर रहते हुए उन्होंने बिहार में बड़ी संख्या में लोगों को रेलवे में नौकरी देने का प्रलोभन दिया। बदले में उनसे जमीन ली। सीबीआइ ने एक वर्ष पहले 23 सितंबर को इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की। ठोस एवीडेंस मिलने के बाद सीबीआइ ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की। सीबीआइ ने आरोप प्रमाणित होने के बाद इसी वर्ष 20 मई को लालू के पटना स्थित आवास के साथ ही देश के अलग-अलग 17 ठिकानों पर रेड मारे। लालू के साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्री मीसा भारती, हेमा यादव एवं जमीन देकर नौकरी लेने वाले कुछ अन्य लोगों पर केस दर्ज किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को कैस पमेंट कर अधिग्रहित की थी।

सीबीआई  ने 23 सितंबर, 2021 को रेलवे में कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। इसे 18 मई को एक प्राथमिकी में बदल दिया गया था। एजेंसी के अनुसार, उम्मीदवारों को कथित तौर पर रेलवे अधिकारियों द्वारा जल्दीबाजी में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर नौकरी दी गई। इन्हें  ग्रुप-D स्तर के पदों पर विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया।  बाद में नौकरी लेने वालों ने ने स्वयं या उनके परिवार के सदस्यों ने आरोपियों को अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी थी।
सीबीआई का आरोप है कि यह हस्तांतरण राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में लगभग 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को कैश पेमेंट कर अधिग्रहित की थी। इनमें 12 वे आरोपी हैं जिन्होंने जमीन देकर नौकरी पाई। इनमें से अधिकांश बेल पर हैं। इन आवेदकों को आवेदन देने के 3 दिनों के भीतर विकल्प के रूप में बहाल किया गया था।  बाद में उनकी सेवा नियमित कर दी गई थी।
कब-कब क्या हुआ
18 मई 22- सीबीआई ने 16 नामजद समेत अन्य अज्ञात पर मामला दर्ज किया
20 मई 22- बिहार और दिल्ली के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई
27 जुलाई 22- पूर्व विधायक भोला यादव व रेलकर्मी ह्दयानंद चौधरी गिरफ्तार
27 जुलाई 22- भोला यादव के पटना व दरभंगा के आवास पर सीबीआई का छापा
24 अगस्त 22- राजद नेताओं के बिहार, दिल्ली व गुरुग्राम के 25 ठिकानों पर छापा
7 अक्टूबर 22- सीबीआई ने लालू, राबड़ी, मीसा और हेमा समेत 14 के खिलाफ चार्जशीट दायर की
रेलवे भर्ती घोटाला
लालू प्रसाद के वर्ष 2004-2009 के रेल मंत्री के कार्यकाल में बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में चतुर्थवर्गीय पद पर नौकरी दी गई। नौकरी देने के बदले उनके या परिवार के सदस्यों से जमीन लिखवाई गई। ये जमीन राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर पांच सेल डीड और दो गिफ्ट डीड के जरिए हस्तांतरित की गई। जमीन का कुल रकवा 1,05,292 वर्गफूट है। सर्किल रेट के हिसाब से अभी इसकी कीमत 4,39,80,650 रुपए है। आरोप है कि जमीन देनेवालों को बदले में रेलवे के अलग-अलग जोन में नौकरी दी गई
भोला यादव को सीबीआइ ने किया था अरेस्ट

इसी मामले में आरजेडी सुप्रीमो के आफिसर आन स्पेश ड्यूटी (ओएसडी) रहे भोला यादव को जुलाई में सीबीआइ ने अरेस्ट किया था। भोला 2005 से 2009 तक तत्कालीन रेल मिनिस्टर लालू के ओएसडी थे। सीबीआइ  ने पटना से लेकर दरभंगा तक के भोला के ठिकानों पर छापे मारे थे। उनपर आरोप है कि पटना में कुछ संपत्तियों के मालिकों तथा उनके परिवार के सदस्यों को रेलवे में नौकरी देने के बदले में उनकी संपत्तियों को पूर्व मंत्री के परिवार के सदस्यों को बेच दिया गया या भेंट के तौर पर दिया गया था। मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर एवं हाजीपुर के रेलवे जोन में नौकरी पाने वाले 12 लोगों के अलावा राजद सुप्रीमो, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को इस मामले में नामजद किया है।
जिन लोगों से लिखवाई गई जमीन
सीबीआई के एफआईआर के अनुसार, राजकुमार, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को नौकरी देने के नाम पर किशुन देव राय और उनकी पत्नी सोनमतिया देवी से छह फरवरी 2008 को महुआबाग की 3375 वर्गफुट जमीन राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर कराई गई। जमीन की कीमत 3.75 लाख दिखाई गई है। इसके एवज में तीनों को सेंट्रल रेलवे, मुबंई में नौकरी मिली। संजय राय, धर्मेद्र राय, रवींद्र राय ने अपने पिता कामेश्वर राय की महुआबाग की 3375 वर्गफुट जमीन छह फरवरी 2008 को राबड़ी देवी के नाम पर रजिस्ट्री की। इसके एवज में इन्हें सेंट्रल रेलवे, मुंबई में ग्रुप-डी में नौकरी मिली। इसी तरह किरण देवी नाम की महिला ने 28 फरवरी 2007 को बिहटा की अपनी 80905 वर्गफुट (एक एकड़ 85 डिसमिल) जमीन लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती के नाम कर दी। इस जमीन के एवज में किरण देवी को 3.70 लाख रुपए और उनके पुत्र अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे मुंबई में नौकरी दी गई।

हजारी राय ने महुआबाग की अपनी 9527 वर्गफुट जमीन 10.83 लाख रुपए लेकर मेसर्स एके इंफोसिस के नाम लिख दी। इसके बदले में हजारी राय के दो भांजे दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार में से एक को पश्चिम सेंट्रल रेलवे, जबलपुर और दूसरे को पूर्वोत्तर रेलवे कोलकाता में नौकरी दी गई। सीबीआई की जांच में पाया गया कि इस कंपनी की सारी संपत्ति पूरे अधिकार के साथ वर्ष 2014 में लालू प्रसाद की बेटी और पत्नी को हस्तांतरित किए गए। वहीं, लाल बाबू राय ने महुआबाग की अपनी 1360 वर्गफुट जमीन 23 मई 2015 को राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर की। इसके एवज में लाल बाबू को 13 लाख रुपए मिले। इसके पहले ही उनके पुत्र लालचंद कुमार को 2006 में उत्तर-पश्चिम रेलवे, जयपुर में नौकरी लग गई थी।
ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफुट जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख लेकर ट्रांसफर की। बाद में यह जमीन हृदयानंद चौधरी ने लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव के नाम कर दी। जमीन जब तोहफे में दी गई उस वक्त सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था। हृदयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में साल 2005 में ही नौकरी मिल गई थी। विशुन देव राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफीट जमीन 29 मार्च 2008 को सीवान के रहनेवाले ललन चौधरी के नाम ट्रांसफर की. ललन चौधरी ने यह जमीन हेमा यादव को 28 फरवरी 2014 को उपहार में दे दी। सीबीआई के मुताबिक इस तोहफे के बदले में विशुन देव राय के पोते पिंटू कुमार को पश्चिम रेलवे, मुंबई में नौकरी दी गई।