NIA ने टेरर फंडिंग केस में 25 लाख इनामी नक्सली सुनील सोरेन समेत चार के खिलाफ supplementary charge sheet किया दाखिल
एनआइए ने Terror Funding Case में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के एक्स स्टाफ मनोज कुमार यादव उर्फ मनोज कुमार सहित चार माओवादियों के खिलाफ supplementary charge sheet दाखिल किया है।
रांची। एनआइए ने Terror Funding Case में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के एक्स स्टाफ मनोज कुमार यादव उर्फ मनोज कुमार सहित चार माओवादियों के खिलाफ supplementary charge sheet दाखिल किया है। स्टेट में टेरर फंडिंग के मामलों का जांच कर रही है एनआइए ने सोमवार को रांची एनआइए की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया।
15 लाख का इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा है फरार
मनोज कुमार के अलावा कृष्णा दा उर्फ कृष्णा हांसदा उर्फ कृष्णा मांझी उर्फ अविनाश दा उर्फ सौरभ दा उर्फ आंनद, सुनील मांझी उर्फ सुनील मुर्मू उर्फ सुनील सोरेन उर्फ चोपा सोरेन और मनोज कुमार चौधरी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है। चारों आरोपित गिरिडीह के रहने वाले हैं। इनमें से कृष्णा हांसदा फरार है। अन्य तीनों को पहले एनआइए अरेस्ट कर चुकी है। फरार कृष्णा हांसदा सीपीआइ (माओवादी) का रीजनल कमेटी सदस्य है। झारखंड सरकार ने कृष्णा पर 15 लाख रुपये का इनाम रखा है।
एनआइए की स्पेशल कोर्ट में दाखिल पूरक आरोप पत्र में एनआइए ने कहा है कि गिरिडीह जिले के डुमरी पुलिस स्टेशन एरिया से वर्ष 2018 की 21 जनवरी को मनोज कुमार को छह लाख रुपये व संदिग्ध दस्तावेज के साथ अरेस्ट किया गया था। इस मामले में डुमरी पुलिस स्टेशन में 22 जनवरी को एफआइआर दर्ज की गई थी। तब झारखंड पुलिस को छानबीन में पता चला था कि मनोज कुमार के पास से बरामद रुपये कंट्रेक्टरों से माओवादियों के नाम पर उठाये गये थे। मनोज ने स्वीकारा था कि वह माओवादियों का रीजनल कमेटी सदस्य कृष्णा दा उर्फ कृष्णा हांसदा उर्फ अविनाश दा के लिए लेवी वसूलता है। डुमरी पुलिस स्टेशन के इस केस को टेकओवर करते हुए एनआइए ने वर्ष 2018 की 21 जुलाई को अपने यहां केस रजिस्टर्ड किया था।
एनआइए के अब तक के जांच
एनआइए जांच में यह खुलासा हुआ कि मनोज कुमार रामकृपाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का स्टाफ था। मनोज का मूल काम माओवादियों व ठेकेदारों के बीच मध्यस्थ का काम करना था। वह माओवादियों के रीजनल कमांडर कृष्णा दा के लिए कंट्रेक्टरों से लेवी वसूलता था। वह माओवादियों का सहायक ग्राउंड वर्कर था। वह लेवी के रुपये लेकर माओवादियों के रीजनल कमांडर कृष्णा हांसदा के पास जा रहा था लेकिन पकड़ा गया। जांच में यह बात सामने आयी कि मनोज कुमार के पास से मिले छह लाख रूपये आरके कंस्ट्रक्शन की थी।
जांच के दौरान एक अन्य रीजनल कमेटी सदस्य 15 लाख रुपये का इनामी सुनील मांझी गिरफ्तार किया गया। छानबीन में पता चला कि कृष्णा हांसदा, सुनील मांझी तथा उनके सहयोगी लेवी के रुपयों से आर्म्स, कारतूस तथा विस्फोटक खरीदते रहे हैं । इसी राशि से अपने संगठन का विस्तार तथा नये कैडर को बहाल करते रहे हैं। इसके बल पर ही वे सुरक्षा बल पर हमला करते हैं, आतंकी गतिविधियां चलाते हैं। इसके माध्यम से ही लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, निर्दोष को भी मारते हैं। यह भी जानकारी मिली कि एक अन्य आरोपित मनोज कुमार चौधरी भी सीपीआइ माओवादियों का सदस्य है और सीनियर कैडर तक लेवी के रुपयों को पहुंचाता है। इस मामले में एनआइए का अनुसंधान अभी जारी है।