नई दिल्ली: सत्ताधारी दल से मिल जाती है पुलिस, देश में स्थिति दुखद: CJI
सुप्रीम कोर्ट ने राजनेताओं और नौकरशाहों खासकर पुलिस अफसरों के बीच नेक्सस को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एक बार उसने यह सोचा था कि हाईकोर्ट के चफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक स्टैंडिंग कमेटी बनाई जाए जो इस तरह की कंपलेन की जांच करे।
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजनेताओं और नौकरशाहों खासकर पुलिस अफसरों के बीच नेक्सस को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एक बार उसने यह सोचा था कि हाईकोर्ट के चफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक स्टैंडिंग कमेटी बनाई जाए जो इस तरह की कंपलेन की जांच करे।
चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने कहा 'मुझे आपत्ति है कि कैसे ब्यूरोक्रेसी खासकर कैसे पुलिस अधिकारी इस देश में व्यवहार कर रहे हैं।'एक बार मैं सोच रहा था एक स्टैंडिंग कमेटी बनाने की ताकि वो ब्यूरोक्रेट्स खासकर पुलिस अफसरों के खिलाफ आने वाली इस तरह की कंपलेन की जांच कर सके। इस कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस करते। अब मैं इसे सुरक्षित रखता हूं...मैं इसे अभी नहीं करना चाहता।
चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब वो उस बेंच की अध्यक्षता कर रहे थे जो तीन अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। इसमें सीनियर आईपीएस अफसर गुरजिंदर पाल सिंह की तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। स्टेट गवर्नमेंट ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, रंगदारी और विद्रोह के मामले दर्ज किया है। सीनियर आइपीएस अफसर ने सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है।याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा,' देश में स्थिति दुखद है। जब कोई राजनीतिक दल सत्ता में होता है तो पुलिस अफसर एक विशेष दल के साथ होते हैं। फिर जब कोई नई पार्टी सत्ता में आती है तो सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है। यह एक नया चलन है, जिसे रोकने की जरूरत है।
एडीजी गुरजिंद पाल सिंह के खिलाफ जबरन वसूली के एक मामले के संबंध में सीजेआई ने इससे पहले अपनी टिपप्णी में कहा था, 'आपने पैसा ऐठना शुरू कर दिया है क्योंकि आप गवर्नमेंट के करीबी हैं। यही होता है यदि आप सरकार के करीबी हैं और इस प्रकार की चीजें करते हैं, तो आपको एक दिन वापस भुगतान करना होगा, ठीक ऐसा ही हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि गुरजिंदर पाल सिंह 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं। छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में गुरजिंदर पाल सिंह को सस्पेंड किया हुआ है। सस्पेंडेड ADG के खिलाफ IPC की की सेक्शन 124 A के तहत राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज हैं। इसी को लेकर उन्होंने दो याचिकाएं दाखिल की हैं। एक में राजद्रोह के मामले को रद्द करने की मांग है। दूसरी में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग है।