पटना: एक्स एमपी पप्पू यादव अरेस्ट, मांझी ने जतायी नाराजगी
राजधानी पटना की पुलिस ने जन अधिकार पार्टी के संरक्षक व एक्स एमपी राजेश रंजन यादव उर्फ पप्पू यादव को अरेस्ट कर लिया है। पप्पू ने खुद ट्वीट कर बताया है कि उन्हें अरेस्ट कर गांधी मैदान पुलिस स्टेशन में रखा गया है। हालांकि पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा और एएसपी स्वर्ण प्रभात का कहना है कि उन्हें कस्टडी में लिया गया है।

पटना। राजधानी पटना की पुलिस ने जन अधिकार पार्टी के संरक्षक व एक्स एमपी राजेश रंजन यादव उर्फ पप्पू यादव को अरेस्ट कर लिया है। पप्पू ने खुद ट्वीट कर बताया है कि उन्हें अरेस्ट कर गांधी मैदान पुलिस स्टेशन में रखा गया है। हालांकि पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा और एएसपी स्वर्ण प्रभात का कहना है कि उन्हें कस्टडी में लिया गया है। सोशल मीडिया पर पप्पू को कस्टडी में लिये जाने का जमकर विरोध हो रहा है।
बताया जाता है कि पप्पू को अरेस्ट करने के लिए मधेपुरा की पुलिस पटना आ रही है। उन्हें मधेपुरा के ही किसी मामले में अरेस्ट किये जाने की संभावना जाहिर की जा रही है। हालांकि पटना पुलिस ने उन्हें इधर, उनके समर्थक गांधी मैदान पुलिस स्टेशन के सामने धरने पर बैठ गये हैं।
बीजेपी एमपी के साथ एंबुलेंस मामले में हुआ था विवाद
पप्पू यादव ने पिछले दिनों सारण से बीजेपी एमपी राजीव प्रताप रूडी की एमपी फंड से खरीदी गई 30 से 40 एंबुलेंस के बेकार पड़े रहने का मसला उठाया था। इस प्रकरण पर दोनों नेताओं के बीच काफी बयानबाजी भी हुई थी। इस मामले में भी पप्पू के खिलाफ दो एफआइ्आर भी दर्ज की गई हैं। उनके खिलाफहाल के दिनों में कोविड हॉस्पीटल में अनधिकृत प्रवेश को लेकर कई जगहों पर भी एफआइआर दर्ज हुई है।पटना के मंदिरी स्थित आवास से एक्स एमपी को हिरासत में लेने के लिए पांच थानों की पुलिस को लगाया गया था। यह इलाका बुद्धा कॉलोनी पुलिस स्टेशन एरिया में पड़ता है। पुलिस मंगलवार की सुबह से ही उनके आवास के बाहर जुटने लगी थी। उन्हें लेकर पुलिस गांधी मैदान पुलिस स्टेशन में पहुंच गई है। पप्पू यादव अपनी ही गाड़ी में सवार होकर पुलिस स्टेशन तक पहुंचे, लेकिन उनके साथ पटना पुलिस की गाडि़यां भी थीं।
पप्पू यादव ने थोड़ी ही देर पहले ट्वीट कर खुद को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि उन्हें गिरफ्तार कर गांधी मैदान थाने में ले जाया गया है। अभी यह सामने नहीं आया है कि उन्हें किस मामले में हिरासत में लिया गया है।
उठाता रहूंगा आवाज, चाहे दे दो फांसी
एक्स एमपी ने एक और ट्वीट कर कहा है कि उन्हें कोरोना काल में जिंदगियां बचाने की सजा दी जा रही है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा है कि वे अपना मिशन बंद नहीं करेंगे, भले सरकार उन्हें फांसी दे दे। उन्होंने कहा है कि खुद की जान को हथेली पर रखकर वे कोरोना के पेसेंट के बीच जाकर उनकी मदद की है।
तीन बार हिदायत के बावजूद पहुंचे पीएमसीएच कोविड वार्ड
पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पप्पू यादव लगातार बिना पास के घूम रहे थे। जबकि उन्हें हिदायत दी गई थी कि वे बिना किसी ठोस वजह के घर से बाहर ना निकलें। पुलिस को मंगलवार को सूचना मिली कि वह कोविड गाइडलाइन का उलंघन करते हुए पीएमसीएच के कोविड वार्ड में पहुंच गये हैं। पुलिस के पास फोन आया कि उनकी वजह से पेसेंट को इलाज से परेशानी हो रही है। इसके बाद पुलिस ने उन्हें कस्टडी में ले लिया।
आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर बना रहे थे रणनीति
पप्पू यादव कोरोना काल में लगातार हॉस्पीटल में घूमकर जरूरतदों की मदद करने में जुटे थे। वे कभी शमशान घाट और अलग अलग जिलों में घूम रहे थे। उन्होंने छपरा पहुंच कर एमपी के आवास से 30 से अधिक एंबुलेंस को ढक कर रखे जाने का मामला उजागर किया था। इसके बाद पुलिस उन्हें हिदायत दी थी कि बिना पास या बेवजह बाहर ना निकलें। मंगलवार को जब पुलिस उनके आवास पर पहुंची तो वे कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर रणनीति बना रहे थे।न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, टाउन डीएसपी ने कहा कि पप्पू यादव को लॉकडाउन के उल्लंघन के जुर्म में कस्टडी में लिया गया है।टाउन डीएसपी सुरेश प्रसाद ने कहा कि पप्पू यादव बिना परमिट लिए गाड़ी से घूम रहे थे। इसके कारण उन्हें कस्टडी में लिया गया है।
पप्पू यादव को कस्टडी में लिये जाने मांझी नाराज
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव को कस्टडी में विये गये जाने से बिहार में नीतीश कुमार सरकार के सहयोगी पार्टी हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी नाराज हो गये हैं।
मानवता के लिए खतरनाक घटना
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर मंगलवार को ट्वीट करके कहा कि कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे। उसकी एवज में उसे गिरफ्तार की जाए, ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है। ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जांच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाजमी है।