सीतामढ़ी: बैरगनिया के चर्चित राकेश झा मर्डर केस का मेन शूटर अमन पराशर उर्फ राणा अरेस्ट
सीतामढ़ी पुलिस ने बैरगनिया में बजरंग दल कार्यकर्ता राकेश झा मर्डर केस में मेन शूटर अमन पराशर उर्फ राणा को अरेस्ट कर लिया है। शातिर राणा लगभग एक दर्जन क्रिमिनल केस का आरोपी है। पुलिस ने राणा को पटना के एक कमरे से दबोचा है। पुलिस ने फिल्मी अंदाज में निहत्थे राणा को आसानी से पकड़ लिया। अजय सिंह का पुत्र अमन पराशर उर्फ राणा राकेश झा के गांव का ही रहने वाला है।
- पांच साल में दो मर्डर समेत 12 वारदातों में आया गैंग का नाम
सीतामढ़ी। पुलिस ने बैरगनिया में बजरंग दल कार्यकर्ता राकेश झा मर्डर केस में मेन शूटर अमन पराशर उर्फ राणा को अरेस्ट कर लिया है। शातिर राणा लगभग एक दर्जन क्रिमिनल केस का आरोपी है। पुलिस ने राणा को पटना के एक कमरे से दबोचा है। पुलिस ने फिल्मी अंदाज में निहत्थे राणा को आसानी से पकड़ लिया। अजय सिंह का पुत्र अमन पराशर उर्फ राणा राकेश झा के गांव का ही रहने वाला है।
दिल्ली, यूपी समेत कई टाउन से 50 करोड़ की चोरी करने वाले दो कुख्यात मोतिहारी में अरेस्ट
एसपी हरि किशोर राय ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शातिर क्रिमिनल राणा की गिरफ्तारी व उसकी करतूतों के बारे में मीडिया से जानकारी दी। हालांकि, एसपी ने यह नहीं बताया कि उसको कैसे अरेस्ट किया गया। बैरगनिया रेलवे स्टेशन के पूर्वी रेल फाटक के समीप छह मार्च की शाम पचटकी यदू गांव निवासी राकेश झा को गोलियों से भून दिया गया था। खदेड़ते हुए ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं। इस दौरान राकेश ने गिरते-पड़ते भागकर राज होटल में छुपने की कोशिश की मगर क्रिमिनल वहां भी पहुंचकर फायरिग करने लगे। जिससे मौत हो गई।
एसपी ने बताया कि राकेश झा व राणा के बीच आपसी रंजिश थी। राणा की मर्डर की साजिश में राकेश झा भी शामिल थे जिसके खुन्नस में राणा ने राकेश को मौत के घाट उतारा। एसपी ने बताया कि राणा ने ही 12 अप्रैल को फर्नीचर दुकानदार जितेंद्र कुमार पिता वैद्यनाथ शर्मा गांव हसीमा वार्ड नंबर-दो से पंपलेट के माध्यम से 10 लाख रुपये मांगा था। सीमेंट व्यवसायी राजेश कुमार पिता स्व. वीर बहादुर प्रसाद साहू, गोशाला रोड, बैरगनिया वार्ड नंबर-6 से एसएमएस के माध्यम से 30 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की गई थी। इस संबंध में बैरगनिया पुलिस स्टेशनके पांच कांडों एवं पुनौरा के एक तथा मेहसौल के दो कांडों में राणा वांटेड था। एसपी ने कहा कि इस शातिर क्रिमिनल की गिरफ्तारी के लिए इन्विस्टीगेशन न रेडिंग टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जायेगा।
राणा ने बैरगनिया से पूर्व रीगा में घटना की। उसी तरह परसौनी थाने के मदनपुर निवासी रामाशंकर शर्मा के साथ आर्म्स के बल लूटपाट की। मारपीट भी की गई थी। उसमें राणा सहित तीन लोग राजोपट्टी निवासी माहताब आलम, कोट बाजार निवासी आशुतोष उर्फ गोलू नामजद थे। ब्रांच मैनेजर अभिषेक कुमार के साथ पिस्टल के बल पर बाइक, मोबाइल व पैसा लूट में भी इन्हीं तीनों का नाम आया। नाहर चौक पर एक किराना व्यवसायी राजीव कुमार के पिता की मर्डर में भी राणा का नाम आया। इससे पूर्व राजीव मोबाइल के पिता की मर्डर हुई थी। उसकी रंजिश में यह मर्डर की गई बताई गई है।
सीतामढ़ी टाउन के आदर्श नगर में सुप्पी पुलिस स्टेशन एरिया कंसारा निवासी दशरथ सिंह के पुत्र मोलू कुमार की 31 जनवरी को मर्डर हुई थी। मोलू उसी राणा का सहयोगी था। हालांकि, राणा उस समय जेल में बंद था। इस मर्डर केस में मुकेश सिंह का नाम आया जो पुरनहिया पुलिस स्टेशन के हथसार गांव का रहने वाला है। राणा जब जेल से छूटा तो मोलू की मर्डर की रंजिश में राणा एंड कंपनी के लोग मुकेश की मर्डर की प्लानिंग कर लिया। इस बात की भनक मुकेश को लग गयी। कहा जा रहा है कि मुकेश सिंह ने राणा की खोज-खबर लेने के लिए उसके ही गांव के रहने वाले राकेश झा से मदद ली। राणा की ताक में मुकेश सिंहके आदमी राकेश के घर पर जाकर रूके भी। अब राणा अपने ग्रामीण राकेश झा के पीछे पड़ गया। मौका मिला तो सरेशाम राकेश को मौत के घाट उतारकर दहशत पैदा कर दी। राणा की अरेस्टिंग के बाद यह नई कहानी सामने आई है।
राकेश झा मर्डर केस में सातवां आरोपी राणा अरेस्ट
राकेश झा मर्डर केस में राणा के रूप में सातवीं गिरफ्तारी बताई गई है। पुलिस के अनुसार, राणा के साथ राकेश झा पर गोली चलाने वाला एक शख्स मोतिहारी के सुगौली पुलिस स्टेशन के सुगांव का रहने वाला हिमांशु झा पहले ही पकड़ा जा चुका है। बैरगनिया के यदुपटी राम का अमन पराशर उर्फ राणा पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। हिमांशु झा ने राणा के सहयोग से राकेश झा को गोली मारने की बात कबूल की थी। लाइनर की भूमिका डुमरबन्ना, बैरगनिया के विवेक कुमार पिता विनय चौधरी ने निभाई थी। राकेश झा के परिवार के लोग इस मर्डर को राजनीतिक वर्चस्व से जोड़ रहे थे। इसमें कई सफेदपोश व एक आर्म्स माफिया के भी संलिप्त होने की बात कही जाती रही है। एसपी ने उन सभी बातों को सिरे से खारिज कर दिया। राकेश झा मर्डर केस में हिमांशु झा, विवेक कुमार, मनीष कुमार, मनीष यादव, मुकेश झा और नीरज कुमार पहले ही अरेस्ट किये जा चुके हैं।
वर्ष 2016-17 से अपराध की दुनिया में है राणा
पुलिस के अनुसार अमन पराशर उर्फ राणा की क्राइम हिसट्री पांच वर्ष का है। वह 2016-17 से अपराध की दुनिया में है। इस दौरान दो मर्डर समेत एक दर्जन क्राइम में उसका नाम आया। बैरगनिया में एक रंगदारी के केस में पुलिस ने राणा का एक साथी हिमांशु झा और अन्य सहयोगी पकड़े गये थे। अन्य दो रंगदारी के मामले में इसने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।इंटरनेशनल कॉल फेक नंबर से कॉल करके, मोबाइल फोन पर एसएमएस भेजकर तथा पंपलेट फेंककर भी रंगदारी मांग रहा था।
राणा एक अगस्त को इसने पहली मर्डर की वारदात को मेहसौल ओपी एरिया में अंजाम दिया। इसके बाद मुजफ्फरपुर के अहियापुर में 24 अक्टूबर, 2017 को आम्र्स एक्ट में केस दर्ज हुआ। 2018 में मेहसौल ओपी में ही दूसरा केस फिर दर्ज हुआ। तीसरा व चौथा केस भी मेहसौल ओपी में ही 10 फरवरी, 2020 तथा 28 दिसंबर, 2020 को दर्ज हुआ। इसके बाद 2021 आते-आते इसने ताबड़तोड़ सात घटनाओं को अंजाम दिया।