धनबाद: JMM लीडर शंकर रवानी व बालिका देवी की मर्डर के लिए दी गयी थी 14 लाख रुपये सुपारी, पुलिस पूछताछ में शूटर का खुलासा
भौंरा गौरखूंटी निवासी जेएमएम लीडर शंकर रवानी व उनकी पत्नी बालिका देवी की मर्डर के लिए 14 लाख की सुपारी दी गयी है। सात क्रिमिनलों ने मिलकर दंपत्ति की मर्डर किया था।संबंधियों ने भी क्रिमिनलों से मिलकर मर्डर करवायी थी। पुलिस गिरफ्त में आये डबल मर्डर करने वाले मुख्य शूटर साकिर शाकिब हुसैन (गिरिडीह) ने पुलिस पूछताछ में यह खुलासा किया है।
- परिवारिक विवाद के कारण रिश्तेदारों ने ही मिलकर रची दंपत्ति की मर्डर की साजिश
- गिरिडीह व लोकल क्रिमिनलों की ली गयी थी मदद
- सात लोगों ने मिलकर दिया था डबल मर्डर को अंजाम
धनबाद।भौंरा गौरखूंटी निवासी जेएमएम लीडर शंकर रवानी व उनकी पत्नी बालिका देवी की मर्डर के लिए 14 लाख की सुपारी दी गयी है। सात क्रिमिनलों ने मिलकर दंपत्ति की मर्डर किया था। संबंधियों ने ही क्रिमिनलों से मिलकर मर्डर करवायी थी। पुलिस गिरफ्त में आये डबल मर्डर करने वाले मुख्य शूटर साकिर शाकिब हुसैन (गिरिडीह) ने पुलिस पूछताछ में यह खुलासा किया है।
सुदामडीह पुलिस ने छह माह बाद पुलिस ने डबल मर्डर केस के मुख्य शूटर शाकिब को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है।पारिवारिक विवाद के कारण रिश्तेदारों ने ही मिलकर शंकर व बालिक की मर्डर की प्लानिंग की थी।मर्डर के लिए गिरिडीह व लोकल क्रिमिनलों को बुलाया गया था। सात लोगों ने मिलकर डबल मर्डर को अंजाम दिया। सभी को दो-दो लाख रुपये यानी 14 लाख रुपये में सुपारी दी गई थी। सातों ने एक वीक तक भौंरा में रहकर शंकर रवानी की रेकी थी।रवानी फैमिली के एक संबंधी के श्राद्ध कार्यक्रम के दौरान सातों क्रिमिनल उस घर में रूके थे।
वर्ष 2020 की 10 अक्टूबर की रात शंकर व बालिका को घर में चाकू गोद व गोली मारकर मर्डर कर दी गयी थी। दंपत्ति के पुत्र करण रवानी में मामले में वरुण रवानी, विष्णु रवानी, पिंकी रवानी, अभिजीत रवानी,अमर रवानी, निशांत रवानी, तारापद रवानी, अजय रवानी, प्रकाश रवानी, दिलेश्वर रवानी व अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया था। मामले में चार आरोपित वरुण रवानी, विष्णु रवानी, तारापद रवानी व दिलेश्वर रवानी जेल में है।
मोबाइल डंप की छानबीन के बाद पकड़ में आया शूटर
शंकर रवानी और उनकी पत्नी बालिका देवी की मर्डर की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस की टीम जुटी थी। पुलिस ने घटना के दिन और आसपास वहां सक्रिय सैकड़ों मोबाइल नंबरों का कॉल रिकॉर्ड खंगाला। फिर एक-एक नंबर की छानबीन की गई। लगभग छह माह की मशक्कत के बाद पुलिस को गिरिडीह शबाना रोड गद्दी मोहल्ला निवासी साकिर शाकिब हुसैन का पता चला। पुलिस को उसकी क्राइम हिस्ट्री भी मिल गयी। कई बार शाकिब की खोज में दबिश दी गयी लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था। पुलिस पकड़ में आने के बाद शाकिब ने पूरी घटना की जानकारी दी। पूछताछ में उसने बताया कि घटना के बाद उसने दंपती पर चाकू से वार किया था।
माता-पिता की मर्डर के बाद अब मेरी जान को भी खतरा, बॉडीगार्ड मिले: करण
शंकर रवानी के बेटे करण रवानी ने कहा कि मेरे बड़े भाई आरटीआइ कार्यकर्ता कुणाल रवानी ने आरटीआइ के माध्यम से रेनबो कंपनी में लगभगतीन सौ करोड़ रुपये के घोटाले का मामला उजागर किया था। इस पर सीबीआइ जांच भी हुई थी। कुणाल की सक्रियता के कारण ही मर्डर कर दी गई। पुलिस जांच में भी यह बात सामने आई है कि रेनबो कंपनी के डायरेक्टर व उनके साथियों ने कुणाल की मर्डर की थी। इसके बाद मेरे माता-पिता की मर्डर कर दी गयी। करण ने कहा है कि मेरे माता-पिता की मर्डर में संलिप्त अन्य क्रिमिनलों को शीघ्र अरेस्ट करे। मेरे जान को भी खतरा हैं। मुझे बॉडीगार्ड उपलब्ध कराया जाना चाहिए।