धनबाद: कोलकाता से 35 दिनों बाद हर्ल का यूरिया रिएक्टर सिंदरी पहुंचा
हिदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) का यूरिया रिएक्टर सिंदरी पहुंच गया है।
धनबाद। हिदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) का यूरिया रिएक्टर सिंदरी पहुंच गया है। लगभग 120 फीट लंबा और 400 मीट्रिक टन वेट का यूरिया रिएक्टर कोलकाता कोलाघाट डाक 35 दिनों में सिंदरी पहुंचा है।कोलाघाट से मेसर्स मद्रास फ्राइट कैरियर नामक ट्रांसपोर्ट कंपनी ने हैवी वैकिल से हर्ल के मैटेरियल गेट डोमगढ़ सिंदरी पहुंचाया है।
120 फीट लंबा और 400 मीट्रिक टन वेट का है यूरिया रिएक्टर
यूरिया रियक्टर हैवी वाहन से पर डे लगभग 10 किलोमीटर की सफर तय की। बड़ी संख्या में लोग रिएक्टर को देखने हर्ल के मेटेरियल गेट पर पहुंचे थे। लार्सन एंड टूब्रो कंपनी ने हाजीरा गुजरात स्थित प्लांट में इस रिएक्टर का निर्माण किया था। हाजीरा प्लांट से रियक्टर को पोर्ट लाया गया। जलमार्ग से कोलकाता लाया गया। रिएक्टर सात जून को कोलकाता कोलाघाट डाक से सड़क मार्ग से सिदरी के लिए चला था।
सिंदरी में सात हजार करोड़ की लागत से हो रहा है हर्ल के उर्वरक संयंत्र का निर्माण
सिंदरी में सात हजार करोड़ रुपये की लागत से हर्ल के उर्वरक संयंत्र का निर्माण हो रहा है। जर्मन की कंपनी टेक्निप की टेकनीक पर सिंदरी के हर्ल उर्वरक संयंत्र का निर्माण हो रहा है। भारत की कंपनी लार्सन एवं टूब्रो सहायक कंपनी के रुप में काम कर रही है। इस उर्वरक संयंत्र का निर्माण पूरा हो जाने पर पर डे 2280 मीट्रिक टन अमोनिया और 3850 मीट्रिक टन यूरिया का प्रोडक्शन होगा। इस यूरिया संयंत्र की एनुअल प्रोडक्सन कैपिसिटी 11.7 मिलियन टन होगी। हर्ल के जीएम सुनील कुमार सिन्हा कहा है कि हर्ल मैनेजमेंट निर्धारित समय वर्ष 2021 की जून तक नये उर्वरक संयंत्र के कमिशनिग का काम पूरा कर देगा। ट्रायल के बाद 2021 में ही यूरिया का प्रोडक्शन शुरु हो जायेगा।