धनबाद: जज उत्तम आनंद मर्डर केस: सीबीआइ ने क्राइम सीन किया रिक्रिएट
सीबीआइ ने धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद मर्डर केस की जांच तेज कर दी है। सीबीआइ की नई दिल्ली से सीएफएसएल की टीम ने अफसरों के साथ शनिवार को रणधीर वर्मा चौक स्थित घटनास्थल पर क्राइम सीन रिक्रिएट किया
- आसपास इलाके की हुई वीडियोग्राफी
धनबाद। सीबीआइ ने धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद मर्डर केस की जांच तेज कर दी है। सीबीआइ की नई दिल्ली से सीएफएसएल की टीम ने अफसरों के साथ शनिवार को रणधीर वर्मा चौक स्थित घटनास्थल पर क्राइम सीन रिक्रिएट किया।
सीबीआइ घटनास्थल से एवीडेंस जुटाने के लिए काफी देर तक कवायद की। पूरे इलाके की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। घटनास्थल पर क्राइम सीन रीक्रिएशन किया गया। क्राइम सीन दोहरा कर टीम ने निरीक्षण किया। गंगा मेडिकल हॉल से सटा ही घटनास्थल है। यहां रोड पर एक ऑटो को दौड़ा गया। एक आदमी को ऑटो से धक्का मरवाया गया। पुतला सड़क किनारे गिर गया। सीबीआइ के सदस्यों ने इसका निरीक्षण किया।
अभी तक जज के परिजन व लोग जज की मौत को मर्डर बता रहे हैं।जांच को खुद सुप्रीट कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट मॉनिटरिंग कर रही है। ऐसे में सीबीआइ के समक्ष मामले में सच को सामने लाने की बड़ी चुनौती है। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी मौत को संदेहास्पद बता रही है।
ऑटो ड्राइवर व सहयोगी सीबीआई रिमांड पर
सीबीआइ ने जज उत्तम आनंद की आटो से टक्कर मारकर मर्डर करने के मामले में शुक्रवार जेल में बंद दोनों आरोपितों को पांच दिनों के लिए रिमांड पर लिया है। सीबीआइ की स्पेशल टीम के एसपी जगरूप एस सिन्हा और एएसपी सह केस के आईओ विजय कुमार शुक्ला के नेतृत्व में टीम कोर्ट पहुंची। सीबीआइ के आवेदन पर सीजेएम की कोर्ट में लंबित धनबाद थाना कांड संख्या 300 / 21 के पूरे रिकार्ड को सीबीआइ के स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। रिकार्ड एसडीजीएम की कोर्ट में पहुंचने के बाद सीबीआइ के विशेष अभियोजक कोर्ट पहुंचे। सीबीआइ की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की कोर्ट में अभियुक्तों को पांच दिनों के लिए हिरासत में देने की की अर्जी पर बहस हुई। कोर्ट ने दोनों आरोपितों को पांच दिनों के सीबीआइ कस्टडी में देने का आदेश जेल प्रशासन को दिया।
एसआइटी ने भी पुलिस कस्टडी लेकर किया था पूछताछ
इसके पूर्व मामले की जांच कर रही पुलिस की एसआइटी ने भी दोनों आरोपितों को 29 जुलाई की शाम पांच दिनों के पुलिस कस्टडी में लिया था। एसआइटी की पूछताछ में दोनों आरोपितों ने नशे में रहने के कारण टक्कर लग जाने की बात बताई थी। एसआइटी ने पुलिस कस्टडी की अवधि पूरी होने से पहले ही दोनों आरोपितों को दो अगस्त को जेल वापस कर दिया था।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। वॉक के दौरान ऑटो ने धक्का मार दिया जिससे उनकी मौत हो गी? घटना के बाद एक सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा था कि एक ऑटो में बैठे लोग किनारे की तरफ ऑटो ले जाकर उत्तम आनंद को धक्का मार दिया था। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। डीजीपी व चीफ सेकरेटरी से रिपोर्ट तलब की गयी थी। पुलिस हेडक्वार्टर ने एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं मिले पाया था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।