झरखंड CM हेमंत सोरेन के MLA भाई बसंत को हर महीने एक करोड़ ना मिलें तो उन्हें नींद नहीं आती: बाबूलाल मरांडी
झारखंड के एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 28 माह के कार्यकाल में हेमंत सोरेन सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया, जिससे जनता का भला हो पाता। उन्होंने कहा कि गांव में सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। लोग बिजली और पानी संकट का सामना कर रहे हैं, लेकिन सरकार समस्याओं को दूर करने की बजाय अपनों की झोली भरने में लगी हुई है।
- 28 माह के कार्यकाल में सरकार ने जनता का भला नहीं किया
दुमका। झारखंड के एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 28 माह के कार्यकाल में हेमंत सोरेन सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया, जिससे जनता का भला हो पाता। उन्होंने कहा कि गांव में सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। लोग बिजली और पानी संकट का सामना कर रहे हैं, लेकिन सरकार समस्याओं को दूर करने की बजाय अपनों की झोली भरने में लगी हुई है।
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बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी झारखंड में बिजली की आंख-मिचौनी और जल संकट के खिलाफ पार्टी की ओर से बुधवार को उपराजधानी दुमका में आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। एक्स सीएम ने कहा कि सीएम की पत्नी, प्रेस सलाहकार और दो प्रतिनिधियों ने पत्थर खदानों की लीज को अपने नाम करा लिया है। झारखंड में कमाओ-खाओ की नीति पर काम हो रहा है। इससे आम जनता का कुछ भला होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि दुमका एमएलए बसंत सोरेन को सिर्फ पैसों से मतलब है। जब तक उन्हें महीने में एक करोड़ रुपये नहीं मिल जाते, तब तक उन्हें नींद नहीं आती है।
उल्लेखनीय है कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं। सरकार बनाने के बाद सीएम हेमंत सोरेन के दुमका सीट को छोड़ने पर यह सीट रिक्त हुई, जिस पर उपचुनाव में बसंत सोरेन को जीत मिली थी।
सीएम को त्यागपत्र देना होगा या फिर होंगे बर्खास्त
बाबूलाल ने कहा कि दुमका ही नहीं, पूरे संताल परगना में हर अवैध काम धड़ल्ले से हो रहा है। इसे रोकने वाला कोई नहीं है। जब रोकने वाले ही अवैध कार्यों में लिप्त होंगे तो जिले का क्या होगा। इसका भगवान ही मालिक है।बाबूलाल मरांडी कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने असंवैधानिक तरीके से नियमों का उल्लंघन कर खुद के नाम पर खदान लीज व अपनी पत्नी के नाम जमीन आवंटित कराई है। उन्हें विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र तो देना ही होगा। अन्यथा वह बर्खास्त किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दुमका के नाला क्षेत्र से प्रतिदिन 300 ट्रक कोयले की तस्करी हो रही है। शिकारीपाड़ा, गोपीकांदर में पासिंग का धंधा चल रहा है। शिकारीपाड़ा में रैक पर भी सोरेन परिवार का कब्जा है।
कितने आदिवासियों को मिली है जमीन व खदान की लीज
बाबूलाल ने कहा कि खुद को आदिवासियों का हितैषी बताने वाले हेमंत सोरेन को यह बताना चाहिए कि 28 माह के शासन काल में कितने आदिवासियों को खनन के लिए लीज दी गई है। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि कितने आदिवासी व पहाड़िया को उद्योग के लिए जमीन आवंटित की गई है। उन्होंने कि हेमंत सरकार ने तो पिछड़ों के साथ भी छल किया है। पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म कर चुनाव करवा रही है। बीजेपी ने सदन में यह मांग की है कि दो माह विलंब से ही सही, लेकिन बिना आरक्षण चुनाव नहीं कराया जाना चाहिए, लेकिन सरकार इसे मानने को तैयार नहीं हुई।
बीजेपी के दुमका एमपी सुनील सोरेन ने कहा कि विवश होकर आज पार्टी को सड़क पर उतरना पड़ा है। अगर सरकार लोगों की समस्याओं को दूर नहीं करती है तो सीएम को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।